गौतम बुद्ध नगर38 मिनट पहले
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नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर (एपेक्स-सियान) के ध्वस्तीकरण के दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के आसपास से हवाई जहाज नहीं गुजरेंगे। ध्वस्तीकरण के दौरान इस क्षेत्र को नो फ्लाइट जोन घोषित किया जाएगा। यह कितनी अवधि के लिए होगा, अभी तय नहीं है, लेकिन नोएडा प्राधिकरण की तरफ से उड्डयन विभाग और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर इस मामले में जल्द संज्ञान लेकर ध्वस्तीकरण के लिए अनापत्ति पत्र जारी करने बात कही गई है। अनापत्ति पत्र जारी होने के साथ ही नो फ्लाइट जोन की तिथि की अवधि भी तय हो जाएगी।
रन-वे पर उतरने के लिए नोएडा से लेना पड़ता है कर्व
नोएडा दिल्ली से सटा हुआ है। आईजीआई एयरपोर्ट के रन-वे से उड़ान भरने और उतरने वाले हवाई जहाज की ऊंचाई नोएडा के आसपास कम होती है। चूंकि नोएडा से आईजीआई एयरपोर्ट की हवाई दूरी 20 से 25 किलोमीटर है। एयरपोर्ट के रन-वे पर हवाई जहाज को उतरने के लिए नोएडा से कर्व लेना पड़ता है। इसलिए सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान नोएडा प्राधिकरण किसी भी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहता है।
20 मीटर ऊंची इमारत के निर्माण के लिए लेनी होती है NOC
नोएडा में जब भी किसी बहुमंजिला इमारत का निर्माण होता है और उसकी ऊंचाई 20 मीटर या इससे अधिक होती है तो उस इमारत निर्माण के लिए लिए बिल्डर को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अनापत्ति पत्र लेना अनिवार्य होता है। ऐसे में जिस ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर होना है। उसकी ऊंचाई भी 102 मीटर है। इसलिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का अनापत्ति पत्र लेना होगा।
निर्माण के लिए NOC, लेकिन ध्वस्तीकरण के लिए नहीं
सूत्र बताते हैं कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास इमारत निर्माण के दौरान अनुमति दिए जाने का नियम तो मौजूद है, लेकिन इमारत ध्वस्तीकरण को लेकर अनापत्ति पत्र देने का नियम शामिल नहीं है, फिर भी नोएडा प्राधिकरण उड्डयन विभाग और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की अनुमति चाहता है, जिससे सुरक्षित तरीके से ट्विन टावर का ध्वस्तीकरण कराया जा सके।
हालांकि अभी तक एडफिस कंपनी की ओर से जितने विभागों की अनापत्ति पत्र की मांग की गई थी, उसमें से सिर्फ विस्फोटक खरीदने, लाने और सुरक्षित रखने की जगह को लेकर नोएडा पुलिस की अनापत्ति मिलनी बाकी है।