सामुदायिक केंद्र के हॉल में बने इन पिलर की वजह से सही ढंग से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा। – फोटो : अमर उजाला
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चंडीगढ़ में मैरिज पैलेस न होने से लोग शादी समारोह के लिए जीरकपुर, पंचकूला और रामगढ़ का रुख करते हैं। इसे देखते हुए नगर निगम ने वर्ष 2021 में मैरिज पैलेस बनाने का फैसला किया था। सेक्टर-47 के सामुदायिक केंद्र (पुराना जंज घर) को तोड़कर बनाए जाने वाले इस मैरिज पैलेस पर 76 करोड़ का खर्च होने हैं इसलिए इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाया जाएगा। आर्किटेक्ट विभाग ने नक्शा तैयार कर नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग को सौंप दिया है। निगम जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा।
निगम को सौंपे गए नक्शे में दो लेवल की बेसमेंट बनाई गई है। मैरिज पैलेस में तीन हॉल होंगे। पहला 500 लोगों की क्षमता वाला, दूसरा 300 और तीसरा 100 लोगों की क्षमता वाला होगा। उधर, स्थानीय पार्षद जसबीर सिंह ने सामुदायिक केंद्र की मरम्मत कराने की मांग की है लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस पक्ष में नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार, सामुदायिक केंद्र के हॉल में कई पिलर हैं, इसलिए उसका अच्छे से इस्तेमाल नहीं हो पाता। हॉल की क्षमता भी 200-250 लोगों की ही है जबकि कमरे काफी बड़े 20 बाय 20 फुट के हैं। इमारत भी काफी पुरानी है। इसमें कई जगह दरार भी पड़ चुकी है।
इच्छुक लोगों से ही पूछा जाएगा कि वह क्या चाहते हैं पीपीपी मोड पर मैरिज पैलेस को बनाने के इच्छुक लोगों के साथ नगर निगम के अधिकारी कई बैठकें कर चुके हैं। सभी वहां पर व्यावसायिक स्थान चाहते हैं इसलिए नगर निगम ने फैसला किया है कि एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया जाए ताकि इच्छुक एजेंसियां और लोग बता सकें कि वह डिजाइन में क्या-क्या चाहते हैं। उसके बाद एक डिजाइन को तय करने के बाद टेंडर जारी किया जाएगा। नवंबर माह में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया जा सकता है।
इसलिए पीपीपी मोड पर बनाने का हुआ फैसला
मैरिज पैलेस का खर्च करीब 76 करोड़ रुपये आ रहा है। मास्टर प्लान के कार्यान्वयन की बैठक में अधिकारियों ने पूछा था कि अगर नगर निगम या प्रशासन 76 करोड़ खर्च कर बनाए तो रिकवरी कितने वर्षों में होगी। मौजूदा दामों को जोड़ कर अधिकारियों ने बताया कि कि करीब 26 वर्ष में लगाया हुआ रुपया वापस आएगा इसलिए फैसला लिया गया कि इसे पीपीपी मोड पर ही बनाया जाएगा और जो भी कंपनी या एजेंसी मैरिज पैलेस को चलाएगी उसे लाभ का कुछ हिस्सा नगर निगम को भी देना होगा।
मैरिज पैलेस को लेकर चिंताएं भी हैं पीपीपी मोड पर मैरिज पैलेस बनेगा तो कंपनी अपने फायदे को देखते हुए मार्केट रेट के आधार पर दाम को तय करेगी जो काफी ज्यादा हो सकता है। पार्षद जसबीर सिंह ने कहा कि जिस गांव में वह रहते हैं, उसकी आबादी करीब 10 हजार है और 95 फीसदी लोग गरीब हैं। वह ज्यादा रुपया नहीं दे पाएंगे। साथ ही लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी 10 बजे डीजे बंद हो जाएगा इसलिए लोग शादी के लिए फिर भी जीरपुर व अन्य जगह ही जाएंगे।
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चंडीगढ़ में मैरिज पैलेस न होने से लोग शादी समारोह के लिए जीरकपुर, पंचकूला और रामगढ़ का रुख करते हैं। इसे देखते हुए नगर निगम ने वर्ष 2021 में मैरिज पैलेस बनाने का फैसला किया था। सेक्टर-47 के सामुदायिक केंद्र (पुराना जंज घर) को तोड़कर बनाए जाने वाले इस मैरिज पैलेस पर 76 करोड़ का खर्च होने हैं इसलिए इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाया जाएगा। आर्किटेक्ट विभाग ने नक्शा तैयार कर नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग को सौंप दिया है। निगम जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी करेगा।
निगम को सौंपे गए नक्शे में दो लेवल की बेसमेंट बनाई गई है। मैरिज पैलेस में तीन हॉल होंगे। पहला 500 लोगों की क्षमता वाला, दूसरा 300 और तीसरा 100 लोगों की क्षमता वाला होगा। उधर, स्थानीय पार्षद जसबीर सिंह ने सामुदायिक केंद्र की मरम्मत कराने की मांग की है लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस पक्ष में नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार, सामुदायिक केंद्र के हॉल में कई पिलर हैं, इसलिए उसका अच्छे से इस्तेमाल नहीं हो पाता। हॉल की क्षमता भी 200-250 लोगों की ही है जबकि कमरे काफी बड़े 20 बाय 20 फुट के हैं। इमारत भी काफी पुरानी है। इसमें कई जगह दरार भी पड़ चुकी है।
इच्छुक लोगों से ही पूछा जाएगा कि वह क्या चाहते हैं
पीपीपी मोड पर मैरिज पैलेस को बनाने के इच्छुक लोगों के साथ नगर निगम के अधिकारी कई बैठकें कर चुके हैं। सभी वहां पर व्यावसायिक स्थान चाहते हैं इसलिए नगर निगम ने फैसला किया है कि एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया जाए ताकि इच्छुक एजेंसियां और लोग बता सकें कि वह डिजाइन में क्या-क्या चाहते हैं। उसके बाद एक डिजाइन को तय करने के बाद टेंडर जारी किया जाएगा। नवंबर माह में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया जा सकता है।