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आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर घर-घर तिरंगा अभियान के तहत मध्य प्रदेश के इंदौर में एक गुरुद्वारा साहिब की इमारत पर तिरंगा फहराने का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने संज्ञान लिया है। कमेटी के अध्यक्ष ने इस पर एतराज प्रकट किया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब की इमारत पर देश का तिरंगा फहराया जाना सिख मर्यादा के खिलाफ है। इस घटनाक्रम की एसजीपीसी जांच करवाएगी। उन्होंने जांच का आदेश दिया है।
धामी ने कहा कि मध्य प्रदेश के इंदौर में श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित ऐतिहासिक गुरुद्वारा इमली साहिब है। गुरुद्वारा इमली साहिब पर तिरंगा फहराया गया था। धामी ने कहा कि सिख रहत मर्यादा के अनुसार श्री गुरु नानक देव जी से जुड़े इस ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब में केवल खालसा केसरी निशान साहिब को ही फहराया जा सकता है। जिसने भी यह गलती की है, वह इस घटना के लिए जिम्मेदार है। इसकी जांच का आदेश दिया है। मामले की जांच में जो भी आरोपी पाया जाएगा, उसके खिलाफ धार्मिक नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
धामी ने कहा कि पहले ही गुरुद्वारों पर तिरंगा न फहराने की हिदायत जारी की जा चुकी है। एसजीपीसी समझती है कि सिख रहत मर्यादा के अनुसार किसी भी गुरुद्वारा साहिब पर सिर्फ खालसा केसरी झंडा ही फहराया जा सकता है। इससे पहले हरियाणा सरकार ने प्रदेश के गुरुद्वारों पर तिरंगा फहराने की बात कही थी। जिसका एसजीपीसी ने विरोध किया था। बाद में हरियाणा सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश में रहते हैं।
चप्पड़चिड़ी की मीनार-ए-फतेह को तिरंगे से रोशन करने पर भी आपत्ति
हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि पंजाब सरकार ने सिख जनरल बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा सरहिंद की विजय के उपलक्ष्य में चप्पड़चिड़ी में बनाए गए स्मारक मीनार-ए-फतेह को रोशनी से तिरंगा रंग में रंग सिख भावनाओं को आहत किया है। अगर आम आदमी पार्टी की नेतृत्व वाली सरकार ने यह फैसला वापस न लिया तो सिख पंथ इस का विरोध करेगा। पंजाब सरकार को सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की किसी भी तरह इजाजत नही दी जाएगी।