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बहिबल कलां में 2015 में हुई बेअदबी की घटना के मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं शिअद प्रधान सुखबीर बादल को तलब किया है। एसआईटी ने बुधवार को समन जारी कर सुखबीर बादल को छह सितंबर को पेश होने को कहा है। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नौनिहाल सिंह के नेतृत्व में गठित एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है।
इससे पहले सुखबीर बादल को 14 अक्तूबर 2015 को बाजाखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के संबंध में पंजाब पुलिस अधिकारी संस्थान, सेक्टर 32, चंडीगढ़ में 30 अगस्त को संबंधित रिकॉर्ड के साथ एसआईटी के सामने पेश होने को कहा गया था। हालांकि सुखबीर समन नहीं मिलने की बात कहकर एसआईटी के समक्ष पेश नहीं हुए थे।
अब यह पहली बार है जब पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नौनिहाल सिंह के नेतृत्व में एसआईटी ने बहिबल कलां फायरिंग मामले में सुखबीर को पूछताछ के लिए बुलाया है। एसआईटी सुखबीर से पूछताछ करना चाहती है कि वह गोलीबारी की घटना के समय गृह मंत्री थे, इसलिए 14 अक्तूबर 2015 को बहिबल कलां में फायरिंग का आदेश किसने दिया था। फायरिंग के किसी भी आदेश के संबंध में रिकॉर्ड पर कोई आधिकारिक निर्देश नहीं है।
नवंबर 2018 में हुई थी पूछताछ
इससे पहले पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में एसआईटी ने बहिबल कलां मामले में नवंबर 2018 में शिअद प्रमुख से पूछताछ की थी। अभी कुंवर विजय प्रताप आम आदमी पार्टी से विधायक हैं।
दोनों मामलों की साथ चल रही जांच
फरीदकोट की निचली अदालत ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार कोटकपूरा और बहिबल कलां दोनों मामलों में सुनवाई एक साथ चलेगी, इसके बाद जांच टीमों ने जांच प्रक्रिया में तेजी लाई है।
मैंने एसआईटी सदस्यों से बात की है और उनसे पूछा है कि मुझे कब आना है। बेअदबी के मामलों पर कांग्रेस ने पांच साल तक ड्रामा किया और अब असली दोषियों को पकड़ने की जगह आम आदमी पार्टी वही ड्रामा कर रही है। एसआईटी ने कम से कम एक हजार लोगों को बुलाया है। मुझे आरोपी नहीं कहा जाता है। मुझे जांच के उद्देश्य से पेश होने के लिए कहा गया है ताकि यह पता चल सके कि घटनाओं के समय क्या हुआ था। जब ये घटनाएं हुईं तब मैं देश में भी नहीं था। – सुखबीर बादल, अध्यक्ष, अकाली दल।