Astrology
lekhaka-Gajendra sharma
Mrityu Yog: मनुष्य सबसे ज्यादा चिंतित और भयभीत अपनी मृत्यु से ही होता है। वह धन संग्रह, संचय और सारे भोग कर लेना चाहता है। उसे हर पल अभिनिवेश होता है अर्थात् हर क्षण उसे कुछ न कुछ छूट जाने का डर होता है। कई लोगों की अस्वाभाविक मृत्यु हो भी जाती है। हस्तरेखा शास्त्र में अस्वाभाविक मृत्यु होने के अनेक योग बताए गए हैं। रेखाओं, नक्षत्रों, विभिन्न चिन्हों के माध्यम से पता लगाया जा सकता है किव्यक्ति की मृत्यु कैसे होगी। हथेली में जीवनरेखा से व्यक्ति की आयु का पता लगाया जाता है और इस रेखा पर स्थित चिन्ह आदि मृत्यु और अन्य घटना-दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ योग

अस्वाभाविक मृत्यु योग
- जिस व्यक्ति के दोनों हाथों में जीवनरेखा पर क्रॉस का चिन्ह हो तो वह स्वाभाविक मृत्यु योग होता है।
- यदि जीवनरेखा चलते-चलते बीच में से कहीं टूट जाए।
- यदि जीवनरेखा के प्रारंभ में तारे का चिन्ह हो।
- यदि जीवनरेखा बाल की तरह पतली और अस्पष्ट हो।- जीवनरेखा अत्यंत गहरी और चौड़ी हो।
- यदि जीवनरेखा का रंग पीलापन लिए हुए हो।
- जीवनरेखा पर कोई धब्बा बना हुआ है।
- जीवनरेखा प्रारंभ में गुच्छे के समान हो।
- जीवनरेखा प्रारंभ में दो भागों में बंटी हुई हो।
- जीवनरेखा शुक्र के क्षेत्र में धंसी हुई हो।
- यदि जीवनरेखा अपने उद्गम स्थान से प्रारंभ होकर मणिबंध के दूसरे पोर तक पहुंच गई हो।
- यदि चंद्ररेखा आगे बढ़कर जीवनरेखा को काटती हुई शुक्र पर्वत तक पहुंचती हो।
- यदि अनामिका अंगुली पर तारे का चिन्ह हो।
- इनके अलावा भी सैकड़ों प्रकार के चिन्ह हैं।
क्या होती है अस्वाभाविक मृत्यु
किसी रहस्यमयी बीमारी से मृत्यु, भटकते हुए भूख-प्यास से मृत्यु, पशुओं के पैरों से कुचले जाने पर, पानी में डूबने से, आग से, वाहन दुर्घटना में, करंट लगने से, जेल में रहने से, मकान के नीचे दब जाने से, वृक्ष से गिर जाने से, किसी के द्वारा जहर दिए जाने से, किसी पारिवारिक कुचक्र में उलझ जाने के कारण।
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English summary
Man is worried about own death. Know about Unnatural demise Yoga or Mrityu Yog in Your Kundali.