रायपुर26 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

एक्टर और फिल्ममेकर तिग्मांशु धूलिया ने कश्मीर फाइल फिल्म को लेकर कहा कि देश में अगर सिर्फ नाच, गाना, हंसी , मजाक से हटकर पॉलिटिकल मुद्दों पर फिल्म बन रही है और लोग इसे देख रहे हैं तो यह अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल फिल्म्स मैंने देखी नहीं है मगर पॉलिटिकल मुद्दों पर फिल्म बनाना अच्छी बात है यह होना चाहिए।
तिग्मांशु धूलिया रायपुर में इन दिनों एक वेब सीरीज की शूटिंग कर रहे हैं । इस बीच उन्होंने संस्कृति विभाग के एक संवाद कार्यक्रम में शिरकत की । उन्होंने सिनेमा के बदलते स्वरूप को लेकर भी ऑडियंस से सीधे बातचीत की। इस दौरान उन्होंने दैनिक भास्कर को इंटरव्यू दिया जानिए क्या कुछ कहा इस फिल्म मेकर ने।
छत्तीसगढ़ में बनाएंगे वेब सीरीज
2 महीने पहले तिग्मांशु धूलिया छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में अपनी वेब सीरीज द ग्रेट इंडियन मर्डर की शूटिंग कर चुके हैं। तिग्मांशु ने दैनिक भास्कर को बताया कि अब वह इस वेब सीरीज का दूसरा पार्ट छत्तीसगढ़ में ही शूट करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहानी की जरूरत थी कि हम छत्तीसगढ़ को दिखाएं और अब वह कहानी आगे बढ़ चली है और अगली सीरीज में भी छत्तीसगढ़ में हम शूट करने जा रहे हैं।
रायपुर और आसपास के हिस्सों में सिनेमा के कामकाज के भविष्य को लेकर तिग्मांशु ने कहा कि यहां अच्छा माहौल है। लोग और टेक्निकल सपोर्ट मिल रहा है। इसलिए काम करने में आसानी हो रही है। मुंबई अब काफी महंगा हो चला है। मुंबई के बाद सिनेमा वाले यू पी गए और अब छत्तीसगढ़ में संभावनाएं बनाने से यहां भी काम करने में आसानी हो रही है। रायपुर एक अच्छा शहर है यहां कई अच्छी लोकेशंस मैंने काम के दौरान देखी हैं जिन पर शूटिंग हो सकती है और हम जल्द ही अपने अगले प्रोजेक्ट के साथ काम भी करेंगे।
बिना तैयारी के ना आए मुंबई
सिनेमा में हमेशा से लोगों का एक खास क्रेज रहा है । अक्सर लोग मुंबई जाकर फिल्मों में एक्टिंग करना चाहते हैं । इसे लेकर तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि बिना तैयारी के मुंबई आने का कोई फायदा नहीं है । उन्होंने कहा कि लंबा वक्त लगता है लोगों को एक्टिंग या फिल्म मेकिंग सीखने में । इसे लेकर अध्ययन बहुत जरूरी है। बिना स्टडी के कुछ नहीं होगा । लोग अक्सर यूं ही आ जाते हैं फिर भटकते रहते हैं।
ऐसे आगे बढ़ेगा छत्तीसगढ़ी सिनेमा
स्थानीय सिनेमा के विकास पर धूलिया ने अपना आइडिया पेश करते हुए कहा कि रीजन की बंदिशों को तोड़ते हुए फिल्म को आगे बढ़ना होगा। यानी कि फिल्मों को बड़े स्तर पर हिंदी में तैयार करें छत्तीसगढ़ी का भी उसमें इस्तेमाल करें मैंने खुद ऐसे कई प्रोजेक्ट किए हैं जो स्थानीय बोली भाषा के पर आधारित थे मगर बड़े प्रोजेक्शन के साथ वह फिल्में सामने आई और उस रीजन के साथ-साथ फिल्म को भी फायदा हुआ।