शनि प्रदोष व्रत 4 मार्च को है, इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करने से इंसान की सारी मुरादें पूरी होती हैं।
Astrology
lekhaka-Gajendra sharma

Shani
Pradosh
Vrat
2023:
इस
बार
फाल्गुन
मास
में
दो
शनि
प्रदोष
का
संयोग
बना।
पहला
शनि
प्रदोष
18
फरवरी
को
था
और
दूसरा
4
मार्च
को
आ
रहा
है।
इस
दिन
प्रदोष
काल
में
रवियोग
भी
बन
रहा
है,
जिसमें
भगवान
शिव
का
पूजन-साधना
सफलतादायक
रहेगी।
शनिप्रदोष
के
अगले
ही
दिन
अस्त
चल
रहे
शनि
उदय
होंगे।
साढ़ेसाती
के
बुरे
प्रभावों
में
कमी
आएगी
प्रदोष
के
दिन
व्रत
रखकर
भगवान
शिव
का
पूजन
किया
जाता
है।
इस
बार
बना
शनिप्रदोष
उन
लोगों
के
लिए
विशेष
महत्व
वाला
है
जिन
पर
शनि
की
साढ़ेसाती
चल
रही
है।
मकर,
कुंभ,
मीन
पर
साढ़ेसाती
चल
रही
है
और
कर्क,
वृश्चिक
पर
लघु
कल्याणी
ढैया
चल
रहा
है।
इन
पांचों
राशि
के
जातकों
को
यह
शनिप्रदोष
व्रत
अवश्य
करना
चाहिए।
इससे
साढ़ेसाती
के
बुरे
प्रभावों
में
कमी
आएगी।
क्या
करें
-
प्रात:
व्रत
का
संकल्प
लें।
अपनी
किसी
विशेष
कामना
की
पूर्ति
के
लिए
व्रत
कर
रहे
हैं
तो
उसका
भी
ध्यान
करें।
दिनभर
निराहार
रहते
हुए
व्रत
के
नियमों
का
पालन
करें।
सायंकाल
प्रदोषकाल
में
भगवान
शिव
का
विधिवत
पूजन
करें।
पूजा
में
बिल्व
पत्र
का
प्रयोग
अवश्य
करें। -
शनि
की
पीड़ा
से
मुक्ति
के
लिए
महामृत्युंजय
मंत्र
का
जाप
करते
हुए
पंचामृत
से
अभिषेक
करें। -
पुष्टि
की
प्राप्ति
और
रोगों
के
निवारण
के
लिए
शहद
से
शिवजी
का
अभिषेक
करें। -
बिल्व
पत्र
पर
शहद
लगाकर
अर्पित
करें। -
अगर
कोई
काम
बन
नहीं
रहा
है।
कठिन
परिश्रम
के
बाद
भी
धन
की
आवक
नहीं
हो
रही
है।
आवक
होने
के
बाद
भी
पैसों
की
बचत
नहीं
हो
रही
है
और
यहां-वहां
अनावश्यक
रूप
से
खर्च
हो
रहा
है
तो
इस
शनिप्रदोष
के
दिन
पारद
के
शिवलिंग
का
अभिषेक
करें। -
लक्ष्मी
की
प्राप्ति
के
लिए
शनिप्रदोष
के
दिन
सात
मुखी
रुद्राक्ष
को
अभिमंत्रित
करके
लाल
धागे
में
पहनें। -
फंसा
हुआ
पैसा
भी
मिलने
लगेगा
और
धन
की
आवक
अनेक
माध्यमों
से
होने
लगेगी। -
शनिप्रदोष
के
दिन
शमी
पत्र
का
पौधा
घर
में
लगाएं
शनि
की
समस्त
पीड़ाओं
से
मुक्ति
मिलेगी।
Holi
2023:
होली
में
क्यों
होता
है
अबीर-गुलाल
का
प्रयोग?
English summary
Shani Pradosh Vrat 2023 on 4rth March. here is Puja Time and do-donts.