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- Commission Game Before Leaving Office, Officers Released 8 Crores At The End Of The Financial Year
नई दिल्लीएक दिन पहलेलेखक: शेखर घोष
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- छठ पूजा पर हुए खर्च का मामला, जांच के लिए बनाई थी सब कमेटी, लेकिन बिना जांच पूरी हुए किया भुगतान
छठ पूजा की तैयारियों पर खर्च में हुए गड़बड़झाले के बीच रेवेन्यू विभाग के कंट्रोलर आफ अकाउंट कार्यालय ने नया गड़बड़झाला कर दिया है। बीते 25 मार्च यानी वित्त वर्ष के आखिरी महीने में 8 करोड़ से अधिक का फंड जारी कर दिया गया, जबकि यह फंड तो अप्रैल 2021 से ही उपलब्ध था। विभाग के इस कारनामें में कमीशन के खेल की बू आ रही है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यसचिव विजय देव वीअारएस लेकर 20 अप्रैल 2022 को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग जाने की तैयारी में हैं।
डिविजनल कमिश्नर संजीव खैरवार मुख्य सचिव के खास हैं, इसलिए इससे पहले वो एनडीएमसी के चेयरमैन पद पर आना चाहते हैं और एनडीएमसी के धर्मेंद्र कुमार दिल्ली के मुख्य सचिव के जुगत में हैं। खैरवार अपने पद से हटने से पहले ही वेंडर को पेमेंट करवाना चाहते हैं। इसलिए रिलीजियस फंड को डिस्ट्रिक में दबाव बनाकर ट्रांसफर करवा दिया है।
जानिए पूरा खेल… 2018 में जो खर्च 1.5 करोड़ था, वह 2021 में 30 करोड़ हुआ
विभाग ने 2021 में छठ पूजा पर 11 जिलों में टैंट व इलेक्ट्रिसिटी पर 30 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। व्हिसल ब्लोअर का कहना है कि 2021 में कोरोना के कारण टैंट और लाइटिंग की व्यवस्था 2018 के मुकाबले 20 फीसदी कम थी। 2018 में मात्र 1.5 करोड़ खर्च हुए थे तो 21 में इतना ज्यादा कैसे? व्हिसल ब्लोअर ने मंत्रियों, उपराज्यपाल, डिविजन कमिश्नर, विजिलेंस रेवेन्यू सहित सभी डीसी को शिकायत दी थी। इसके बाद डिविजनल कमिश्नर ने जांच के लिए एक सब कमेटी गठित की थी। अब जांच पूरी हुए बिना ही भुगतान कर दिया।
इन जिलों को दिया फंड
कंट्रोलर ऑफ अकाउंट ने जिन 5 जिलों को यह फंड जारी किया है, उनके नाम डीसी नार्थ वेस्ट, डीसी नार्थ, डीसी साउथ इस्ट, डीसी साउथ वेस्ट और डीसी वेस्ट हैं। मुख्यालय ने खुद को बचाने के लिए वेंडरों का भुगतान जिला के डीसी पर थोप दिया है।
भास्कर की खबर के बाद सब कमेटी बनाने का आदेश
बता दें कि दैनिक भास्कर ने 4 फरवरी को गड़बड़झाला: टेंट-बिजली पर 2018 में 1.5 करोड़ खर्च किए, 2021 में 30 करोड़ कैसे? शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद डिविजनल कमिश्नर संजीव खैरवार ने डीसी रेवेन्यू सोनालिका जिवानी, रेवेन्यू केयर टेकिंग पूर्व एसडीएम मनविंदर सिंह और डिप्टी कंट्रोलर ऑफ फाइनेंस नरेंद्र त्यागी को बुलाकर एक सब कमेटी बनाने का आदेश देते हुए 2021 और वर्ष 2018 के खर्चों के तुलनात्मक अध्ययन, साइट की जिओ टैग, प्रयोग किए आइटम के स्पेसिफिकेशन, आइटम का नाम, फोटोग्राफी, विडियोग्राफी व क्वांटिटी के जांच के बाद ही बिल का भुगतान करने के आदेश दिए थे।
फंड होने के बाद भी नहीं जारी करते तो उठती उंगली
^वित्त वर्ष के अंत में जिलाें को फंड रिलीज करना हमें भी अटपटा लगा है। पर यह फंड मांगा ही अब है। यह फंड जिलाें को पहले मांगना चाहिए था या ट्रंासफर के लिए पहले आदेश देना था। फंड होने के बाद भी जारी नहीं करने पर हम पर उंगली उठ सकती थी। इसलिए फंड रिलीज करने के साथ ही मैंने जिलों के डीएम, एडीएम व पीएओ को एडवाइजरी भी जारी की है कि वेंडर को भुगतान टेंडर व डिविजनल कमिश्नर द्वारा जारी सभी शर्त पूरा करने के बाद ही करें। अन्यथा फंड के दुरुपयोग की जिम्मेदारी भुगतान करने वाले की होगी।-गुरविंदर सिंह, कंट्रोलर ऑफ फाइनेंस, रेवेन्यू विभाग, दिल्ली सरकार