Vastu Tips : भवन का द्वार अपने आप बंद होता है तो सावधान हो जाएं | Vastu Tips for home Door, Know Importance in hIndi

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Vastu Tips in hindi: बाजार से स्वस्तिक का स्टिकर लाकर भी चिपकाया जा सकता है। द्वार के समीप तुलसी या मनी प्लांट का पौधा लगा दें।

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Vastu Tips :


Vastu
Tips
for
home
Door:

वास्तुशास्त्र
में
घर
के
मुख्य
द्वार
को
सबसे
महत्वपूर्ण
कहा
गया
है।
यही
वह
सबसे
पहला
स्थान
होता
है
जिसमें
से
होकर
घर
के
सदस्य
और
आगंतुक
घर
के
भीतर
प्रवेश
करते
हैं।
इसलिए
मुख्य
द्वार
की
बनावट,
आकृति
से
लेकर
उसके
दोष
और
गुण
पर
बहुत
ध्यान
दिया
जाना
चाहिए।
आमतौर
पर
लोग
द्वार
पर
ध्यान
नहीं
देते
और
यदि
उसमें
कोई
दोष
रह
गया
है
तो
उसके
कारण
परिवार
में
अनेक
प्रकार
की
परेशानी
आती
है।
सबसे
बड़ी
बात
यह
कि
यदि
मुख्य
द्वार
खोल
देने
पर
अपने
आप
बंद
हो
जाता
हो
तो
वह
सबसे
ज्यादा
अशुभ
होता
है।
ऐसे
घर
में
रहने
वाले
सदस्यों
को
कई
प्रकार
की
हानियों
का
सामना
करना
पड़ता
है।
धन
हानि,
जन
हानि
और
मान
हानि
जैसी
परिस्थितियां
सामने
आती
हैं।
इस
लेख
में
हम
जानेंगे
द्वार
से
जुड़े
दोष
और
उन्हें
दूर
करने
के
उपाय।


द्वार
के
लिए
नियम

वास्तुशास्त्र
का
सामान्य
नियम
यह
है
कि
दरवाजे
की
चौड़ाई
से
दोगुनी
ऊंचाई
होनी
चाहिए।
लेकिन
चौड़ाई
चार
फीट
या
कम
से
कम
साढ़े
तीन
फीट
अवश्य
होनी
चाहिए।
विश्वकर्मा
प्रकाश,
बृहतसंहिता
में
द्वारों
की
ऊंचाई
चौड़ाई
से
तिगुनी
तक
रखने
की
बात
कही
गई
है।


ये
होते
हैं
द्वार
दोष

  • द्वार
    की
    चौड़ाई
    और
    ऊंचाई
    नियमानुसार
    नहीं
    होने
    से
    परिवार
    के
    मुखिया
    के
    सिर
    पर
    भार
    अनुभव
    होता
    रहता
    है।
  • दरवाजा
    अत्यंत
    संकरा,
    विकृत,
    अतिऊंचा,
    शिथिल,
    टेढ़ा,
    अति
    विशाल,
    नहीं
    होना
    चाहिए।
    विकृत
    द्वार
    धन
    हानि
    के
    कारण
    बनते
    हैं।
  • दरवाजा
    बंद
    करते
    या
    खोलते
    समय
    चर-चर
    की
    आवाज
    आती
    है
    तो
    ऐसा
    दरवाजा
    अशुभ
    होता
    है।
    वह
    गृह
    क्लेश
    पैदा
    करता
    है।
  • दरवाजा
    यदि
    खोलने
    के
    बाद
    थोड़ी
    देर
    ऐसे
    ही
    छोड़
    दिया
    जाए
    और
    वह
    अपने
    आप
    बंद
    हो
    जाता
    है
    तो
    वह
    सबसे
    ज्यादा
    अशुभ
    होता
    है।
    ऐसा
    दरवाजा
    जन
    और
    धन
    की
    हानि
    करवाता
    है।
  • घर
    के
    भीतर
    एक
    ही
    सीध
    में
    दो
    से
    ज्यादा
    दरवाजे
    नहीं
    होने
    चाहिए।
  • दरवाजे
    दीवार
    की
    सीध
    में
    होने
    चाहिए
    अन्यथा
    आर्थिक
    हानि
    होती
    रहती
    है।
  • मुख्य
    प्रदेश
    द्वार
    की
    चौखट
    के
    ऊपर
    झरोखा
    होना
    चाहिए।
    इससे
    घर
    में
    आनंद
    मंगल
    रहता
    है।
  • दरवाजे
    की
    लकड़ी
    में
    दरार
    नहीं
    होनी
    चाहिए
    अन्यथा
    दरिद्रता
    उत्पन्न
    होती
    है।
  • आजकल
    दरवाजे
    की
    दहलीज
    नहीं
    बनाई
    जाती
    है,
    कम
    से
    कम
    मुख्य
    दरवाजे
    की
    दहलीज
    अवश्य
    बनाई
    जानी
    चाहिए।


द्वार
दोष
दूर
कैसे
करें

कई
बार
ऐसा
होता
है
कि
घर
तो
बन
जाता
है
और
दोष
रह
जाता
है,
ऐसे
में
तोड़फोड़
करना
संभव
नहीं
होता।
यदि
आपके
घर
में
किसी
प्रकार
का
द्वार
वेध
या
द्वार
दोष
रह
गया
है
तो
उसके
लिए
कुछ
उपाय
किए
जा
सकते
हैं।
द्वार
दोष
दूर
करने
के
लिए
सबसे
पहले
अपने
घर
के
मुख्य
प्रवेश
द्वार
की
चौखट
के
चार
अंगुल
ऊपर
लाल
रंग
का
स्वस्तिक
बना
दें।
यह
सिंदूर
या
कुमकुम
से
बनाया
जा
सकता
है।

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Vastu
Tips
For
Bedroom:
बेडरूम
का
रंग
है
गड़बड़
तो
पति-पत्नी
में
नहीं
रहेगा
प्रेम

English summary

Here is Vastu Tips for home Door, Know Importance in hIndi.

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