साल का पहला सूर्यग्रहण लग रहा है। इस बार हाइब्रिड सूर्यग्रहण लग रहा है। यह एक दुर्लभ प्रकार का ग्रहण है।
Astrology
oi-Sushil Kumar

Hybrid
Solar
Eclipse
2023:
साल
का
पहला
सूर्यग्रहण
20
अप्रैल
यानी
गुरुवार
को
लग
रहा
है।
यह
सूर्यग्रहण
भूमंडल
पर
हो
रहा
है
परंतु
भारत
में
दिखाई
नहीं
देगा।
इस
बार
हाइब्रिड
सूर्यग्रहण
लग
रहा
है।
इस
बार
वलयाकार
ग्रहण
और
सूर्य
ग्रहण
का
संयोजन
होगा।
क्या
होता
है
हाइब्रिड
सूर्य
ग्रहण
हाइब्रिड
सूर्यग्रहण
एक
दुर्लभ
प्रकार
का
ग्रहण
है।
यह
वलयाकार
ग्रहण
और
कुल
सूर्यग्रहण
का
एक
संयोजन
है।
जो
लोग
इस
सूर्य
ग्रहण
को
देखेंगे,
वे
कुछ
सेकेंड
के
लिए
सूर्य
के
वलयाकार
आकार
को
देख
सकेंगे।
इसे
वलय
को
अग्नि
का
वलय
भी
कहा
जाता
है।
जब
चंद्रमा
की
छाया
पृथ्वी
के
पार
चली
जाती
है,
तब
यह
सूर्यग्रहण
लगता
है।
यह
सूर्यग्रहण
20
अप्रैल
को
भारतीय
समय
के
अनुसार
सुबह
7
बजकर
4
मिनट
से
दोपहर
12
बजकर
29
मिनट
तक
रहेगा।
ग्रहण
की
कुल
अवधि
5
घंटे
25
मिनट
रहेगी।
20
अप्रैल
को
लग
रहा
यह
सूर्यग्रहण
दक्षिणी
प्रशांत
महासागर
के
देशों
चीन,
अमेरिका,
मलेशिया,
जापान,
समोओ,
फिजी,
सिंगापुर,
थाइलैंड,
आस्ट्रेलिया,
अंटार्कटिका,
न्यूजीलैंड,
वियतनाम,
ताइवान,
इंडोनेशिया,
फिलीपींस,
दक्षिणी
हिंद
महासागर
में
दिखाई
देगा।
बता
दें
कि
एक
साल
में
चार
या
पांच
ग्रहण
लग
सकते
हैं
जिनमें
सूर्य
और
चंद्र
ग्रहण
दोनों
होते
हैं।
अक्सर
लोगों
को
कन्फ्यूजन
हो
जाता
है
कि
आखिर
सूर्य
ग्रहण
और
चंद्र
ग्रहण
में
अंतर
क्या
है?
सूर्य
ग्रहण:
जब
सूर्य
की
परिक्रमा
करते
हुए
सूर्य,पृथ्वी
और
चंद्रमा
एक
सीध
में
हो
जाते
हैं
यानी
कि
सूर्य
और
पृथ्वी
के
बीच
चंद्रमा
आ
जाता
है
तो
यह
स्थिति
सूर्य
ग्रहण
कहलाती
है।
चंद्र
ग्रहण:
अब
बात
चंद्रमा
पर
लगने
वाले
ग्रहण
की,
दरअसल
जब
चंद्रमा
और
सूर्य
के
बीच
में
पृथ्वी
आ
जाती
है
तो
ये
स्थिति
चंद्र
ग्रहण
की
कहलाती
है।
यह
सूर्य
ग्रहण
भारत
में
नहीं
दिखाई
देगा।
इसका
भारत
में
कोई
असर
नहीं
पड़ेगा।
यह
भी
पढ़ें-
Surya
Grahan
2023:
सूर्य
और
चंद्र
ग्रहण
में
क्या
अंतर
है?
English summary
Solar Eclipse 2023 Hybrid solar eclipse on April 20 not visible in india what effect