
हिमाचल हाईकोर्ट
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हिमाचल विधानसभा चुनाव में राज्य सहकारी बैंक के कर्मचारी की तैनाती को लेकर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने 21 अक्तूबर के तैनाती आदेशों पर स्थगन आदेश पारित किए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार तक सरकार और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि स्थगन आदेशों का लाभ केवल याचिकाकर्ता को ही मिलेगा। शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक में कार्यरत वरिष्ठ मनेजर राकेश्वर भारद्वाज की ओर से दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किए।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि उपायुक्त शिमला की ओर से पारित किए गए तैनाती आदेश असंवैधानिक है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 में केवल चुनाव आयुक्त और क्षेत्रीय चुनाव आयुक्त ही चुनाव में कर्मचारियों की तैनाती कर सकता है, लेकिन याचिकाकर्ता को उपायुक्त शिमला एवं जिला चुनाव अधिकारी ने विधानसभा में तैनाती आदेश पारित किए हैं। दलील दी गई है कि हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य की परिभाषा में नहीं आता है। इसके कर्मचारी न तो सरकार के कर्मी हैं और न ही सरकार का इन पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण है।