Chanting Mantra Benefits: मंत्र की सिद्धि क्यों नहीं होती? क्या है मंत्र जपने का सही तरीका? | Know the right way of Chanting Mantra and Benefits

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lekhaka-Gajendra sharma

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Chanting Mantra Benefits: अनेक लोग अपने गुरु द्वारा दिए गए या किसी के द्वारा बताए गए या स्वयं चयन करके मंत्रों को हजारों, लाखों, करोड़ों बार जप लेते हैं लेकिन उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिलता। फिर वे मंत्रों को दोष देते हैं किसब बेकार है इनसे कुछ नहीं होता। वास्तविकता तो यह है कि वे मंत्र जपने की सही विधि ही नहीं जानते। उन्हें पता ही नहीं है कि मंत्र जपना कैसे है। कब जपना है, कितना जपना है, किसका मंत्र जपना है। शास्त्रों में मंत्रों को साक्षात ईश्वर का रूप बताया गया है। वे मात्र कुछ लिखे हुए शब्द नहीं हैं। वे शब्द के रूप में गूंथे हुए साक्षात देवता हैं। वे तभी सिद्ध होंगे जब आपकी विधि सही होगी। आइए जानते हैं मंत्र जप में कुछ विशेष बातों का ध्यान कैसे रखा जाए।

Chanting Mantra Benefits
  • नियत समय : मंत्र जप का सबसे उत्तम समय ब्रह्ममुहूर्त और गोधूलि वेला का होता है। इन दोनों कालों में प्रकृति, मन, चित्त सब कुछ सत्व प्रधान रहता है।
  • नियत स्थान : मंत्र तभी फलीभूत होते हैं जब उन्हें नित्य प्रतिदिन एक तय स्थान पर बैठकर जपा जाए। ऐसा न करें किआज यहां बैठ गए, कल वहां। मंत्र जपने का एक निश्चित स्थान बनाइए।
  • स्थिर आसन : मंत्र जप के लिए एक उपयुक्त आसन का चयन करें। आसन माने बिछौना नहीं, बिछौना तो आरामदायक होना ही चाहिए लेकिन यहां आशय बैठने की मुद्रा से है। पद्मासन, सुखासन मंत्र जप के लिए सबसे श्रेष्ठ होते हैं। श्रेष्ठ आसन मन को एकाग्र करने में बहुत सहायक होता है।
  • जप दिशा : मंत्र जप करने के लिए उत्तर और पूर्व की दिशा सबसे श्रेष्ठ कही गई है। मंत्र जपने वाले का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इससे जप में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त होती है।
  • आसन : मृग चर्म, कुशासन अथवा कंबल का प्रयोग आसन के रूप में किया जा सकता है। इससे मंत्र जप के दौरान शरीर में उत्पन्न होने वाली विद्युत शक्ति सुरक्षित रहती है।
  • पवित्र प्रार्थना : जप प्रारंभ करने से पूर्व अपने इष्ट देवता और गुरु की प्रार्थना करना चाहिए। इससे साधक में सात्विक भाव उत्पन्न होता है।
  • शुद्ध उच्चारण : जप करते समय मंत्रों का उच्चारण स्पष्ट तथा शुद्ध होना चाहिए।
  • माला : जप के लिए माला की संख्या निश्चित कर लेनी चाहिए। अर्थात् यदि हर दिन 11 माला जप करने का संकल्प लिया है तो हर दिन 11 माला करके ही उठना होगा। कम या ज्यादा करने से मंत्र सिद्धि नहीं होती। कोई भी मंत्र जपने के लिए रुद्राक्ष की माला श्रेष्ठ होती है। स्फटिक, कमल गट्टे या अन्य मालाएं भी प्रयुक्त की जा सकती हैं। देवी-देवता के मंत्र के अनुरूप गुरु के निर्देशन में माला का चयन करना चाहिए।
  • शांति पाठ : निश्चित मंत्र माला समाप्त हो जाने पर शांति पाठ अवश्य करें। जप समाप्त होते ही तुरंत उठकर दूसरे काम में न लग जाओ। मंत्र समाप्त होने के बाद 10 मिनट चुपचाप शांत बैठे रहो।

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English summary

In the scriptures, mantras have been described as the form of God. here Know the right way of Chanting Mantra and Benefits .

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