Lal Kitab: जानिए क्या होते हैं नकली ग्रह? | Lal Kitab: Know Everything about Fake Planet

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दो ग्रह आपस में मिलकर एक अलग रंग का ग्रह बना लेते हैं जिसे लाल किताब में नकली ग्रह कहा जाता है। इन ग्रहों का प्रभाव भी अस्थायी रहता है।

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lekhaka-Gajendra sharma

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Lal Kitab: ज्योतिष विज्ञान की एक शाखा लाल किताब के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है भगवान सूर्यदेव के सारथी अरुण ने इस विधा का प्रादुर्भाव किया था। लाल किताब में नकली ग्रह के बारे में जानकारी मिलती है। ये नकली ग्रह क्या होते हैं और कब बनते हैं तथा इनका स्वरूप कैसा होता है, ऐसी समस्त जानकारी लाल किताब में मिलती है।

Lal Kitab

लाल किताब का मत है किजब किसी जातक की जन्मकुंडली में दो ग्रह आपस में मिलते हैं अर्थात् कुंडली के किसी एक घर में दो ग्रह गोचर के दौरान आकर परस्पर मिलते हैं तो दोनों मिलकर एक नकली ग्रह बना लेते हैं। जिस प्रकार जल में कोई रंगीन तरल पदार्थ डाल दिया जाए तो जल उस रंग का हो जाता है, ठीक उसी प्रकार दो ग्रह आपस में मिलकर एक अलग रंग का ग्रह बना लेते हैं जिसे लाल किताब में नकली ग्रह कहा जाता है। इन ग्रहों का प्रभाव भी अस्थायी रहता है। अर्थात् जब तक ग्रह गोचर में साथ रहेंगे तभी तक उसका प्रभाव रहेगा।

नकली ग्रहों का रंग

  • सूर्य- सूर्य के साथ बुध-शुक्र आ जाएं तो गुड़ जैसा रंग बनता है।
  • चंद्र- चंद्र के साथ सूर्य-बुध आ जाएं तो दूध जैसा सफेद रंग बनता है।
  • मंगल- सूर्य-बुध के साथ मंगल लाल रंग बनाता है जो शुभ है। सूर्य-शनि के साथ मंगल कत्थई रंग बनाता है जो अशुभ है।
  • बुध- बुध के साथ बृहस्पति और राहु मिल जाएं तो हरे रंग का नकली ग्रह बनाते हैं।
  • गुरु- गुरु के साथ मंगल-बुध मिलकर मटमैला सफेद जैसा फीका रंग बनाते हैं।
  • शुक्र- शुक्र और बृहस्पति मिलकर काला रंग उत्पन्न करते हैं।
  • शनि- शनि के साथ शुक्र और बृहस्पति मिलकर काला रंग बनाते हैं।
  • राहु- मंगल-शनि के साथ काला रंग बनाते हैं।
  • केतु- सूर्य-शनि के साथ काला रंग बनता है।

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English summary

Lal Kitab gives information about fake planets. here is Everything about Fake Planet.

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