गाजियाबाद14 मिनट पहले
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देश के सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद दूसरे नंबर पर है।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद दूसरे नंबर पर है। पिछले हफ्ते आई रिपोर्ट में ऐसा बताया गया है। गाजियाबाद की दूषित हो रही आबोहवा सुधारने के लिए नगर निगम ने बड़ी पहल की है। ‘लंग्स ऑफ गाजियाबाद’ स्कीम लांच की है। जापानी तकनीक ‘मियावाकी’ से पौधारोपण किया जाएगा। जहां-जहां थोड़ी-बहुत जमीन खाली है, वहां इस तकनीक से पौधे लगाए जाएंगे, जिससे वहां डेढ़-दो साल में सघन वन क्षेत्र बन सके।
नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया, हिंडन नदी साईं उपवन की जमीन पर इस तकनीक की शुरुआत की गई थी। सिर्फ एक साल में वहां सघन वन तैयार हो चुका है। कविनगर इंडस्ट्रियल एरिया में सात हजार पौधे लगाए गए हैं। इससे पहले विजयनगर में मियावाकी फॉरेस्ट पर काम शुरू हो चुका है, जहां 12 हजार से अधिक पेड़ होंगे।

गाजियाबाद में मियावाकी तकनीक से कई जगह पौधे रोपे जा रहे हैं।
क्या है मियावाकी तकनीक
जापान से निकली जंगल उगाने की ‘मियावाकी’ तकनीक को बॉटेनिस्ट अकीरा मियावाकी ने विकसित किया था। इसकी मदद से बहुत कम और बंजर जमीन में भी तीन तरह के पौधे (झाड़ीनुमा, मध्यम आकार के पेड़ और छांव देने वाले बड़े पेड़) लगाकर जंगल उगाया जा सकता है।
दुनियाभर में इस तकनीक से अब तक साढ़े तीन हजार से ज्यादा जंगल उगाए जा चुके हैं। तेलंगाना, महाराष्ट्र, बंगलुरु, मध्यप्रदेश की सरकारों ने भी मियावाकी तकनीक पर काम शुरू किया है। इस तकनीक से 2 फीट चौड़ी और 30 फीट पट्टी में 100 से अधिक पौधे रोपे जा सकते हैं। पौधे को 10 गुना तेजी से उगाने के साथ 30 गुना ज्यादा घना बनाया जा सकता है।
प्रदूषण की स्थिति जानिए
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार, 29 मार्च को गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में सबसे ऊपर रहा। यहां की एयर क्वालिटी 338 मापी गई, जो सबसे खराब श्रेणी में आती है। गाजियाबाद से सटे बुलंदशहर का एक्यूआई 308, दिल्ली का 274, ग्रेटर नोएडा का 229, मेरठ का 260, मुजफ्फरनगर का 237, नोएडा का 217 एक्यूआई दर्ज किया गया। कुल मिलाकर एनसीआर और इसके जिलों की एयर क्वालिटी अच्छी नहीं है।