Air new zealand flight returns to same airport after 16 hours flight was diverted back due to a fire new york terminal

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हाइलाइट्स

ऑकलैंड से न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट 16 घंटे बाद वापस न्यूजीलैंड पहुंची
पावर आउटेज के चलते बाधित हो गया था उड़ानों का संचालन
यात्रियों ने कहा- 16 घंटे का समय और ईंधन बर्बाद किया गया

ऑकलैंड: 16 फरवरी को ऑकलैंड से न्यूयॉर्क जाने वाली एयर न्यूजीलैंड की फ्लाइट (Air New Zealand Flight) वापस अपनी टेकऑफ वाली जगह पर पहुंच गई. 16 घंटे तक यात्री फ्लाइट में बैठे रहे. जब लोगों ने फ्लाइट को उसी जगह पाया तो वे चौंक गए. दरअसल, पावर आउटेज के चलते संचालन बाधित हो गया था, जिससे कम से कम 135 उड़ानें प्रभावित हुई थीं. वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि टर्मिनल में आग लगने के कारण ऑकलैंड-न्यूयॉर्क उड़ान को वापस डॉयवर्ट कर दिया गया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूजीलैंड की ‘एयर न्यूजीलैंड फ्लाइट’ गुरुवार शाम ऑकलैंड से रवाना हुई थी. फ्लाइट को स्थानीय समयानुसार शाम 5:40 बजे जॉन एफ कैनेडी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 पर उतरना था, लेकिन वह इसके बजाय डॉयवर्ट होकर न्यूजीलैंड ही पहुंच गई. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने ट्वीट कर बताया, ‘हम अन्य टर्मिनलों का उपयोग करके प्रभावित उड़ानों को समायोजित करने के लिए काम कर रहे हैं. यात्री, कृपया हवाई अड्डे पर जाने से पहले अपनी एयरलाइन के साथ उड़ान की स्थिति की जांच करें.’

अब इस देश में कुदरत बरपाएगा कहर? आने वाली है तबाही, सरकार ने आनन-फानन में की इमरजेंसी की घोषणा

वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सवाल किया कि फ्लाइट अमेरिका के किसी दूसरे एयरपोर्ट पर लैंड क्यों नहीं कर पाई. एयरलाइन ने जवाब में कहा, ‘किसी अन्य अमेरिकी हवाई अड्डे पर उतरने का मतलब था कि विमान को कई दिनों तक वहीं रुकना पड़ता, जिससे कई अन्य अनुसूचित सेवाएं और यात्री प्रभावित होते.’ कई यूजर्स ने ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की. एक उपयोगकर्ता ने कहा, ’16 घंटे की उड़ान और आप वहीं पहुंच जाते हैं जहां से आपने शुरुआत की थी. क्या प्रोडक्टिव डे है.’ एक अन्य यूजर्स ने कहा, ‘बस वापस घर आने के लिए फ्लाइट बुक की थी.’ तीसरे व्यक्ति ने कहा, ‘यह कितना बकवास है, इतना समय और ईंधन को बर्बाद किया गया.’

Tags: Flight service, Newzealand

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Indonesia papua rebels kidnapped new zealand pilot released pictures videos know what is demand

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हाइलाइट्स

इंडोनेशिया के अशांत पापुआ प्रांत में विद्रोहियों ने न्यूजीलैंड के पायलट के किडनैप कर लिया है.
किडनैप करने के बाद विद्रोहियों ने पायलट का वीडियो जारी किया है.
विद्रोहियों ने कहा कि पापुआ से इंडोनेशियाई सेना की वापसी के बाद ही वह पायलट को छोड़ेंगे.

जकार्ता. इंडोनेशिया (Indonesia) के अशांत पापुआ प्रांत में अलगाववादी विद्रोहियों ने मंगलवार को एक पायलट का वीडियो जारी किया है. उस वीडियो में कहा गया है कि उन्होंने न्यूजीलैंड के इस पायलट (New Zealand Pilot) को किडनैप कर लिया है. वीडियो के साथ-साथ उन्होंने पायलट की तस्वीर भी जारी कर दी. क्राइस्टचर्च के फिलिप मार्क मेहरटेंस इंडोनेशियाई एयरलाइन कंपनी सूसी एयर में पायलट हैं.

