लखनऊएक घंटा पहले
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शक्ति भवन पर प्रदर्शन करते बिजली विभाग के कर्मचारी।
न्यूनतम मजदूरी 21 हजार रुपए करने, बिल संशोधन बिल 2021 को रद्द करने समेत कई मांगों को लेकर श्रम संगठनों के हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिला। पीएनबी और एसबीआई जैसे बैंक में जहां असर कम था , वहीं बाकी बैंक पर ताला लटका मिला। इसके अलावा लखनऊ में डाक विभाग पूरी तरह चालू रहा लेकिन बीएसएनएल और एलआईसी में हड़ताल सफल रही। इसके अलावा बिजली विभाग में कर्मचारियों ने पूरी तरह से कार्य बहिष्कार जारी रखा। शक्ति भवन पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस या कोई शासन स्तर पर व्यक्ति आ न सके इसके लिए गेट पर ताला जड़ दिया गया। भारतीय मजूदर संघ को छोड़ कर सभी राष्ट्रीय श्रम संगठन इसमें शामिल हुए।
एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, टीयूसीसी, एलपीएफ सहित विभिन्न संगठन भाग लिया। सीटू के प्रदेश सचिव प्रेमनाथ राय ने बताया कि नए कानूनों में हड़ताल पर रोक लगाने का काम किया जा रहा है। इससे मजदूरों को शोषण बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इसमें हड़ताल में शामिल लोगों को भी दंड देने का प्रावधान तैयार किया गया है। न्यूनतम वेतन कानून में संशोधन करते हुये इसे 21 हजार प्रति माह किया जाये और इसे मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए।
बिजली विभाग के इंजीनियरों नहीं किया काम
उप्र अभियंता संघ ने आंदोलन के समर्थन में दो दिन काम नहीं करने का फैसला किया है। ऐसे में कई काम प्रभावित रहे। दो दिनों तक बिल सही करने, नया कनेक्शन देने समेत बिजली के कई काम प्रभावित होंगे। सीनियर और जूनियर इंजीनियर काम नहीं करेंगे। हालांकि एक दूसरे संगठन पावर आफिसर एसोसिएशन ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया है, लेकिन इनकी बाकी संगठन से ज्यादा नहीं है। ऐसे में ज्यादातर कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
प्रमुख मांग
- – न्यूनतम मजदूरी 21 हजार रुपए की जाए।
- चार श्रम संशोधन कानून रद्द करो ।
- बिजली संशोधन बिल 2021 को रद्द किया जाए।
- महंगाई पर रोक लगाते हुए डीजल और पेट्रोल के दाम कम किए जाए।
- आयकर न देने वाले सभी परिवार को 7500 रुपए दिया जाए ।
- जरूरतमंद परिवार को छह महीने तक दस किलो अनाज दिया जाए।
- उत्तर प्रदेश के सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण किया जाए।
- रेलवे, बैंक , बीमा और रक्षा क्षेत्र में निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
- मनरेगा के बजट में बढ़ोतरी की जाए।
- शहरी क्षेत्र में भी मनरेगा जैसी योजना लागू की जाए।
- उप्र में न्यूनतम वेतन के लिए समिति का गठन किया जाए।
- पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए।
- आशा, आंगनबाड़ी और मिड – डे मिल वर्कर को राज्य कर्मचारी घोषित करो।
- असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सुरक्षा दी जाए।
- महामारी के दौरान सेवा करने वाले फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षा और बीमा की सुविधा दी जाए।