
प्रवर्तन निदेशालय।
– फोटो : amar ujala
ख़बर सुनें
विस्तार
पंजाब में हुए करोड़ों रुपये के वन घोटाले पर विजिलेंस ब्यूरो के साथ ही अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर लग गई है। विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से केस से जुड़ा रिकॉर्ड ईडी को सौंप दिया गया है। ऐसे में अंदेशा है कि ईडी इसमें एक और एफआईआर दर्ज करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई चलेगी।
ईडी काफी समय पहले से ही वन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले पर नजर रख रही थी जिस तरह इस केस में खुलासे हुए कि आरोपियों की तरफ से विभाग में पोस्टिंग, खैर बेचने से लेकर ट्री गार्ड लगाने व खनन तक करोड़ों रुपये का खेल किया है। इसके बाद ईडी की तरफ से स्पेशल अदालत में सितंबर में एक याचिका दायर की गई थी। अदालत के माध्यम से इस केस की जांच कर रहे विजिलेंस ब्यूरो से केस से जुड़ा रिकॉर्ड मांगा गया था।
याचिका में ईडी की तरफ से विजिलेंस ब्यूरो से आरोप पत्र की प्रमाणित कापियां व अन्य दस्तावेज मुहैया करवाने की मांग की थी ताकि वह इस मामले में अपनी जांच शुरू कर पाए। इसके बाद विजिलेंस की तरफ से वन घोटाले से जुड़े दस्तावेज ईडी को सौंप दिए हैं। ऐसे में माहिरों की माने तो ईडी की तरफ से केस दर्ज करने की प्रक्रिया होगी। इसके बाद आरोपियों को काबू किया जाएगा। यह केस काफी अहम है क्योंकि इसमें सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपये का झटका लगा है।
केस में दो पूर्व मंत्री हैं आरोपी
राज्य में आम आदमी पार्टी द्वारा सत्ता संभालने के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने सबसे पहले वन विभाग में हुए करोड़ों रुपये का पर्दाफाश किया था। साथ ही बताया था कि केस में मंत्री से लेकर अधिकारी तक किस तरह मोटी रकम वसूल रहे थे। इस दौरान कांग्रेस सरकार के दो पूर्व मंत्रियों साधु सिंह धर्मसोत व संगत सिंह, उनके भतीजे दलजीत सिंह, पंजाब के प्रमुख कंजरवेट प्रवीन कुमार, डीएफओ गुरअमनप्रीत सिंह व विशाल चौहान समेत कई लोग की भूमिका सामने आई थी। वह कई तरीके से भ्रष्टाचार कर रहे थे। इसमें कई लोग गिरफ्तार किया गया था जबकि कुछ अभी तक विजिलेंस की पकड़ से बाहर है।