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक फिलिप 7 मई को पैरो नाम के गांव में विमान से आए थे. उनका काम यहां से 15 कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स को वापस लेकर जाना था. जो पापुआ प्रांत के इस सूदूर इलाके में स्वास्थ्य केंद्र बना रहे हैं. लेकिन इससे पहले कि फिलिप कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को लेकर वापस जाते विद्रोहियों ने उन्हें किडनैप कर लिया. इसके साथ ही विद्रोहियों ने उनके विमान में आग लगा दी. विमान में सवार पांच लोगों को तो विद्रोहियों ने छोड़ दिया लेकिन फिलिप को उन्होंने अपने साथ रोक लिया.

पढ़ें- Russia-Ukraine War: टॉयलेट जाने के लिए तरसेंगे रूसी? पुतिन को सबक सिखाने के लिए यूरोपीय यूनियन का बड़ा फैसला, अब क्या करेंगे…

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जारी वीडियो में फिलिप राइफल्स, भाले, तीर और रखने वाले विद्रोहियों के बीच घिरे देखे जा सकते हैं. इसके अलावा वह विद्रोहियों के दवाब में आकर इंडोनेशिया से पापुआ की आजादी की मांग कर रहे हैं. हालाकि बाद में इंडोनेशिया की सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वह फिलिप की हर संभव मदद करेंगे और जल्द ही उन्हें छुड़ा लिया जाएगा.

क्षेत्रीय कमांडर मुहम्मद सालेह मुस्तफा ने कहा कि इंडोनेशिया की सरकार वर्तमान में गतिरोध को तोड़ने की कोशिश करने के लिए नरम रुख अपना रही है. स्थानीय राजनेताओं और धार्मिक हस्तियों के साथ फिलिप की सुरक्षित रिहाई करने की कोशिश की जा रही है. वहीं विद्रोहियों के प्रवक्ता ने तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए पापुआ से इंडोनेशियाई सेना की वापसी के लिए कहा था. साथ ही उसने धमकी दी थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह फिलिप को जीवन भर के लिए बंधक बना लेंगे.

Tags: Indonesia News, Kidnap, Pilot

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World hindi conference s jaishankar fijis prime minister sitivenki rabuka mentioned the film sholay said ye dosti ham nahi todenge

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हाइलाइट्स

फिजी में 15 से 17 फरवरी तक आयोजित हुआ विश्व हिंदी सम्मेलन
नाडी में हुए सम्मेलन में 30 देशों के हिंदी विद्वानों ने लिया हिस्सा
फिजी ने भारत के साथ सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने पर दिया जोर

फिजी: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S jaishankar) ने उम्मीद जताई है कि विश्व हिंदी सम्मेलन (World Hindi Conference) आने वाले समय में हिंदी का महाकुंभ बनेगा. यह हिंदी को विश्व भाषा बनाने में लगे हिंदी प्रेमियों को महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराएगा. फिजी (Fiji) के नाडी (Nadi) में आयोजित 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हिंदी को विश्व भाषा बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने के यह जरूरी है कि सभी हिंदी प्रेमी मिलजुल कर काम करें.

फिजी के इस प्रमुख शहर में 15 से 17 फरवरी तक तीन दिन चले सम्मेलन में तीस से अधिक देशों के एक हजार से अधिक हिंदी विद्वानों और लेखकों ने भाग लिया. समापन समारोह में फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद भी मौजूद थे और उन्होंने सम्मेलन को फिजी के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सितवेनी रबूका के नेतृत्व वाली सरकार देश में हिंदी को मज़बूत करने के लिए सभी संभव कदम उठा रही है.

पढ़ें- विश्व हिंदी सम्मेलन में जयशंकर से मिले फिजी के पीएम राबुका, चीन की चर्चा पर कहा- पीठ पीछे बात करना ठीक नहीं

