शिवानी सहगल/मजीठा(अमृतसर)26 मिनट पहले
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पंजाब में चुनाव प्रचार आज शाम खत्म हो रहा है मगर दोबारा सत्ता में आने के लिए दम ठोंक रही कांग्रेस अभी तक अपना चुनावी मेनिफेस्टो जारी नहीं कर पाई है। पंजाब में 2 दिन बाद यानि 20 फरवरी को वोटिंग है। यूपी के लिए 3-3 मेनिफेस्टो जारी करने वाली कांग्रेस पंजाब के वोटरों को बता ही नहीं पाई कि प्रदेश को लेकर उसका विजन क्या है? इससे पार्टी के अंदर भी एक लेवल पर नाराजगी है।
6 फरवरी को चरणजीत चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किए जाने से पहले तक हर जगह अपने पंजाब मॉडल का गुणगान करने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू भी 10 दिन से चुप हैं। हां, प्रचार के लिए पंजाब पहुंचे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कई चुनावी वादे जरूर किए मगर पार्टी कोई ऑफिशियल डॉक्यूमेंट जारी नहीं कर पाई।

कांग्रेस हाईकमान ने अपने राज्यसभा मेंबर और कादियां से चुनाव लड़ रहे प्रताप सिंह बाजवा को बाकायदा चुनाव मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया मगर पार्टी कोई मेनिफेस्टो ला ही नहीं पाई। चुनाव घोषणा-पत्र में हो रही देरी से चिंतित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कई दिनों से इसे जल्द से जल्द जारी करने के पक्ष में खड़े नजर आए, मगर प्रचार के आखिरी दिन तक पार्टी अपने चुनावी वादों का कोई डॉक्यूमेंट जारी नहीं कर पाई। विजन डॉक्यूमेंट न आने से नाराज पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘वे किसका इंतजार कर रहे हैं? चुनाव घोषणापत्र के लिए समिति का गठन भी क्यों किया गया?’
एक अन्य नेता ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि पंजाब में कांग्रेस की अगुवाई कर रहे लोगों के पास कोई स्पष्ट विजन ही नहीं है। सिर्फ घोषणाएं की जा रही हैं। इन नेताओं का ध्यान मेनिफेस्टो से ज्यादा अपने आंतरिक झगड़ों पर लगा है। सिद्धू अपना पंजाब मॉडल पेश कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी अपने मुफ्त उपहारों की घोषणा कर रहे हैं। पार्टी नेतृत्व को चाहिए कि इन सभी को पार्टी के ऑफिशियल इलेक्शन मेनिफेस्टो में शामिल करना चाहिए। तभी लोगों को पता चलेगा कि आखिर कांग्रेस पार्टी की पंजाब के भविष्य को लेकर क्या सोच है।’

बाजवा बोले-ऑनलाइन लाएंगे मगर कब, पता नहीं
कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित इलेक्शन मेनिफेस्टो कमेटी के प्रमुख, पार्टी के राज्यसभा सांसद और कादियां सीट से पार्टी कैंडिडेट प्रताप सिंह बाजवा ने गुरुवार को चुनाव घोषणापत्र ऑनलाइन जारी करने की बात कही थी। बाजवा के अनुसार, बाद में कांग्रेस पार्टी इसकी प्रिंट कॉपी जारी करेगी मगर गुरुवार भी निकल गया और मेनिफेस्टो नहीं आ पाया।
गौरतलब है कि जनवरी महीने में बाजवा और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू ने घोषणापत्र पर चर्चा करने के लिए जालंधर में बैठक की थी। उस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने पत्रकारों से बातचीत भी की। तब सिद्धू ने केवल अपने चर्चित ‘पंजाब मॉडल’ पर चर्चा करते हुए दावा किया कि इससे पंजाब की पूरी अर्थव्यवस्था बदल जाएगी। सिद्धू के साथ मौजूद बाजवा ने भी उनके 13 सूत्रीय चार्टर का समर्थन करते हुए कहा था कि उनके सभी पाॅइंट पार्टी के चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा होंगे। ये बात अलग है कि पार्टी कोई घोषणा-पत्र बना ही नहीं पाई।