सार
कम मार्जिन से जीत वाली 11 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा गणित भिड़ा रही हैं। इन सीटों पर 120 से लेकर 1538 वोटों के अंतर से प्रत्याशी जीते थे। दोनों दल इन सीटों को अपने पाले में करने के लिए खूब कसरत कर रहे हैं।
किन्नौर में कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी भाजपा उम्मीदवार तेजवंत नेगी से महज 120 मतों से ही जीते थे। इस बार यहां तेजवंत का टिकट काटकर सूरत नेगी को दिया गया है। इससे तेजवंत नाराज हैं। कांग्रेस से जगत सिंह नेगी ही प्रत्याशी हैं। बड़सर में कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने भाजपा के बलदेव शर्मा को 439 मतों से हराया था। इस बार यहां बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा को टिकट मिला है। यहां भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष रहे दिवंगत राकेश बबली के भाई संजीव शर्मा भी मैदान में हैं। कसौली में मंत्री डॉ. राजीव सैजल कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी से 442 वोट से जीते थे। इस बार भी दोनों आमने-सामने हैं।
डलहौजी में कांग्रेस विधायक आशा कुमारी भाजपा प्रत्याशीडीएस ठाकुर से 556 मतों से जीती थीं। दोनों में इस बार भी टकराव है। सोलन में कांग्रेस विधायक धनीराम शांडिल भाजपा के राजेश कश्यप से 671 मतों से विजयी हुए। शांडिल राजेश कश्यप के ससुर हैं और अबकी बार भी दोनों में रोचक मुकाबला है। नगरोटा में भाजपा विधायक अरुण कुमार कांग्रेस प्रत्याशी अब दिवंगत जीएस बाली से 1000 वोट से जीते थे। इस बार जीएस बाली के बेटे रघुवीर बाली कांग्रेस का टिकट लेकर अरुण से लड़ रहे हैं।
नयना देवी के कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर भाजपा के रणधीर शर्मा से 1042 मतों से जीते थे और इस बार भी दोनों में घमासान है। जुब्बल-कोटखाई में भाजपा विधायक अब दिवंगत नरेंद्र बरागटा कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर से 1062 मतों से विजयी हुए थे। अबकी नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा को टिकट मिला है जो पिछले साल निर्दलीय टक्कर देने के बाद उपचुनाव हार गए थे। इंदौरा में भाजपा से रीता धीमान कांग्रेस प्रत्याशी कमल किशोर से 1095 मतों से विजयी हुई थीं। इस बार कांग्रेस ने भाजपा विधायक रीता धीमान के खिलाफ कमल किशोर का टिकट काटकर मलेंद्र राजन को दिया है।
नालागढ़ में कांग्रेस के लखविंद्र राणा भाजपा प्रत्याशी केएल ठाकुर से 1242 वोट से जीते थे। इस बार लखविंद्र राणा कांग्रेस छोड़ भाजपा का टिकट लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले हरदीप बावा को प्रत्याशी बनाया है और पूर्व विधायक केएल ठाकुर भाजपा से टिकट कटने के बाद निर्दलीय खडे़ हैं। कुल्लू में कांग्रेस से सुंदर सिंह ठाकुर भाजपा के महेश्वर सिंह से 1538 वोट से जीते थे। इस बार वहां भाजपा ने नए चेहरे नरोत्तम ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि यहां महेश्वर सिंह भाजपा के मनाने पर बैठ गए हैं, पर वर्ष 2012 के भाजपा प्रत्याशी राम सिंह निर्दलीय खड़े हैं।
विस्तार
वर्ष 2017 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कम मार्जिन से जीत वाली 11 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा गणित भिड़ा रही हैं। इन सीटों पर 120 से लेकर 1538 वोटों के अंतर से प्रत्याशी जीते थे। दोनों दल इन सीटों को अपने पाले में करने के लिए खूब कसरत कर रहे हैं। ये सीटें किन्नौर, बड़सर, कसौली, डलहौजी, सोलन, नगरोटा, नयना देवी, जुब्बल-कोटखाई, इंदौरा, नालागढ़, कुल्लू हैं। पिछली बार वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से तीन सीटों किन्नौर, बड़सर और कसौली में तो 500 से भी कम मतों के मार्जिन से जीतकर विधायक बने थे। कहीं पिछली बार के प्रत्याशी ही आमने-सामने हैं तो कहीं टिकट कटने से बागी निर्दलीय खड़े हुए हैं।
किन्नौर में कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी भाजपा उम्मीदवार तेजवंत नेगी से महज 120 मतों से ही जीते थे। इस बार यहां तेजवंत का टिकट काटकर सूरत नेगी को दिया गया है। इससे तेजवंत नाराज हैं। कांग्रेस से जगत सिंह नेगी ही प्रत्याशी हैं। बड़सर में कांग्रेस विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने भाजपा के बलदेव शर्मा को 439 मतों से हराया था। इस बार यहां बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा को टिकट मिला है। यहां भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष रहे दिवंगत राकेश बबली के भाई संजीव शर्मा भी मैदान में हैं। कसौली में मंत्री डॉ. राजीव सैजल कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी से 442 वोट से जीते थे। इस बार भी दोनों आमने-सामने हैं।
डलहौजी में कांग्रेस विधायक आशा कुमारी भाजपा प्रत्याशीडीएस ठाकुर से 556 मतों से जीती थीं। दोनों में इस बार भी टकराव है। सोलन में कांग्रेस विधायक धनीराम शांडिल भाजपा के राजेश कश्यप से 671 मतों से विजयी हुए। शांडिल राजेश कश्यप के ससुर हैं और अबकी बार भी दोनों में रोचक मुकाबला है। नगरोटा में भाजपा विधायक अरुण कुमार कांग्रेस प्रत्याशी अब दिवंगत जीएस बाली से 1000 वोट से जीते थे। इस बार जीएस बाली के बेटे रघुवीर बाली कांग्रेस का टिकट लेकर अरुण से लड़ रहे हैं।
नयना देवी के कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर भाजपा के रणधीर शर्मा से 1042 मतों से जीते थे और इस बार भी दोनों में घमासान है। जुब्बल-कोटखाई में भाजपा विधायक अब दिवंगत नरेंद्र बरागटा कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर से 1062 मतों से विजयी हुए थे। अबकी नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन बरागटा को टिकट मिला है जो पिछले साल निर्दलीय टक्कर देने के बाद उपचुनाव हार गए थे। इंदौरा में भाजपा से रीता धीमान कांग्रेस प्रत्याशी कमल किशोर से 1095 मतों से विजयी हुई थीं। इस बार कांग्रेस ने भाजपा विधायक रीता धीमान के खिलाफ कमल किशोर का टिकट काटकर मलेंद्र राजन को दिया है।
नालागढ़ में कांग्रेस के लखविंद्र राणा भाजपा प्रत्याशी केएल ठाकुर से 1242 वोट से जीते थे। इस बार लखविंद्र राणा कांग्रेस छोड़ भाजपा का टिकट लेकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले हरदीप बावा को प्रत्याशी बनाया है और पूर्व विधायक केएल ठाकुर भाजपा से टिकट कटने के बाद निर्दलीय खडे़ हैं। कुल्लू में कांग्रेस से सुंदर सिंह ठाकुर भाजपा के महेश्वर सिंह से 1538 वोट से जीते थे। इस बार वहां भाजपा ने नए चेहरे नरोत्तम ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि यहां महेश्वर सिंह भाजपा के मनाने पर बैठ गए हैं, पर वर्ष 2012 के भाजपा प्रत्याशी राम सिंह निर्दलीय खड़े हैं।