मशहूर पंजाबी गायक, रैपर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की रविवार शाम गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। हमलावर दो कारों में सवार होकर आए थे। सिद्धू पर हमला उस वक्त हुआ जब सिद्धू अपनी बुलेटप्रूफ कार में गांव खारा-बरनाला जा रहे थे। यह हत्या जिस तरह से अंजाम दी गई उससे यह साफ है कि इस वारदात को अंजाम देने के लिए पूरी योजना बनाई गई थी। किसी भी तरह की चूक न हो इसके लिए भी पूरी प्लानिंग थी।
आगे पढ़िए उन 10 मिनटों की कहानी जब मूसेवाला की कार को घेरकर 10 शूटरों ने ताबड़तोड़ 20 गोलियां चलाईं जिससे सिद्धू की बुलेटप्रूफ कार भी उन्हें नहीं बचा सकी…
क्या हमलावरों को थी सिद्धू के हर कार्यक्रम की जानकारी
जिस दिन इस हत्या को अंजाम दिया गया उस दिन पंजाबी रैपर की सुरक्षा में कई बदलाव हुए थे। एक दिन पहले तक सिद्धू की सुरक्षा में चार पुलिस गनमैन थे। इनमें से दो सुरक्षाकर्मियों को पंजाब सरकार ने वापस बुला लिया था। वारदात के वक्त दोनों सुरक्षाकर्मी साथ में नहीं थे। सिद्धू हमेशा बुलेटप्रूफ गाड़ी में चलते थे, लेकिन रविवार शाम को वह अपनी थार को खुद चलाकर जा रहे थे। हालांकि थार के शीशे बुलेटप्रूफ थे। इन सब बातों से ऐसा लगता है जैसे हमलावरों को पता था कि सिद्धू के साथ कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है और वह खुद कार चला रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, रविवार शाम पांच बजकर 45 मिनट पर शुभदीप सिंह उर्फ गायक सिद्धू मूसेवाला जब गांव जवाहरके में पहुंचे तो सिल्वर रंग की स्कॉर्पियो और सफेद रंग की बुलेरो गाड़ी पर आए शार्प शूटरों ने घेरकर मूसेवाला पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि शूटरों ने करीब दस मिनट तक ताबड़तोड़ फायरिंग कर बीस गोलियां चलाईं। दोनों गाड़ियों में करीब दस शूटर सवार थे और सभी के पास रिवाल्वर और पिस्तौल के अलावा विदेशी एके-47 थी। हमलावरों ने मूसेवाला की गाड़ी पर सामने और चालक साइड से लगातार गोलियां चलाईं।
सिर पर दो, सीने और सीधे हाथ पर लगीं तीन गोलियां,
इस दौरान दो गोलियां मूसेवाला के सिर पर, तीन गोलियां सीने और सीधे हाथ पर गोलियां लगीं, जिससे उनकी थार के अंदर ही मौत हो गई। गोलियों की आवाज सुनते ही आसपास के लोगों ने घरों के दरवाजे बंद कर लिए। वहीं बदमाश हत्या के बाद ललकारे मारते हुए फरार हो गए। सूत्रों ने बताया कि बदमाशों में शामिल दो ने वारदात के बाद पूरी जानकारी मोबाइल के जरिये किसी के साथ साझा की।
सिद्धू मूसेवाला जिस काले रंग की महिंद्रा थार में सवार थे, उस गाड़ी के शीशे बुलेटप्रूफ थे। लेकिन आरोपियों ने जिन रिवाल्वर और पिस्तौल से गोलियां दागीं वो विदेशी बताए जा रहे हैं। जिसके चलते सिद्धू को बुलेटप्रूफ शीशे भी नहीं बचा पाए।
हर समय रखता था 45 बोर का विदेशी पिस्टल
सिद्धू मूसेवाला के पास हर समय 45 बोर का विदेशी पिस्टल रहता था, जो वह अपनी सुरक्षा के लिए रखते थे, लेकिन आरोपियों ने मूसेवाला को विदेशी पिस्टल चलाने तक का मौका नहीं दिया। सूत्रों ने बताया आरोपियों ने सबसे पहले मूसेवाला के सिर और माथे पर गोलियां दागीं, जो मौत का मुख्य कारण बनीं।