Astrology
lekhaka-Gajendra sharma
नई दिल्ली, 29 सितंबर। ज्योतिष की भाषा में किसी ग्रह के अस्त होने का अर्थ है कि वह सूर्य के इतना निकट पहुंच जाता है कि उसकी अपनी कोई आभा, कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है। सूर्य के प्रभाव में प्रत्येक ग्रह क्षीण हो जाता है, सूर्य की चमक में ग्रह की अपनी आभा खो जाती है इसलिए उसे अस्त कहा जाता है। वर्तमान में सूर्य और शुक्र दोनों कन्या राशि में चल रहे हैं। 30 सितंबर 2022 को गोचर करते हुए शुक्र सूर्य के इतना निकट पहुंच जाएगा कि वह दिखाई नहीं देगा, अर्थात वह अस्त हो जाएगा। शुक्र पूर्व दिशा में अस्त हो रहा है।

राशियों पर प्रभाव
शुक्र भौतिक सुख-सुविधाओं, भोग-विलास, प्रेम संबंध, दांपत्य सुख देने वाला ग्रह है। शुक्र के अस्त हो जाने से सभी राशियों के लिए इन सब प्रभावों में कमी आएगी। जिन लोगों की कुंडली में शुक्र खराब अवस्था में है, नीच राशि कन्या में है उनके लिए राहत वाली बात रहेगी क्योंकिअस्त हो जाने से शुक्र के बुरे प्रभाव कम होंगे।
अष्टमी-नवमी पूजन किस दिशा में
वासंतिक और शारदीय नवरात्रि में प्रत्येक हिंदू परिवार में अष्टमी या नवमी के दिन कुल देवी दुर्गा का पूजन किया जाता है। इसमें दिशा का बड़ा महत्व है। परिवारजन किस दिशा में मुंह करके पूजन करने बैठे यह शुक्र की उदय अथवा अस्त स्थिति से तय होता है। शुक्र यदि उदय अवस्था में है तो वह जिस दिशा में उदय है उस दिशा में परिवारजन मुंह करके पूजन नहीं कर सकते। अर्थात् शुक्र के सामने पूजन नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि शुक्र पश्चिम दिशा में उदय है तो पूजा करने वाले का मुंह पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए। इस बार शुक्र 30 सितंबर को पूर्व दिशा में अस्त हो रहा है। इसलिए अस्त अवस्था में पूर्व या पश्चिम किसी भी दिशा में पूजन किया जा सकता है।
Lalita Panchami 2022: संकटों का निवारण करती हैं देवी ललिता
English summary
Venus is going to set on September 30, its Good or bad? , read details here .
Story first published: Thursday, September 29, 2022, 7:00 [IST]