संगीत रचना और भाषण-वाद विवाद से शुरुआत, संस्कृत अकादमी में एक महीने तक होगा माघ महोत्सव

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  • This Event Of Sanskrit Academy, Which Started With Music Composition And Speech Debate, Should Be Celebrated For A Month.

जयपुरएक घंटा पहले

 
माघ महोत्सव के दौरान कई कार्यक्रम  आयोजित किए गए थे। - Dainik Bhaskar

माघ महोत्सव के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राजस्थान संस्कृत अकादमी की ओर से बुधवार को एक महीने के माघ महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त शासन सचिव पंकज ओझा ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलित कर प्रोग्राम शुरु किया। इस मौके पर संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी चंद्र प्रकाश शर्मा, संस्कृत विद्वान शिव चरण शर्मा और एसएसईटी महापुरा की उप निदेशक मनीषी लालस सहित कई संस्कृत विद्वान भी मौजूद थे। इस मौके पर पंकज ओझा ने कहा कि संस्कृत के बगैर भारत की पहचान ही नहीं है। भारत है तो संस्कृत है। पूरा विश्व संस्कृत पर रिसर्च कर रहा है। नासा भी संस्कृत के माध्यम से खोज करने की योजना बना रहा है वो चाहता है कि कम्प्यूटर की भाषा ही संस्कृत कर दी जाए तो अद्भुत परिणाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत में मनुष्य के मन में उठने वाली हर जिज्ञासा का समाधान है आवश्यकता है इस पर योजनाबद्ध अनुसंधान किए जाने की।

पंकज ओझा ने कार्यक्रम के दौरान संस्कृत के महत्व को बताया।

पंकज ओझा ने कार्यक्रम के दौरान संस्कृत के महत्व को बताया।

माघ महोत्सव की शुरूआत संस्कृत की राग माघ आधारित खास रचना ‘माघ राग’ के लोकार्पण से हुई। ये खास रचना अकादमी के लिए ग्रेमी अवार्ड विजेता पद्मभूषण पं. विश्व मोहन भट्ट ने तैयार की है। माघ राग मूल रूप से एक संस्कृत गीत है। इसे जाने-माने संस्कृत शास्त्री पद्मश्री अभिराज राजेन्द्र मिश्र ने लिखा है। बॉलीवुड सिंगर रवीन्द्र उपाध्याय ने स्वर दिए हैं। सुबह 11.00 बजे से ही गणगौरी बाजार स्थित वीरेश्वर भवन में संस्कृत के शिक्षकों और छात्रों की भाषण और डिबेट कॉम्पिटिशन भी आयोजित की गईं। महोत्सव के लिए अकादमी भारत की 21 भाषाओं के साहित्यकारों से रामायण-महाभारत आधारित रचनाएं लिखवाई जा रही हैं। 27 फरवरी को इनमें से दस भाषाओं की चयनित रचनाओं का जवाहर कला केन्द्र में कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। बाद में इन सभी 21 भाषओं की रचनाओं को अकादमी की ओर से प्रकाशित करवाया जाएगा। समारोह के दौरान इसके अलावा संस्कृत अन्त्याक्षरी, राष्ट्रीय वेद सम्मेलन, संस्कृत फिल्म महोत्सव और कई सब्जेक्ट्स पर वर्कशॉप भी किए जाएंगे।

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