फिजी के प्रधानमंत्री ने किया शोले का जिक्र
अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए बिमान प्रसाद ने टिप्पणी की कि पिछले 10-15 वर्षों में हिंदी को यहां कमजोर करने की कोशिशें की गईं. जयशंकर ने फिजी नेतृत्व से बुधवार को हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री रबूका को आश्वस्त किया है कि भारत फिजी के साथ सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने के लिए कदम उठाएगा.
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एस जयशंकर ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री रबूका ने दोनों देशों के बीच दोस्ती की तुलना के लिए सत्तर के दशक में आई बॉलीवुड की बेहद लोकप्रिय फिल्म ‘शोले’ का जिक्र किया. विदेश मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री रबूका ने उन्हें बताया कि ‘शोले’ उनकी सबसे पसंदीदा फिल्म है और उसका गाना ‘ये दोस्ती, हम नहीं तोड़ेंगे …. ’ उन्हें विशेष रूप से प्रिय है. समापन समारोह में देश-विदेश में हिंदी के प्रचार, प्रसार व विकास के लिए काम कर रहे 25 विद्वानों व संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधर ने बताया कि सम्मेलन के दौरान दस सत्रों में विभिन्न मसलों पर गंभीर चर्चा हुई और यह निष्कर्ष निकल कर आया कि हिंदी काफी सशक्त भाषा है और तकनीक के साथ सामंजस्य बैठाने में सक्षम है.

Tags: Fiji, Hindi, World news

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Russia ukraine war european union bans export of toilets to russia to punish putin

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हाइलाइट्स

पुतिन के सबक सिखाने के लिए यूरोपीय यूनियन का बड़ा फैसला.
यूरोपीय यूनियन ने रूस को शौचालयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इससे पहले रूसी सैनिक यूक्रेन में शौचालयों की चोरी करते देखे गए हैं.

नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) को इस महीने एक साल पूरे होने वाले हैं. युद्ध की शुरुआत से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यूक्रेन और उसकी मदद कर रहे पश्चिमी देशों पर हमलावर हैं. वहीं यूरोपीय यूनियन (European Union) लगातार रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा रही है. यूरोपीय यूनियन ने एक बार फिर रूस में सामानों के निर्यात पर बड़ा फैसला लिया है. यूरोपीय यूनियन ने यूक्रेन में आक्रमण के लिए पुतिन को सबक सिखाने के लिए रूस को शौचालयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

डेली मेल यूके की रिपोर्ट के अनुसार रूसी नागरिकों पर इसका काफी प्रभाव पड़ सकता है. पांच में से एक के पास अपने घरों में इनडोर प्लंबिंग नहीं है. स्थिति इतनी खराब है कि यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों द्वारा रूस में अपने लोगों को वापस भेजने के लिए शौचालयों को लूट लिया गया है. इससे पहले इस तरह की घटना को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के सामने लाया गया था.

पढे़ं- Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन की लड़ाई अब ‘गुब्बारों’ पर आई! कीव का दावा 6 को मार गिराया, अब क्या करेंगे पुतिन?

ज़ेलेंस्की ने पिछले अप्रैल में कहा था, ‘रूसी अपने सबसे बड़े सपने के बारे में बात करते थे, पेरिस को देखना और मरना… लेकिन अब उनका सपना एक शौचालय चोरी करना और मरना है.’ इसके साथ ही अभी पिछले महीने उन्होंने इस मुद्दे को फिर से उजागर किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें शौचालय के कबाड़ ले जाने दो. उन्हें सड़क पर उनकी आवश्यकता होगी, शायद घर पर भी उन्हें इसकी आवश्यकता होगी.

प्रतिबंध उन सामानों की सूची में से एक है जिसे रूस को यूरोपीय देशों से खरीदने से रोक दिया गया है. इसमें सभी यूरोपीय वॉश बेसिन, टॉयलेट पैन, फ्लशिंग पार्ट्स और सैनिटरी के सामान शामिल हैं. यूरोपीय संघ से बाहर होने के बावजूद, ब्रिटेन ने प्रतिबंध का समर्थन किया है. आने वाले हफ्तों में इन उपायों को और सख्त बनाया जा सकता है. क्योंकि 24 फरवरी को पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण का एक साल पूरा हो जाएगा.

