Illegal Occupation Of Forest Land, Uttarakhand Third State With Maximum Encroachment On Forest Land In Himalayan States – अवैध कब्जे: हिमालयी राज्यों की सूची में वन भूमि पर सबसे अधिक अतिक्रमण वाला उत्तराखंड तीसरा राज्य
वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उत्तराखंड का देश में विशिष्ट स्थान है। बढ़ती आबादी और नई बसावटों के साथ वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं। वन भूमि पर बसी आबादी भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है।
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
उत्तराखंड में वन भूमि पर अवैध कब्जों के मामले बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 10,649 हेक्टेयर भूमि पर अवैध अतिक्रमण का खुलासा हुआ है। हिमालयी राज्यों की सूची में वन भूमि पर सबसे अधिक अतिक्रमण वाला उत्तराखंड तीसरा राज्य है। सबसे अधिक वन भूमि जम्मू कश्मीर राज्य में अतिक्रमित है। वहां 16512.39 हेक्टेयर भूमि पर कब्जे हुए हैं। मिजोरम दूसरे स्थान पर है जहां 10852.80 हेक्टेयर वन भूमि अवैध अतिक्रमण की जद में है।
वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उत्तराखंड का देश में विशिष्ट स्थान है। बढ़ती आबादी और नई बसावटों के साथ वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने राज्यवार वनों में अवैध अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी। इससे खुलासा हुआ कि पिछले दो दशक में उत्तराखंड में वन भूमि पर कब्जे बढ़ रहे हैं।
राज्य का वन विभाग भी मान रहा है कि जंगलात की भूमि पर अवैध अतिक्रमण हुए हैं। कुछ इलाकों वन भूमि की लीज पूरी हो चुकी है और लेकिन भूमि वन विभाग को लौटाए जाने पर नई अड़चन पैदा हो रही है। इसकी बड़ी वजह राज्य गठन के बाद वन भूमि व उसके आसपास इलाकों में नई बसावटें हैं, जिनका लगातार फैलाव हो रहा है। वन महकमे और केंद्र सरकार को ऐसे प्रकरणों के समाधान निकालने हैं। वन भूमि पर बसी आबादी भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है।
ऋषिकेश में आईडीपीएल को दी गई वन भूमि की लीज भी पूरी हो चुकी है। छह महीनों के भीतर यह भूमि वन महकमे को हैंडओवर होनी है। लेकिन यहां फैक्ट्री के आसपास 20 हजार से अधिक परिवार बस गए हैं। इसी तरह लालकुआं बिंदू खत्ता क्षेत्र में भी हजारों परिवार बस चुके हैं।
राज्य
वन भूमि पर कब्जा (हेक्टेयर में)
जम्मू कश्मीर
16512.39
मिजोरम
10852.80
उत्तराखंड
10649.11
हिमाचल
6252.00
सिक्किम
2817.21
त्रिपुरा
3631.80
मणिपुर
2213.82
नगालैंड
25.89
उत्तराखंड में 38,000 वर्ग किमी वन क्षेत्र
उत्तराखंड राज्य का भौगोलिक क्षेत्र 53,483 वर्ग किलोमीटर है। इसमें 26,547 वर्ग किमी आरक्षित वन है, जबकि 9,885 वर्ग किमी संरक्षित वन हैं। 1568 वर्ग किमी अवर्गीकृत वन भी हैं। इस प्रकार राज्य में अभिलिखित वन क्षेत्र 38,000 किमी है।
राज्य में कई स्थानों पर वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण है। कुछ इलाकों में वन भूमि लीज पर दी गई थी। वहां लीज की अवधि पूरी हो गई है। लेकिन इस बीच उस भूमि पर हजारों की संख्या में परिवारों की बसावट हो चुकी है। इस तरह के मामलों के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं। – विनोद कुमार सिंघल, वन प्रमुख
विस्तार
उत्तराखंड में वन भूमि पर अवैध कब्जों के मामले बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 10,649 हेक्टेयर भूमि पर अवैध अतिक्रमण का खुलासा हुआ है। हिमालयी राज्यों की सूची में वन भूमि पर सबसे अधिक अतिक्रमण वाला उत्तराखंड तीसरा राज्य है। सबसे अधिक वन भूमि जम्मू कश्मीर राज्य में अतिक्रमित है। वहां 16512.39 हेक्टेयर भूमि पर कब्जे हुए हैं। मिजोरम दूसरे स्थान पर है जहां 10852.80 हेक्टेयर वन भूमि अवैध अतिक्रमण की जद में है।
वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उत्तराखंड का देश में विशिष्ट स्थान है। बढ़ती आबादी और नई बसावटों के साथ वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने राज्यवार वनों में अवैध अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी। इससे खुलासा हुआ कि पिछले दो दशक में उत्तराखंड में वन भूमि पर कब्जे बढ़ रहे हैं।
राज्य का वन विभाग भी मान रहा है कि जंगलात की भूमि पर अवैध अतिक्रमण हुए हैं। कुछ इलाकों वन भूमि की लीज पूरी हो चुकी है और लेकिन भूमि वन विभाग को लौटाए जाने पर नई अड़चन पैदा हो रही है। इसकी बड़ी वजह राज्य गठन के बाद वन भूमि व उसके आसपास इलाकों में नई बसावटें हैं, जिनका लगातार फैलाव हो रहा है। वन महकमे और केंद्र सरकार को ऐसे प्रकरणों के समाधान निकालने हैं। वन भूमि पर बसी आबादी भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है।