मंदसौर2 मिनट पहले
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पर्यावरण धर्म का असली प्राण है। ये भगवान और मोक्ष से भी बढ़कर है। इसके बिना महापुरुष साधना की कल्पना तक नहीं कर सकते है। वृक्ष हमारे लिए हीरा, पन्ना, माणक और मोती से भी कीमती है। हमें पेड़ों से जो ऑक्सीजन मिलती है, उसका कोई विकल्प नहीं है।
उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने निराश्रित बालिका गृह में वृक्षारोपण समारोह को संबोधित करते कही। उन्होंने कहा कि मानव विलासिता में वशीभूत होकर शैतान बना हुआ है और प्रकृति पर कहर ढहा रहा है। सभी धर्म आचार्यों को मिलकर पर्यावरण की रक्षा को ध्यान में रखते हुए धर्म की उपासना पद्धति की आचार संहिता का निर्माण करना चाहिए।
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि एक वृक्ष संतान से भी बढ़कर है, वृक्ष का कत्ल करना इंसान की हत्या से बढ़कर है। महापुरुषों ने वृक्षों में भगवान की कल्पना की है। वृक्ष बचाओ-विश्व बचाओ का संकल्प दिलाया। वृक्षारोपण करते हुए जिला कलेक्टर गौतम सिंह ने कहा कि वृक्ष बचाना संसार बचाने के समान है। 10 संतान से भी एक वृक्ष बढ़कर है। एसडीएम बिहारी सिंह भी उपस्थित थे। अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा की राष्ट्रीय महामंत्री शशि मारू ने निराश्रित बालिका ग्रह की संस्थापक अनामिका जैन को राष्ट्रीय मंत्री घोषित किया।
इस अवसर पर विजय खटोड़, जैन दिवाकर विचार मंच के ज़िलाध्यक्ष राजेश जैन एडव्होक़ेट, संजय पोरवाल महेश नाहर, अजीत खटोड़, मनोज वीरवाल, प्रताप सिंह नलवाया, अर्पित जैन, मंजुला जैन, तारा जैन,सोनम कडावत, अनीता खटोड़, दिव्या खटोड़ ने भी वृक्षारोपण किया। कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया। दिवाकर मंच की ओर से बालिकाओं को मिठाई वितरित की गई।