Chandra Grahan 2023: शुक्रवार का चंद्र ग्रहण भारत में प्रभावी नहीं इसलिए ना तो मंदिरों के कपाट बंद होंगे और ना ही पूर्णिमा पूजा के काम बाधित होंगे।
Astrology
oi-Ankur Sharma

Chandra
Grahan
2023
(उपछाया
चंद्रग्रहण):
खगोल
प्रेमियों
के
लिए
शुक्रवार
का
दिन
बहुत
खास
है
क्योंकि
इस
दिन
साल
पहला
चंद्र
ग्रहण
लगने
जा
रहा
है।
जो
कि
भारत
में
तो
दिखाई
नहीं
देगा
लेकिन
ये
यूरोप,
एशिया,
ऑस्ट्रेलिया,
अफ्रीका,
अंटार्कटिका,
प्रशांत
अटलांटिक
और
हिंद
महासागर
के
लोगों
को
नजर
आएगा।
चंद्रग्रहण
5-6
मई
के
दरमियान
नजर
आएगा।
चंद्र
ग्रहण
की
अवधि
चंद्र
ग्रहण
शु्क्रवार
को
रात
08:
45
PM
से
शुरू
होकर
देर
रात
6
मई
को
1.00
बजे
समाप्त
होगा,
यानी
कि
इस
ग्रहण
की
अवधि
लगभग
4
घंटे
15
मिनट
की
है।
क्यों
खास
है
चंद्र
ग्रहण?
5
मई
का
चंद्र
ग्रहण
बहुत
ज्यादा
खास
है
क्योंकि
पूर्ण
चंद्र
ग्रहण
ना
होकर
उपछाया
ग्रहण
है।
जो
कि
इसके
बाद
19
साल
तक
नजर
नहीं
आएगा।
ये
दुर्लभ
चंद्र
ग्रहण
है
इसलिए
अगर
आप
इसे
देखने
से
चूके
तो
आपको
लंबा
इंतजार
करना
होगा।
क्या
होता
है
चंद्र
ग्रहण?
जब
चंद्रमा
और
सूर्य
के
बीच
पृथ्वी
आ
जाती
है
तो
चंद्र
ग्रहण
लगता
है,
इस
दौरान
चंद्रमा,
पृथ्वी
और
सूर्य
तीनों
एक
सीध
में
आ
जाते
हैं
जो
कि
पूर्णिमा
के
दिन
ही
संभव
हो
सकता
है
इसलिए
चंद्र
ग्रहण
हमेशा
पूर्णिमा
के
दिन
लगता
है।
ग्रहण
के
दौरान
चंद्र
का
प्रकाश
धुंधला
हो
जाता
है।
मालूम
हो
कि
चंद्र
ग्रहण
तीन
तरह
के
होते
हैं।
जो
कि
निम्नलिखित
है।
-
पूर्ण
चंद्र
ग्रहण -
आंशिक
चंद्र
ग्रहण -
पेनुमब्रल
या
उपछाया
चंद्रग्रहण
क्या
है
पेनुमब्रल
या
उपछाया
चंद्रग्रहण?
इस
चंद्र
ग्रहण
के
दौरान
चांद
पूरी
तरह
से
पृथ्वी
और
सूर्य
की
सीध
में
नहीं
आता
है,
बल्कि
अर्थ
की
बाहरी
स्थिति
से
होकर
गुजरता
है,इस
दौरान
उसका
छाया
पृथ्वी
पर
बहुत
हल्की
पड़ती
है।
ये
स्थिति
ही
पेनुम्ब्रा
कहलाती
है
और
इसी
कारण
ये
ग्रहण
पेनुम्ब्रा
चंद्रग्रहण
या
उपछाया
चंद्रग्रहण
कहलाता
है।
ये
बहुत
ही
दुर्लभ
होता
है
इसलिए
इस
बार
के
ग्रहण
को
काफी
खास
कहा
जा
रहा
है
और
ऐसा
नजारा
दशकों
में
होता
है।
5
मई
के
बाद
तो
ऐसी
स्थिति
19
साल
बाद
सितंबर
2042
में
दिखेगी
इसी
वजह
इस
बार
चांद
को
लगने
वाला
ग्रहण
बहुत
ज्यादा
खास
है।
English summary
Chandra Grahan 2023: The lunar eclipse of May 5 is a penumbral eclipse, Know some unknown facts about it in hindi.