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- ‘Mission Lies’ In Water Life; Door to door Connection Reality Shown On The Portal The Line Of Water Filling The Tank One Km Away
जयपुर/तूंगा39 मिनट पहलेलेखक: श्यामराज शर्मा/ अनिल शर्मा
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पोर्टल में माधोगढ़ में जमादारों की ढाणी में 17 घरों में कनेक्शन दिखाए हैं। सरपंच प्रतिनिधि पुष्पेंद्र सिंह गुमानपुरा ने बताया कि यहां जेजेएम में एक भी नल कनेक्शन नहीं लगाया गया है। सिंगल फेज ट्यूबवेल की टंकी से पानी भर कर ले जाते हैं।
जलदाय विभाग के इंजीनियरों और ठेकेदारों ने 60 हजार करोड़ के जल जीवन मिशन में झूठे आंकड़ों की जमकर मिलावट की है। चार्जशीट व कारण बताओ नोटिस से बचने के लिए पोर्टल पर फर्जीवाड़ा कर ‘हर घर नल कनेक्शन’ तो दिखा दिया, पर हकीकत में उन ढाणियों व गांव में टंकियों, पाइपलाइन व नल लगाने का काम ही नहीं हुआ। अब भी हर दिन सार्वजनिक नलों पर पानी के लिए कतार लगती है। महिलाएं सिर पर मटकी रख कर ले जाती हैं।
लोगों का कहना है इंजीनियरों ने घर-घर नल कनेक्शन का वादा कर आधार की कॉपी ली और पोर्टल पर चढ़ा दिया। पूरे मामले पर जल जीवन मिशन के डायरेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल से बात की तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। विभाग के अधीक्षण अभियंता आरसी मीना की दलील है कि पोर्टल पर एंट्री एक्सईएन व एईएन करता है। पोर्टल पर गलत एंट्री को एक्सईएन को चैक करना चाहिए था। इसमें अधीक्षण अभियंता का कोई रोल नहीं है।
जिम्मेदारो! तस्वीरें देखिए…ये झूठ नहीं बोलतीं
केस 1 : पोर्टल में माधोगढ़ में जमादारों की ढाणी में 17 घरों में कनेक्शन दिखाए हैं। सरपंच प्रतिनिधि पुष्पेंद्र सिंह गुमानपुरा ने बताया कि यहां जेजेएम में एक भी नल कनेक्शन नहीं लगाया गया है। सूरजन मीणा, प्रेम देवी, रामप्यारी, गीता देवी और नाहर सिंह ने बताया कि एक घर में भी नल नहीं है। सिंगल फेज ट्यूबवेल की टंकी से पानी भर कर ले जाते हैं।
केस 2 : हिम्मतपुरा के हरिराम मीणा की ढाणी के पोर्टल पर 24 कनेक्शन हैं पर यहां महिलाओं को बीसलपुर योजना में लगे नल से पानी भरना पड़ता है। नल से घड़ों व बाल्टियों में पानी भर कर 1 किमी तक जाना पड़ता है।

केस 3 : पोर्टल पर तूंगा में 832 कनेक्शन दिखाए है। तुंगा सरपंच कृष्णा गुप्ता ने बताया कि कस्बा में जेजेएम से एक नल कनेक्शन नहीं हुआ है। सब कनेक्शन सालों पुराने है। पोर्टल पर गलत एंट्री दिखाई है

लापरवाही, टेंडर और पैनल में नाम जोड़ने-हटाने में ही उलझे अधिकारी
जेजेएम की मॉनिटरिंग में गंभीर लापरवाही है। मिशन से जनता को फायदा देने के बजाए इंजीनियर मिलीभगत कर ठेकेदारों और बड़ी कंपनियों को काम बांटने का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। टेंडरों को पूलिंग कर रहे हैं। पाइप, वॉल्व, जॉइंट, सबमर्सिबल पंप सहित मेटेरियल की कंपनियों को पैनल में जोड़ने और हटाने के काम तक ही सीमित होकर रह गए हैं।
एसीई का आदेश था- चार्जशीट दी जाए…3 माह से सिर्फ खानापूर्ति ही
एसीएस सुधांश पंत ने 26 नवंबर 2021 को प्रशासन गांव के संग अभियान के निरीक्षण में कनेक्शन का टारगेट दिखाने के लिए पाइप डालकर छोड़ने का फर्जीवाड़ा पकड़ा था। साथ ही, लापरवाही में अधीक्षण अभियंता आरसी मीना, एक्सईएन राजेश पूनियां व कार्यवाहक एईएन मेघा सैनी को चार्जशीट के निर्देश दिए थे। तीन महीने में खानापूर्ती हो रही है। इंजीनियरों व ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं होने से दूसरे इंजीनियरों को भी गड़बड़ी करने का हौसला मिल रहा है।