रायपुर8 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

कार्यक्रम में कई स्कूलों को सम्मानित किया गया।
रायपुर और आस-पास के इलाकों के 36 स्कूलों को शिक्षा, खेल, इनोवेशन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर काम करने की वजह से सम्मानित किया गया। निजी होटल में आयोजित बेस्ट स्कूल ऑफ द ईयर 2121 अवॉर्ड फंक्शन में शहर के महापौर एजाज ढेबर, महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक और एसआरएम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर वीएस राव मौजूद रहे।
यहां स्कूलों ने अपने यूनिक प्रयोग साझा किए। अलग-अलग फील्ड के एक्सपर्ट्स ने यहां शिक्षा के साथ-साथ स्कूलाें में पर्सनैल्टी डेवलपमेंट जैसे पार्ट को शामिल किया जाए। काबिल स्टूडेंट के साथ-साथ अच्छा इंसान बनाने का जिम्मा भी स्कूलों पर ही है। प्रोफेसर वीएस राव ने स्कूलों को क्वालिटी एजुकेशन देने और प्रैक्टिकल पर ज्यादा फोकस करने कहा। उन्होंने बताया, अब इंफ्रास्ट्रक्चर भी प्रैक्टिकल एजुकेशन को ध्यान में रखकर बनाए जाने की जरूरत है। क्लासरूम में नॉर्मल सिटिंग के बजाय 360 डिग्री में घूमने वाली चेयर होनी चाहिए, ताकि क्लासरूम को तुरंत डिस्कशन रूम में तब्दील किया जा सके।
इनका हुआ सम्मान
समारोह में 12 कैटेगिरी में 36 स्कूलों को सम्मानित किया गया। इसमें सीबीएसई, आईसीएसई और सीजी बोर्ड के सरकारी और निजी स्कूल शामिल रहे। केंद्रीय विद्यालय वन, केंद्रीय विद्यालय टू और जवाहर नवोदय विद्यालय माना को अच्छी शिक्षा के लिए बेस्ट गवर्नमेंट स्कूल के खिताब से नवाजा गया। स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए बेस्ट स्कूल का खिताब राजकुमार कॉलेज, डीपीएस रायपुर और केपीएस डूंडा को दिया गया। छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए स्कूल कैंपस में 100 से ज्यादा बाल शहीदों की कहानी के साथ बाल शहीद वाटिका बनाने वाले द ग्रेट इंडिया स्कूल काे पैट्रियॉटिज्म यानी देशभक्ति की कैटेगिरी में सम्मानित किया गया।
लड़कों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाना होगा
महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा, समाज बदल रहा है। समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी को बेहतर परवरिश देना जरूरी है। हर स्कूल में लड़कियों को अनिवार्य रूप से मार्शल आर्ट सिखाना चाहिए। इससे किसी भी विपरीत परिस्थितियों में वे अपनी रक्षा खुद कर सकेंगी। वहीं, लड़कों के लिए खासतौर पर स्कूल में कुकिंग कॉम्पिटीशन रखना चाहिए। इससे समाज में पॉजीटिव चेंजेस आएंगे। इसी तरह हमें बच्चों को, खासतौर पर लड़कों को हर महिला का सम्मान करना सिखाना होगा।
शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी
महापौर एजाज ढेबर ने कहा, शिक्षा तब तक अधूरी है जब तक बच्चा संस्कारित न हो। पैरेंट्स के साथ ही ये स्कूलों की भी जिम्मेदारी है कि वे विषय का ज्ञान देने के साथ ही बच्चों को संस्कार भी सिखाएं। बड़ों का सम्मान करना, घर के साथ ही शहर साफ रखना जैसी बातें भी बच्चों को सिखानी चाहिए।