याचिकाकर्ता ने कहा- बैन का फैसला मनमाना; रिजिजू बोले- याचिका से समय बर्बाद होगा | BBC Documentary| india modi question| supreme court

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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यह तस्वीर कोच्चि की 24 जनवरी की है। जिला कांग्रेस कमेटी ने मरीन ड्राइव जंक्शन पर BBC डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग की थी। - Dainik Bhaskar

यह तस्वीर कोच्चि की 24 जनवरी की है। जिला कांग्रेस कमेटी ने मरीन ड्राइव जंक्शन पर BBC डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की स्क्रीनिंग की थी।

PM मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर लगे बैन को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाए जाने के खिलाफ महुआ मोइत्रा, प्रशांत भूषण और एडवोकेट एमएल शर्मा ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाने का सरकार का फैसला मनमाना और असंवैधानिक है।

याचिकाकर्ता का दावा- डॉक्यूमेंट्री दंगों की जांच में मददगार
याचिका में दावा किया गया है कि ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों और उनमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की गई है। जब दंगे भड़के थे, तब PM मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे। याचिका में यह भी कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री में दंगे रोकने में नाकामयाब रहे जिम्मेदारों से जुड़े कई फैक्ट्स हैं। हालांकि, सच्चाई सामने आने के डर से इसे सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 के नियम 16 के तहत बैन किया गया है। रिकॉर्ड किए गए फैक्ट्स भी सबूत हैं और इन्हें पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसे न्याय नहीं मिला है।

दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई की मांग की गई
याचिका में गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच की भी मांग की गई है। एमएल शर्मा ने कहा है कि BBC डॉक्यूमेंट्री के दोनों एपिसोड और BBC के रिकॉर्ड किए गए सभी ओरिजनल फैक्ट्स की जांच करें। साथ ही गुजरात दंगों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह से जिम्मेदार या शामिल आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 146, 302, 376, 425 और 120-बी और के तहत उचित कार्रवाई करें।

याचिका लगाने पर कानून मंत्री बोले- ये लोग SC का समय बर्बाद करते हैं
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को लेकर सोमवार को ट्वीट किया। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि देश में जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए इंतजार और तारीखों की मांग कर रहे हैं। ऐसे समय में कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करते हैं।

BBC ने चीनी कंपनी हुवेई से पैसा लेकर बनाई डॉक्यूमेंट्री
BJP से राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने BBC पर चीनी कंपनी से पैसा लेकर भारत विरोधी डॉक्यूमेंट्री बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- BBC को चीनी कंपनी हुवेई ने मोदी की छवि खराब करने के लिए पैसा दिया है। अब BBC चीनी एजेंडे को ही आगे बढ़ा रहा है। महेश जेठमलानी दिवंगत एडवोकेट राम जेठमलानी के बेटे हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा- BBC इतना भारत विरोधी क्यों है? BBC का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2021 में बिना जम्मू-कश्मीर के भारत का नक्शा BBC ने जारी किया था। बाद में उसने भारत सरकार से माफी मांगी थी और नक्शे को सही किया था।

डॉक्यूमेंट्री विवाद को लेकर अब पूरा घटनाक्रम पढ़िए….
24 जनवरी: JNU में डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव हुआ था

24 जनवरी: JNU में डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव हुआ था

JNU में 24 जनवरी को रातभर हंगामा होता रहा। छात्र संघ का कहना था कि वे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं कर रहे थे, बल्कि मोबाइल पर देख रहे थे। इसे देखने पर कोई रोक नहीं है, फिर बिजली इंटरनेट क्यों काटा गया?

JNU में 24 जनवरी को रातभर हंगामा होता रहा। छात्र संघ का कहना था कि वे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं कर रहे थे, बल्कि मोबाइल पर देख रहे थे। इसे देखने पर कोई रोक नहीं है, फिर बिजली इंटरनेट क्यों काटा गया?

इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 24 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में बवाल हुआ था। दरअसल, यूनिवर्सिटी को खबर लगी कि छात्र संघ के ऑफिस में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जा रही है तो वहां की बिजली और इंटनेट काट दिया गया।

इसके बाद भी छात्र नहीं माने और उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को मोबाइल पर डाउनलोड करने का क्यूआर कोड शेयर किया। विवाद इतना बढ़ गया कि डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए।

25 जनवरी: जामिया यूनिवर्सिटी में 7 स्टूडेंट्स हिरासत में लिए गए

तस्वीर जामिया यूनिवर्सिटी की है, डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पुलिस ने 7 छात्रों को हिरासत में लिया lE।

तस्वीर जामिया यूनिवर्सिटी की है, डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पुलिस ने 7 छात्रों को हिरासत में लिया lE।

जामिया में विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर अब तक 7 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है। इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है। SFI ने छात्रों की रिहाई तक स्क्रीनिंग टाल दी है। यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर इन्हें हिरासत में लिया गया है।

जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने बताया कि विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर छात्र संगठन SFI यूनिवर्सिटी कैंपस का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहा है। हम ऐसी किसी भी काम की अनुमति नहीं देंगे। छात्रों की किसी भी गैरजरूरी हरकत पर कार्रवाई होगी।

25 जनवरी: BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर पुडुचेरी विश्वविद्यालय में झड़प हुई

BBC की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पुडुचेरी विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्रों में झड़प हुई थी।

BBC की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पुडुचेरी विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्रों में झड़प हुई थी।

पुडुचेरी विश्वविद्यालय में बुधवार (25 जनवरी) को PM मोदी पर BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इसके बाद छात्रों के दो संगठनों के बीच झड़प हो गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बिजली और वाईफाई को ठप कर दिया था, फिर छात्रों के एक गुट ने फोन और लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी।

25 जनवरी: पंजाब यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री को लेकर हंगामा हुआ

चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी। इसे देखने के लिए जमा छात्र।

चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI ने इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी। इसे देखने के लिए जमा छात्र।

पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) के स्टूडेंट सेंटर में 25 जनवरी को विवादित डॉक्यूमेंट्री चलाने पर हंगामा हुआ। NSUI ने यह डॉक्यूमेंट्री चलाई। जिसे देखने कई स्टूडेंट्स जुट गए। इतने में यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को इसकी भनक लग गई और प्रोजेक्टर पर चलाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को तुरंत बंद करवा दिया गया। इससे पहले लगभग आधी डॉक्यूमेंट्री चल चुकी थी

26 जनवरी: गणतंत्र दिवस पर केरल कांग्रेस ने डॉक्यूमेंट्री दिखाई
केरल कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) यह स्क्रीनिंग तिरुवनंतपुरम में शंकुमुघम बीच पर की। पार्टी ने कहा- ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह डॉक्यूमेंट्री दिखाई जा सके इसलिए बीच पर इसकी स्क्रीनिंग की गई है।

26 जनवरी: हैदराबाद यूनिवर्सिटी में SFI और ABVP के बीच हुआ बवाल
26 जनवरी को हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच विवाद हुआ। SFI ने 400 से अधिक छात्रों को विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई। जवाब में RSS की स्टूडेंट्स विंग और ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी कैंपस में ‘द कश्मीर फाइल्स’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की।

यह तस्वीर SFI ने सोशल मीडिया पर शेयर की है, जिसमें हैदराबाद में स्टूडेंट्स BBC की डॉक्यूमेंट्री देखते नजर आ रहे हैं।

यह तस्वीर SFI ने सोशल मीडिया पर शेयर की है, जिसमें हैदराबाद में स्टूडेंट्स BBC की डॉक्यूमेंट्री देखते नजर आ रहे हैं।

ABVP कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर कैंपस में BBC की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की अनुमति देने का आरोप लगाया। इसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी मेन गेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दिया है तो कैंपस में उसे दिखाने की इजाजत कैसे दी गई।

इससे पहले 21 जनवरी को भी स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कैंपस में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी थी। छात्रों ने इसके लिए न यूनिवर्सिटी प्रशासन को सूचना दी और न ही इजाजत ली थी। मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने एक्शन लिया।

27 जनवरी: दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुआ हंगामा
27 जनवरी को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के छात्रों और पुलिस में ठन गई। छात्रों का कहना था कि वे यह डॉक्यूमेंट्री देखना चाहते हैं, जबकि पुलिस उन्हें देखने नहीं दे रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लिहाजा इसकी स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती।

पुलिस ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के पास धारा 144 लागू है। यहां भीड़ जमा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हंगामे के बाद कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया।

प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने डॉक्यूमेंट्री स्कीनिंग की जानकारी देने के लिए यह पोस्टर जारी किया था।

प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने डॉक्यूमेंट्री स्कीनिंग की जानकारी देने के लिए यह पोस्टर जारी किया था।

