First Voter Of India Shyam Saran Negi Performed The Religion Of Democracy Even While Going – Himachal: जाते-जाते भी लोकतंत्र का धर्म निभा गए देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी

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सार

विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा, लेकिन स्वतंत्र देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी दुनिया को अलविदा कहने से दो दिन पहले ही लोकतंत्र का धर्म निभा गए।

भले ही हिमाचल में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को मतदान होगा, लेकिन स्वतंत्र देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी दुनिया को अलविदा कहने से दो दिन पहले ही लोकतंत्र का धर्म निभा गए। तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने बीते बुधवार को ही घर पर बैलेट पेपर से अपना वोट डाल दिया था। इस दौरान उन्होंने युवाओं, बुजुर्गों और अन्य से मतदान की अपील भी की थी।  श्याम सरण नेगी ने प्रदेश में होने वाले हर चुनाव में भागीदारी ली। चाहे वे पंचायत चुनाव हों या लोकसभा या विधानसभा का, उन्होंने हर चुनाव में अपना वोट डाला। इस बार उन्होंने 34वां वोट डाला था। बता दें कि इससे पहले जितने भी चुनाव हुए 105 वर्षीय नेगी ने बूथ पर ही वोट डाला था। इस बार भी उन्होंने कल्पा बूथ से ही मतदान की इच्छा जताई थी। हालांकि, तबीयत खराब होने पर उन्होंने अंतिम समय में फैसला बदला और घर से मतदान कर अपना फर्ज निभाया। 

दूसरे बुजुर्ग मतदाता का वोट डालने के बाद देहांत 
बीते वीरवार को ऊना जिले के अंब उपमंडल के सलहाणा गांव के 106 वर्षीय बीरू राम ने मतदान किया और लगभग दो घंटे बाद उनका देहांत हो गया। उन्होंने दोपहर बाद 2:30 बजे मोबाइल बूथ के माध्यम से मतदान किया था और अपराह्न 4:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि चुनाव आयोग ने 40,000 बुजुर्ग मतदाताओं और 8,000 दिव्यांगों के लिए घर से बैलेट पेपर के जरिये मतदान की सुविधा दी है। 

100 से अधिक आयु वर्ग के 1,184 मतदाता
हिमाचल में इस बार के विस चुनाव में सौ से अधिक आयु वर्ग के 1,184 मतदाता अपना वोट देंगे। इनमें कई ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्होंने घर से बैलेट पेपर के बजाय बूथ पर जाकर मतदान करने की इच्छा जताई है। प्रदेश में 80 से अधिक आयु वाले 1.22 लाख मतदाता हैं।

 

हिमाचल में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 12 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। एक वोट की अहमियत क्या होती है, इसे श्याम सरण नेगी से बेहतर भला कौन जान सकता था। इसी के चलते वे जीवन भर लोगों को मतदान का महत्व समझाते रहे और प्रेरित करते थे। एक वोट ने नेगी को देश का हीरो बना दिया था। चुनाव आयोग ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया। वोट डालने जाते समय रेड कारपेट पर उनके हर कदम पर फूल बरसाए जाते थे।

उन्हें भारतीय लोकतंत्र का लिविंग लीजेंड भी कहा जाता रहा है। हर बार की तरह इस बार भी कल्पा के एसडीएम पहली वार मतदान करने वाले युवाओं को उनके पास लेकर गए। नेगी ने अपने मतदान से जुड़ी बातें उनसे शेयर कीं और उन्हें हर मतदान करने और औरों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कहा। कितनी भी विकट स्थिति हो, सेहत साथ दे या न दे, उन्होंने हर मतदान में भाग लिया। वे मतदान प्रतिशतता बढ़ाने, युवा और बुजुर्गों में उत्साह भरने में हमेशा आगे रहे। 

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