कोरबा22 मिनट पहले
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इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुई हैं।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में SECL(साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के खिलाफ भू-विस्थापितों का गुस्सा फूट गया है। रविवार को अपनी मांगों को लेकर करीब 500 लोग खदान के अंदर घुस गए। इनकी मांग है कि इन्हें मुआवजा दिया जाए। साथ ही परिवार के जिन लोगों को नौकरी देने का वादा किया गया था। उन्हें भी नौकरी दी जाए। इसी बात को लेकर भू-विस्थापितों का पिछले एक महीने से धरना भी चल रहा है जो रविवार को उग्र हो गया।
दरअसल, SECL ने कुसमुंडा में खदान बनाने के लिए कई साल पहले वहां रहने वाले कई ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया था। उनसे वादा किया गया था कि उन्हें जहां विस्थापित किया जाएगा। वहां उन्हें पूरी सुविधा दी जाएगी। साथ ही मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इसके बाद कई परिवारों को वहां से दूसरे जगह पर बसा दिया गया था। कई लोगों की नौकरी भी लग गई थी।

जीएम ऑफिस के पास भी लोगों ने जमकर नारेबाजी की।
नौकरी और मुआवजा नहीं देने का आरोप
इधर, कई विस्थापितों का कहना है कि उनके परिवार के लोगों को आज तक नौकरी नहीं मिली है। ना ही मुआवजा दिया गया है। इसी बात को लेकर वह पिछले एक महीने से कुसमुंडा के जीएम ऑफिस के पास धरना दे रहे थे। उनका कहना है कि हमारी मांगों को सुना जाए। लेकिन अब तक बात नहीं बनी है। इसके चलते रविवार को करीब 500 लोग जीएम ऑफिस के सामने रैली लेकर निकले। ऑफिस के बाहर भी लोगों ने जमकर नारेबाजी की। फिल रैली निकालते हुए आगे बढ़े और कुसमुंडा खदान में घुस गए। इसके बाद वहां पर जमकर नारेबाजी भी की। इस प्रदर्शन में कई महिलाएं भी शामिल हुई हैं।

जीएम ऑफिस के बाहर भी इस तरह से पुलिसकर्मी तैनात थे।
कांग्रेस का भी समर्थन
वहीं भू-विस्थापितों के इस आंदोलन को रोजगार एकता संघ, माकपा और कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। इनके विरोध के वक्त सभी संगठनों के झंडे लिए लोग नजर आए। बताया जा रहा है कि सुबह 10.30 बजे से लोगों ने प्रदर्शन शुरू किया था। देर शाम तक चलता रहा। मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था।