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इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) अस्पताल शिमला के चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. जनक राज ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा देने का तीन महीने का नोटिस दे दिया है। माना जा रहा है कि अब वह राजनीति की नब्ज टटोल सकते हैं। इसलिए उनके इस्तीफे की सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है। सूत्र बता रहे हैं वह अपने गृह क्षेत्र चंबा जिले के भरमौर से विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं। बशर्ते भाजपा से उन्हें टिकट मिले। भरमौर में मौजूदा समय में भाजपा के ही विधायक जियालाल कपूर हैं।
बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और डॉ. जनक की चंबा में मुलाकात के दौरान जियालाल के समर्थकों ने हंगामा भी किया था। हालांकि, डॉ. जनक ने इस्तीफे में घरेलू परिस्थितियों और अपने व्यक्तिगत दायित्वों के कारण सरकारी सेवा को जारी रखना मुश्किल बताया है। वहीं, डॉ. जनक राज से चुनाव लड़ने को लेकर बात की गई तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। 21 मई 2009 से डॉ. जनक राज ने आईजीएमसी में सेवाएं देनी शुरू की थीं।
आईजीएमसी के न्यूरो सर्जरी विभाग में चार चिकित्सक
आईजीएमसी के न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ. जनक राज का इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो भी मरीजों को यहां इलाज करवाने में परेशानी नहीं आएंगी। विभाग में अभी भी चार असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। इनमें से दो प्रोफेसर दिमाग की सर्जरी करने में पूरी तरह कुशल हैं, जबकि अन्य दो लगातार इस कार्य में निपुण हो रहे हैं।