Thug company started in Bilaspur, absconded with lakhs of rupees; 8 permanent warrants issued | बिलासपुर में शुरू की ठग कंपनी, लाखों रुपए लेकर हो गए थे फरार; 8 स्थाई वारंट हुए हैं जारी

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बिलासपुरएक घंटा पहले

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रियल एस्टेट के नाम पर की थी धोखाधड़ी। - Dainik Bhaskar

रियल एस्टेट के नाम पर की थी धोखाधड़ी।

बिलासपुर में सस्ती में जमीन व मकान दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो रियल एस्टेट कारोबारियों को पुलिस ने मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। लाखों रुपए की ठगी करने वाले दोनों आरोपी केस दर्ज होने के बाद से फरार हो गए थे। उनके खिलाफ आठ स्थाई वारंट भी जारी किए गए थे। इस मामले में दो आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है।

मध्यप्रदेश के इंदौर सुखसागर अपार्टमेंट निवासी अनुराग कोन्हेर व वैदेही कोन्हेर सहित सूरज श्रीवास्तव व अभिजीत अस्तीकार ने मिलकर साल 2011-12 में सीएमडी चौक के पास वैदेही मैनेजमेंट एंड सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शुरू किया था। शहर के तिफरा सहित कई जगहों पर जमीन का एग्रीमेंट होने का दावा कर उन्होंने प्लॉट व मकान देने की योजना बनाई थी।

कंपनी के डॉयरेक्टर और अधिकारियों ने कम रेट पर प्लॉट व मकान की खरीदी बिक्री करने और बैंक लोन दिलाने की बात भी कही थी। उनकी बातों में आकर कई लोगों ने प्लॉट व मकान बुक करा लिए। लेकिन, बाद में पता चला कि न तो उनके पास जमीन है और न ही मकान है। लाखों रुपए देने के बाद जब जमीन की रजिस्ट्री कराने का समय आया, तब कंपनी को बंद कर सभी गायब हो गए थे।

इंदौर से पकड़े गए दोनों आरोपी
पुलिस केस दर्ज करने के बाद से आरोपियों की तलाश कर रही थी। इससे पहले भी दोनों आरोपी जमीन खरीद-बिक्री व धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तार किए गए थे। बाद में जमानत मिलने पर दोनों गायब हो गए थे। लिहाजा, कोर्ट ने उनके खिलाफ आठ स्थाई वारंट भी जारी किया था। पुलिस को पता चला अनुराग कोन्हेर और वैदेही कोन्हेर इंदौर में है। पुलिस ने वहां दबिश देकर उन्हें पकड़ लिया और शनिवार को बिलासपुर ले आई। इस मामले में फरार सूरज श्रीवास्तव अभिजीत आस्तीकर को पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है।

रिटायर्ड रेलकर्मी से भी की थी 95 लाख रुपए की ठगी
सरकंडा के लिंगियाडीह निवासी सदनकुमार बनर्जी (69) ने 30 अक्टूबर 2021 को तारबाहर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि कंपनी ने उन्हें जमीन व मकान दिलाने का झांसा दिया था। उन्होंने एग्रीमेंट कर कंपनी के बैंक खाते में 95 लाख रुपए जमा किया था। लेकिन, न तो उन्हें जमीन मिली और न ही रुपए वापस किए गए। उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने केस दर्ज किया था, तब से आरोपी फरार थे।

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