Chandra Grahan 2023: 5 मई को वैशाख और बुद्ध दोनों ही पूर्णिमा है और साथ ही इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगा रहा है इसलिए इसका महत्व काफी बढ़ गया है।
Astrology
oi-Ankur Sharma

Chandra
Grahan
2023
(बुद्ध
पूर्णिमा):
वैशाख
पूर्णिमा
के
दिन
चंद्र
ग्रहण
लग
रहा
है
और
इसी
दिन
बुद्ध
पूर्णिमा
भी
है
इसलिए
इस
ग्रहण
का
महत्व
काफी
बढ़
गया
है।
आपको
जानकर
हैरत
होगी
कि
बुद्ध
पूर्णिमा
और
चंद्र
ग्रहण
का
संयोग
130
साल
बाद
आया
है,
जिसका
सबसे
बड़ा
फायदा
मीन
राशि
को
होने
वाला
है।
उन्हें
इस
ग्रहण
पर
काफी
आर्थिक
लाभ
हो
सकता
है।
वैसे
ये
संयोग
सभी
राशियों
के
लिए
सकारात्मक
ही
रहेगा
और
सभी
के
लिए
शुभ
है।
बुद्ध
पूर्णिमा
2023
माना
जाता
है
कि
वैशाख
पूर्णिमा
की
तिथि
पर
भगवान
गौतम
बुद्ध
का
जन्म
हुआ
था।
इसलिए
हर
साल
ये
दिन
उनके
जन्मोत्सव
के
रूप
में
मनाया
जाता
है।
इस
दिन
बोध
गया
में
खास
आयोजन
होता
है
और
बोधि
वृक्ष
की
पूजा
की
जाती
है।
देश
में
कई
जगहों
पर
बौद्ध
धर्म
के
अनुयायी
धार्मिक
आयोजन
करते
हैं
और
भगवान
के
बताए
उपदेशों
को
याद
करते
हैं।
शुक्रवार
को
ही
व्रत
क्यों?
तो
वहीं
दूसरी
ओर
हिंदू
धर्म
के
लोग
गौतम
बुद्ध
को
भगवान
विष्णु
का
अवतार
मानते
हैं।
इसलिए
उनके
लिए
भी
ये
दिन
विशेष
होता
है।
बहुत
सारे
लोग
इस
दिन
पूर्णिमा
का
व्रत
रखते
हैं
और
मां
लक्ष्मी
के
साथ-साथ
गौतम
बुद्ध
और
चांद
की
भी
पूजा
करते
हैं।
हिंदू
पंचांग
के
मुताबिक
आज
रात
11.45
बजे
ही
पूर्णिमा
लग
जाएगी
लेकिन
उदया
तिथि
शुक्रवार
सुबह
से
मानी
जाएगी
इसलिए
पूर्णिमा
का
व्रत
5
मई
को
ही
रखा
जाएगा।
पूर्णिमा
का
अंत
शुक्रवार
को
रात्रि
11.05
बजे
होगा।
चंद्र
स्तुति
का
जाप
चंद्र
ग्रहण
के
बाद
जरूर
करें
चंद्र
स्तुति
ऐसा
करने
से
इंसान
को
धन
की
प्राप्ति
होती
है
और
उसके
कष्टों
का
भी
अंत
होता
है।
||
अथ
चन्द्रस्य
स्तुति:
||
-
क्षीरोदार्णवसम्भूत
आत्रेयगोत्रसमुद्भव:
| -
गृहाणार्ध्यं
शशांकेदं
रोहिण्यसहितो
मम
।। -
ॐ
श्री
चन्द्रमसे
नमः -
अस्य
श्री
चन्द्र
कवच
स्तॊत्र
महा
मंत्रस्य,
गौतम
ऋषि:,
अनुष्टुप
छंद:,
श्री
चन्द्रो
दॆवता
|
चन्द्र:
प्रीत्यर्थॆ
जपॆ
विनियॊग:
॥
कवचं
-
समं
चतुर्भुजं
वंदॆ
कॆयूर
मकुटॊज्वलम्
। -
वासुदॆवस्य
नयनं
शंकरस्य
च
भूषणम्
॥ -
ऎवं
ध्यात्वा
जपॆन्नित्यं
शशिन:
कवचं
शुभम्
। -
शशि:
पातु
शिरॊ
दॆशं
फालं
पातु
कलानिधि
॥ -
चक्षुषि:
चन्द्रमा:
पातु
श्रुती
पातु
निशापति:
। -
प्राणं
कृपाकर:
पातु
मुखं
कुमुदबान्धव:
॥ -
पातु
कण्ठं
च
मॆ
सॊम:
स्कन्धे
जैवातृकस्तथा
। -
करौ
सुधाकर:
पातु
वक्ष:
पातु
निशाकर:
।| -
हृदयं
पातु
मॆ
चन्द्रो
नाभिं
शंकरभूषण:
। -
मध्यं
पातु
सुरश्रॆष्ट:
कटिं
पातु
सुधाकर:
।| -
ऊरू
तारापति:
पातु
मृगांकॊ
जानुनी
सदा
। -
अभ्दिज:
पातु
मॆ
जंघॆ
पातु
पादौ
विधु:
सदा
|। -
सर्वाण्यन्यानि
चांगानि
पातु
चन्द्रोSखिलं
वपु:
। -
ऎतद्धिकवचं
दिव्यं
भुक्ति
मुक्ति
प्रदायकम्
।| -
य:
पठॆच्छृणुयाद्वापि
सर्वत्र
विजयी
भवॆत
।| -
रोहिणीशः
सुधामूर्ति:
सुधागात्रो
सुधाशन:
| -
विषमस्थानसंभूतां
पीडां
दहतु
मे
विधु:
||
|
इति
श्री
चन्द्रकवचेन
बीजमन्त्रेण
च
सहिता
चन्द्रस्तुति:
सम्पूर्णा
|
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हिंदी
English summary
Lunar eclipse 2023 on Buddha Purnima after 130 years, know Effects On zodiac signs in Hindi.