Tags: European union, Russia ukraine war, Vladimir Putin

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PHOTOS: जब बीच समंदर में टूट गई नाव, पानी में छटपटाने लगे लोग, ऐसे काल के गाल में समा गए 73 लोग, देखें वह दर्दनाक मंजर

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Libya shipwreck: यूरोप (Europe) जा रही एक नाव लीबिया तट के पास टूट गई है. नाव पर कम से कम 120 प्रवासी सवार थे. माना जा रहा कि इस दुर्घटना में 73 लोगों की मौत हो गई है. संयुक्त राष्ट्र प्रवासी एजेंसी (United Nations’ International Organization for Migration) का कहना है कि नाव पर महिलाएं और बच्चे भी सवार थे. नाव लीबियाई बंदरगाह अल-खुम्स के पास डूब गई है. बता दें कि 2014 के बाद से यहां 17,000 से अधिक मौतें और गुमशुदगी दर्ज की गई हैं. पिछले साल अक्टूबर से लेकर अभी तक क्षेत्र में नौका टूट कर डूबने की ये कम से कम आठवीं घटना है.

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Russia Ukraine War being stopped for World war conversion Belarus statement is one of the hint

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हाइलाइट्स

एक साल से रूस यूक्रेन युद्ध यूक्रेन तक ही सीमित है.
पश्चिमी देश खास तौर से नाटो के देशों ने इसमें संयम बरता है.
रूस ने भी इस युद्ध को विस्तारित होने का मौका नहीं दिया है.

इस समय रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) को बड़े या विश्व युद्ध (World War)  में बदलने से रोकने की कोशिशें हो रही है. सच तो यह ये सभी ऐसी ही कोशिशें हैं जिनसे विश्वयुद्ध बदलने की जिम्मेदारी से बचा जा सके. अब हाल ही में बेलारूस (Belarus) ने ऐलान किया है कि वह तब तक युद्ध का हिस्सा नहीं बनेगा जब तक कि खुद उसी पर हमला नहीं होगा. वहीं रूस भी बहुत बड़ी कार्रवाई से बचने की कोशिश में है जिससे उस पर बड़ा युद्ध उकसाने का आरोप ना लगे. कुल मिला कर जैसा कि पिछले एक साल से हो रहा है, हर पक्ष से इस युद्ध को केवल यूक्रेन तक ही सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है.

शुरू से ही रखा गया ध्यान
युद्ध की शुरुआत से ही हर पक्ष की ओर से इस बात का ध्यान रखा गया है कि इस तरह का नैरेटिव जाए कि युद्ध बढ़ाने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है. पहले रूस को ही लें वह लगातार चेतावनी देता रहा है कि यूक्रेन नाटो से अपनी नजदीकियों से बाज आ जाए नहीं तो उसे अंजाम भुगतना होगा. आखिरकार पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के नाम पर पिछले साल 24 फरवरी को अपनी सेना भेज दी.

शुरुआती कोशिशें
वहीं पश्चिमी देशों ने, जिसमें नाटो के रूप में अमेरिका और यूरोपीय देश प्रमुख रूप से शामिल थे,  यूक्रेन का साध देने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन उसकी सीधे तौर पर सहायता से बचते रहे जिससे युद्ध विश्व युद्ध में तब्दील ना हो जाए. वहीं रूस ने भी साफ कहा कि किसी दूसरे देश का सीधा दखल  युद्ध को व्यापक स्तर पर ले जाएगा जिसके लिए वह खुद जिम्मेदार नहीं होगा.

युद्ध भड़काने की जिम्मेदारी से बचाव
इसका नतीजा यह रहा कि युद्ध को एक साल पूरा होने को है. वह अब भी जारी तो है, लेकिन किसी को भी यह पता नहीं है कि वह कैसे रुक सकता है. अमेरिका रूस के खिलाफ मुखर तो बहुत है लेकिन यूक्रेन को हथियार धीरे धीरे दे रहा है जिससे उस पर रूस के युद्ध फैलाने के लिए उकसाने का जिम्मेदार ना कहा जा सके. यही हाल जर्मनी का भी है हाल ही में अमेरिका को जर्मनी को यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति के लिए मनाना पड़ा.

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बेलारूस के तानाशाह एलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) ने भी हाल ही में कहा है कि वे युद्ध में तब तक सीधी भागीदारी नहीं करेंगे जब तक उनके देश पर हमला नहीं होगा. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

हाल में बदलता दिख रहा है काफी कुछ
वहीं युद्ध में रूस धीरे धीरे यूक्रेन की हालात खराब कर रहा है और पश्चिमी देशों के हथियार उसे बढ़ने से रोक रहे हैं हैरानी नहीं होनी चाहिए कि भविष्य  में यह पता चले कि यूक्रेन पश्चिमी देश और रूस की युद्ध की प्रयोगशाला में बदल गया था. जो भी हो यह साफ है कि पिछले कुछ हफ्तों से घटनाएं यही संकेत दे रही हैं कि दूसरे देश जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे युद्ध को बड़े युद्ध में बदलने देना नहीं चाहते हैं.

