न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Sun, 27 Mar 2022 05:08 PM IST
सार
वर्तमान में प्रदेश के 22 रूटों पर हेली सेवाएं संचालित की जा रही हैं। देहरादून से पहाड़ी इलाकों में जाने के लिए अब तक यहां आने वाले सैलानियों को सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता था। जिससे उन्हें वक्त ज्यादा लगता था। हेली सेवा होने की वजह से समय की बचत के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ेगा।

सचिव पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर को पुरस्कार देते केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि राज्य सरकार उड्डयन क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ सहयोगी बन हेली सेवाओं के विस्तार के लिए मिलकर काम कर रही है। उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य होने के कारण हवाई संपर्क और बुनियादी ढांचे के महत्व को समझता है। वर्तमान में प्रदेश के 22 रूटों पर हेली सेवाएं संचालित की जा रही हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने और देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ समय की बचत की जा रही है। अब तक यहां आने वाले सैलानियों को देहरादून से पहाड़ी इलाकों में जाने के लिए सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता था। जिससे उन्हें वक्त ज्यादा लगता था। हेली सेवा होने की वजह से उनके समय की बचत होगी और पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ेगा।
तीर्थयात्रियों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्री व पर्यटक आसानी से हेली सेवाओं के माध्यम से यात्रा करने के साथ राज्य के अन्य जगहों पर भी पहुंच पाएंगे। उड़ान योजना के तहत हेलिकॉप्टर की सुविधा देहरादून से टिहरी, देहरादून से गोचर, देहरादून से श्रीनगर, टिहरी से श्रीनगर, सहस्त्रधारा से चिन्यालीसौड़, देहरादून से हल्द्वानी और पंतनगर से पिथौरागढ़ के लिए दी जा रही है।
योजना के माध्यम से प्रदेश में 13 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत सहस्त्रधारा और केदारनाथ धाम में दो अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जिससे तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेगी। इसके अलावा राज्य में हेलीपोर्ट के विकास के लिए 24 स्थानों को चिन्हित किया गया है।
जो यह सुनिश्चित करेगा कि प्रदेश के सभी जगहों को हेली सेवा से जोड़ा जा सकेगा। जल्द ही सहस्त्रधारा से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ से अल्मोड़ा से सहस्त्रधारा, हल्द्वानी से मुनस्यारी, पिथौरागढ़ से मुनस्यारी और हल्द्वानी के लिए हेवी सेवा शुरू की जाएगी। उपलब्ध संसाधनों और सक्रिय पर्यटन स्थलों के आधार पर ऐसे पांच जगहों को चिन्हित किया गया है। जिन्हें वाटर एयरोड्रोम के रूप में विकसित किया जा सकेगा। इससे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।