Himachal High Court, Mother In Law And Nandoi Sentenced To Life Imprisonment In Murder Case – Himachal High Court: हत्या के मामले में सास और ननदोई को उम्र कैद की सजा

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में सास और ननदोई को सुनाई गई उम्र कैद की सजा पर मुहर लगाई है। जयसिंहपुर के रमेश और निर्मला देवी को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराया है। 24 अक्तूबर, 2014 को मृतक का ननदोई रमेश कुमार उसके घर आया। उस समय मृतक का पति खेतों में काम करने गया था। दोषी रमेश ने पहले तो बिजली का मीटर खराब किया। उसके बाद घर का दरवाजा तोड़ा। मृतक ने जब उसे ऐसा करने से रोका तो दोषी ने उसे धक्का दे दिया। सास निर्मला देवी ने अपने दामाद से कहा कि इसका सारा सामान घर से बाहर फेंक दो। उसके बाद सास ने मृतक को पकड़े रखा। दोषी ने अपने हाथ में मिट्टी तेल की कैनी लाई और मृतक पर छिड़का।

सास निर्मला देवी ने अपने दामाद को आग लगाने के लिए कहा। उसे जान से मारने के इरादे से दोनों ने मृतक को आग लगा दी। इस घटना को देखकर मृतक के बच्चे अपने पिता को बुलाने खेत की तरफ दौड़े। मृतक के पति ने उस पर पानी डाला और अस्पताल ले गया। उसी दिन मृतक ने पुलिस को बयान दिया। बुरी तरह जलने के कारण बाद में उसकी मौत हो गई। मामले की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ निचली अदालत में अभियोग चलाया। अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 31 गवाह पेश किए। निचली अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है। निचली अदालत ने दोषी को उम्र कैद की सजा और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस निर्णय को दोषियों ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी। हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों को सही तरीके से सराहा है। दोषियों की अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराया है।  

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में सास और ननदोई को सुनाई गई उम्र कैद की सजा पर मुहर लगाई है। जयसिंहपुर के रमेश और निर्मला देवी को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराया है। 24 अक्तूबर, 2014 को मृतक का ननदोई रमेश कुमार उसके घर आया। उस समय मृतक का पति खेतों में काम करने गया था। दोषी रमेश ने पहले तो बिजली का मीटर खराब किया। उसके बाद घर का दरवाजा तोड़ा। मृतक ने जब उसे ऐसा करने से रोका तो दोषी ने उसे धक्का दे दिया। सास निर्मला देवी ने अपने दामाद से कहा कि इसका सारा सामान घर से बाहर फेंक दो। उसके बाद सास ने मृतक को पकड़े रखा। दोषी ने अपने हाथ में मिट्टी तेल की कैनी लाई और मृतक पर छिड़का।

सास निर्मला देवी ने अपने दामाद को आग लगाने के लिए कहा। उसे जान से मारने के इरादे से दोनों ने मृतक को आग लगा दी। इस घटना को देखकर मृतक के बच्चे अपने पिता को बुलाने खेत की तरफ दौड़े। मृतक के पति ने उस पर पानी डाला और अस्पताल ले गया। उसी दिन मृतक ने पुलिस को बयान दिया। बुरी तरह जलने के कारण बाद में उसकी मौत हो गई। मामले की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ निचली अदालत में अभियोग चलाया। अभियोजन पक्ष ने दोषियों के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 31 गवाह पेश किए। निचली अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है। निचली अदालत ने दोषी को उम्र कैद की सजा और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस निर्णय को दोषियों ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी। हाई कोर्ट ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों को सही तरीके से सराहा है। दोषियों की अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को सही ठहराया है।  

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