यह भी पढ़ें: क्या भारत रूस यूक्रेन युद्ध खत्म करने में कर सकता है कारगर मदद?

बेलारूस का बयान
इस कड़ी में बेलारूस के तानाशाह एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा है कि उनकी सेना रूस यूक्रेन युद्ध में तभी शामिल होगी जब उनके देश पर पहला हमला होगा. बहुत कम प्रेस कॉन्फ्रेस करने वाले लुकाशेंको ने कहा कि वे रूस के साथ युद्ध करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब कोई एक यूक्रेन सैनिक भी उनके क्षेत्र में घुस कर उनके लोगों को मारने का प्रयास करेगा.

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एलन मस्क (Elon Musk) ने भी पिछले साल अक्टूबर में यूक्रेन युद्ध खत्म करने का प्रस्ताव दिया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

एलन मस्क भी
इससे पहले ट्विटर और स्पेस एक्स के मुखिया एलन मस्क  आलोचना का शिकार हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने स्टारलिंग सैटेलाइट के हाई स्पीड ब्रॉडबैंड सेवा को यूक्रेन में सीमित कर दिया था. लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि वे लगातार यूक्रेन को सहायता तक पुतिन को कोई मौका नहीं देना चाहते हैं. उनका कहना है कि वे स्पेस एक्स को लंबे युद्ध का स्थाई हिस्सा नहीं बनने देना चाहते.

यह भी पढ़ें: अब रूस में बनेंगे ईरानी ड्रोन, क्या है दो अमेरिकी दुश्मनों के साथ आने का मतलब?

गौर तलब है कि पिछले साल के अंत तक युद्ध को खत्म करने की बातें खत्म ही हो गई थीं. यूक्रेन में मारे गए लोगों के आंकड़े भी दुनिया के बड़े नेताओं को इसके लिए बात करने के लिए उकसा नहीं सके, अक्टूबर में खुद मस्क ने युद्ध खत्म करे के लिए प्रस्ताव दिया था. वहीं इसी महीने अमेरिका ने भी कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहा था कि वे युद्ध रोकने के लिए जो भी प्रयास करेंगे उनका देश उसका स्वागत करेगा. साफ है कि युद्ध को फैलने से रोकने के उपायों को भी खोजा जाने लगा है.

Tags: NATO, Russia, Russia ukraine war, World

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Spain passes law for menstrual leave women will get medical off during periods became the first european country to pass such a law

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हाइलाइट्स

स्पेन की संसद ने पीरियड्स के दौरान छुट्टी को लेकर कानून बनाया है.
अब पीरियड के दौरान दर्द से पीड़ित महिलाओं को पेड मेडिकल लीव मिलेगी.
इस तरह का कानून पारित करने वाला स्पेन पहला यूरोपीय देश बन गया है.

मैड्रिड. स्पेन (Spain) की संसद ने पीरियड्स के दौरान छुट्टी (Menstrual Leave) को लेकर बड़ा फैसला किया है. संसद ने गुरुवार को पीरियड के दौरान गंभीर दर्द (Period Pain) से पीड़ित महिलाओं को पेड मेडिकल लीव (Paid Medical Leave) देने वाले कानून को मंजूरी दे दी है. स्पेन इस तरह का कानून पारित करने वाला पहला यूरोपीय देश (European country) बन गया है. बता दें कि स्पेन यूरोपीय संघ का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है.

न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार स्पेन की वामपंथी सरकार ने कहा है कि यह कानून के खिलाफ 154 मत और पक्ष में 185 मतों से पारित हुआ है. इसका उद्देश्य इस विषय पर बने एक टैबू को तोड़ना है. मालूम हो कि पीरियड्स के दौरान छुट्टी वर्तमान में जापान, इंडोनेशिया और जाम्बिया जैसे दुनिया भर के कुछ ही देशों में दी जाती है.

पढ़ें- पीरियड्स में महिलाओं को मिलेगी छुट्टी! मांग पर सुप्रीम कोर्ट में 24 फरवरी को सुनवाई

स्पेन की समानता मंत्री (Equality Minister) इरेन मोंटेरो (Irene Montero) ने इस कानून को लेकर ट्वीट कर कहा, ‘यह नारीवादी प्रगति के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. यह कदम एक स्वास्थ्य समस्या को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम है जो काफी हद तक महत्वपूर्ण मुद्दों की ढेर में कहीं दबा हुआ था.’ उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत, पीरियड पेन का अनुभव करने वाली कर्मचारी उतने ही समय के अवकाश के हकदार होंगी, जितने की उन्हें जरूरत होगी. स्पेन की राज्य सामाजिक सुरक्षा प्रणाली इस छुट्टी के लिए भुगतान करेगी, नियोक्ता नहीं.

मई 2022 में कैबिनेट द्वारा शुरू में कानून को मंजूरी दिए जाने के बाद मोंटेरो ने कहा था कि पीरियड अब टैबू नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘अब दर्द के साथ काम नहीं करना है, काम पर पहुंचने से पहले गोलियां नहीं लेनी हैं और इस तथ्य को छुपाना नहीं पड़ेगा कि हम उस दर्द में हैं जो हमें काम करने में असमर्थ बनाता है.’ हालांकि इस कानून ने स्पेन के राजनेताओं और यूनियनों दोनों के बीच विभाजन पैदा कर दिया है.

Tags: Period, Spain

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Mysterious death of another russian officer marina yankina died after falling 160 feet building window

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यांकिना 160 फीट नीचे गिरी थीं जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई
रूसी जांच एजेंसी ने रहस्यमय ढंग से गिरने के संबंध में जांच शुरू कर दी है
यांकिना का निजी सामान इमारत की 16वीं मंजिल पर पाया गया

मॉस्को. रूस में एक उच्च पदस्थ रूसी रक्षा अधिकारी की एक इमारत की खिड़की से गिरने के कारण मौत हो गई. डेलीमेल ने बताया कि सेंट पीटर्सबर्ग में एक इमारत की खिड़की से गिरने के बाद एक उच्च पदस्थ रूसी रक्षा अधिकारी की मौत हो गई है. पूर्वी सैन्य जिले के लिए रूसी रक्षा मंत्रालय के वित्तीय सहायता विभाग का नेतृत्व करने वाली मरीना यांकिना (Marina Yankina) को सेंट पीटर्सबर्ग (St Petersburg) में ज़मशीना स्ट्रीट पर एक घर के प्रवेश द्वार पर मृत पाया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार यांकिना 160 फीट नीचे गिरी थीं जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. समाचार रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में रूस के सैन्य आक्रमण के वित्तपोषण में वह एक प्रमुख व्यक्ति थीं. द डेलीमेल ने बताया कि रूसी जांच समिति (Russian Investigation Agency) और पश्चिमी सैन्य जिले ‘फोंटांका’ की प्रेस सेवा ने यांकिना की मौत की पुष्टि की है और उसके रहस्यमय ढंग से गिरने के संबंध में जांच शुरू कर दी है. यांकिना का निजी सामान इमारत की 16वीं मंजिल पर पाया गया. मीडिया आउटलेट ‘मैश ऑन मोइका’ का हवाला देते हुए, समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि यांकिना ने अपने पूर्व पति को फोन किया था और उन्हें सूचित किया था कि वह क्या करने का इरादा कर रही है.

मीडिया आउटलेट ‘मैश ऑन मोइका’ ने कहा कि यांकिना ने अपने पूर्व पति को बताया कि वह क्या करने जा रही है, वह चीजों को कहां छोड़ेगी और पुलिस को फोन करने के लिए भी कहा. कॉल के कुछ मिनट बाद, वह मृत पाई गई. पश्चिमी सैन्य क्षेत्र में शामिल होने से पहले, यांकिना ने संघीय कर सेवा में सेवा की और सेंट पीटर्सबर्ग की संपत्ति संबंध समिति के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया. ऐसा माना जाता है कि 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किए गए युद्ध के लिए फंडिंग को मजबूत करने के प्रयासों के केंद्र में वह रही हैं. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान मरने वाले कई रूसियों में मरीना यांकिना नवीनतम हैं. उसकी मौत मेजर जनरल व्लादिमीर मकारोव, एक रूसी जनरल, जिसे हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा निकाल दिया गया था, के एक संदिग्ध आत्महत्या में मृत पाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है.

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PHOTOS: इस देश के लोगों ने नशे में चलाई गाड़ी तो यूक्रेनी सेना को होगा फायदा, जानिए क्या है पूरा मामला

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Drink Driving: शराब पीने वाले लोग अक्सर पीकर ड्राइविंग (Drunk Driving) करते हैं. इसे रोकने के लिए दुनिया भर की सरकारें कोशिश में लगी रहती हैं. दुनिया की अलग-अलग सरकारें अपने हिसाब से इस समस्या से निपट रही हैं. अब खबर है कि नशे में ड्राइविंग को कम करने के लिए लातविया (Latvia) की सरकार एक अनूठी रणनीति अपनाने जा रही है. लातवियाई सरकार नशे में चालकों से जब्त की गई कारों को यूक्रेनी सेना को देने की तैयारी कर रही है.

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Russia ukraine war spy balloons in kyiv vladimir putin news flying objects

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यूक्रेन का दावा मार गिराए 6 रूसी जासूसी गुब्बारे.
जासूसी गुब्बारे यूक्रेन की राजधानी कीव के ऊपर देखे गए थे.
गुब्बारे भेजने का मकसद संभवत: वायु सुरक्षा का पता लगाना था.

कीव. रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच शुरू हुए युद्ध (War) को इस 24 फरवरी को पूरे एक साल होने जा रहा है. युद्ध के शुरुआत से ही रूस अपने पड़ोसी देश पर काफी हमलावर है. लेकिन यूक्रेन भी पश्चिमी देशों की मदद से इस युद्ध में रूस को कड़ी टक्कर दे रहा है. इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने छह रूसी जासूसी गुब्बारों (Spy Balloons) को मार गिराया है. यह गुब्बारे यूक्रेन की राजधानी कीव के ऊपर आसमान में देखे गए थे, जिन्हें यूक्रेन की सेना ने मार गिराया.

स्काई न्यूज के अनुसार यूक्रेन को शक है कि इन गुब्बारों से रिफ्लेक्टर और जासूसी उपकरण लगे हो सकते हैं. हालांकि अधिकारियों ने इस बात को स्पष्ट नहीं किया कि ये जासूसी गुब्बारे राजधानी कीव के ऊपर कब उड़े थे. बता दें कि बुधवार को कीव में हवाई अलर्ट जारी किया गया था. यूक्रेन के सैन्य प्रशासन के अनुसार इन गुब्बारों को भेजने का मकसद संभत: वायु सुरक्षा का पता लगाना था. यह हाल के दिनों अमेरिका में तथाकथित जासूसी गुब्बारों के सुर्खियां बटोरने के बाद आया है.

पढ़ें- Russia-Ukraine War: अब यूक्रेन की खैर नहीं! तैयार है पुतिन का नया प्लान… अमेरिका की भी उड़ी नींद

इससे पहले अमेरिका ने चीन पर खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए ‘जासूसी गुब्बारे’ को भेजने का आरोप लगाया था. 4 फरवरी को, एक अमेरिकी फाइटर जेट ने एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. जिसके बाद अमेरिका में फ्लाइंग ऑब्जेक्ट दिखने का एक सिलसिला जारी हो गया था. हालांकि चीन ने बाद में माना था कि गुब्बारा उसी का था और खराब मौसम के कारण रास्ता भटक गया था.

मालूम हो कि स्काई न्यूज ने पश्चिमी खुफिया अधिकारियों के हवाले से बुधवार को बताया है कि यूक्रेन के साथ सीमा के करीब रूस लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को इकट्ठा कर रहा है. जिससे रूस की सेना अपने आक्रमण को ‘हवाई लड़ाई’ में बदलने की कोशिश कर रही है. अमेरिका ने रूस-यूक्रेन सीमा के पास विमान के निर्माण का खुलासा करते हुए अन्य नाटो सदस्य देशों के साथ एक खुफिया रिपोर्ट साझा की है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी सेना जमीन पर कम हो गई है. इसलिए यह सबसे बड़ा संकेत है कि वह इस लड़ाई को हवाई हमले में बदल देंगे.

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