29 जनवरी: मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस में बवाल
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 29 जनवरी को बवाल हुआ था। इंस्टीट्यूट की रोक के बावजूद 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने फोन-लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी। TISS के प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने शाम 7 बजे को डॉक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान किया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा ने इसका विरोध किया था। इसके बाद पुलिस ने मामले में दखल देते हुए कहा था कि TISS में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं होगी। इसके बाद स्टूडेंट्स ने 9 लैपटॉप और फोन पर डॉक्यूमेंट्री देखी।

BBC की डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें…

1. BBC डॉक्यूमेंट्री के पीछे कौन:सरेशवाला बोले- PM मोदी को दिखाया, लेकिन प्रवीण तोगड़िया और हरेन पंड्या का जिक्र ही नहीं

गोधरा कांड के 21 साल बाद BBC ने डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ क्यों बनाई? इसमें कितनी सच्चाई है और इसके पीछे कौन था? डॉक्यूमेंट्री में कई धागों को बुना गया है। ब्रिटेन के तब विदेश मंत्री रहे जैक स्ट्रॉ से लेकर गुजराती मूल के लॉर्ड आदम पटेल इससे जुड़े हुए हैं। भारतीय कारोबारी और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला इन सभी लोगों के बीच की कड़ी थे।

भास्कर ने जफर सरेशवाला से इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की। 2002 के सांप्रदायिक दंगों के बाद जब मुसलमान मोदी के खिलाफ हुए, तो सरेशवाला उनमें से एक थे। उन्होंने अहमदाबाद से लंदन तक उनका पुतला फूंका। सरेशवाला कहते हैं कि डॉक्यूमेंट्री में मोदी का जिक्र है, लेकिन प्रवीण तोगड़िया और हरेन पंड्या का क्यों नहीं। पढ़ें पूरी खबर…

2. BBC डॉक्यूमेंट्री पर अमेरिका ने बदला स्टैंड, कहा- हम प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं

भारत में चल रहे BBC डॉक्यूमेंट्री पर विवाद में अमेरिका ने 48 घंटे में अपना स्टैंड बदल दिया। उसने प्रेस की स्वतंत्रता का हवाला देकर BBC डॉक्यूमेंट्री का साथ देने की कोशिश की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने को प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में फ्रीडम ऑफ स्पीच के महत्व को हाइलाइट्स करने का यह सही समय है और ऐसा भारत में भी लागू होता है। पढ़ें पूरी खबर…

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कश्मीरी महिला के दिल का ऑपरेशन कर डाक्टरों ने दिया नया जीवन | Doctors give new life to Kashmiri woman by performing heart operation

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फरीदाबाद35 मिनट पहले

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फरीदाबाद। आपरेशन के बाद डाक्टरों के साथ महिला। - Dainik Bhaskar

फरीदाबाद। आपरेशन के बाद डाक्टरों के साथ महिला।

  • कश्मीर निवासी गुलशन अख्तर को 5 साल से छाती में भारीपन और सांस लेने में परेशानी थी।

शहर के एक अस्पताल में 58 वर्षीय कश्मीरी महिला के दिल का ऑपरेशन कर डाक्टरों ने नया जीवन दिया है। यह महिला 5 साल से दिल की बीमारी से जूझ रही थी। ऑपरेशन के 5 दिन बाद ही उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। सर्वोदय हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट और कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ.वेद प्रकाश की टीम ने यह आपरेशन किया। कश्मीर निवासी गुलशन अख्तर को 5 साल से छाती में भारीपन और सांस लेने में परेशानी थी। कश्मीर में कई बड़े मेडिकल संस्थानों में इलाज के बाद भी उनकी समस्या ज्यों की त्यों रही। इस बीच उनके परिजनों ने सर्वोदय हॉस्पिटल में डॉ.वेद से संपर्क किया। जब मरीज को हॉस्पिटल लाया गया तो उसकी प्रारंभिक जांच में सीटी एओर्टाग्राम करने पर पाया गया कि उसे टाइप ए एओटिक डिसेक्शन के साथ अनुरूस्माल डायलेशन ऑफ आर्च की समस्या है। इसका मतलब यह है कि हार्ट से निकलने वाली नली की परतें अलग-अलग हो गईं और जो नस हार्ट से ब्रेन के लिए ब्लड लेकर जाती थीं वह फूल गई थीं। इसलिए मरीज को छाती में भारीपन व सांस लेने में परेशानी हो रही थी। सर्वोदय हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट, कार्डियो थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ.वेद प्रकाश के अनुसार जब मरीज की बीमारी का पता चल गया तो सर्जरी कर उनकी एओर्टा को बदलने एवं डीप हायपरथर्मिक सर्क्युलेटरी अरेस्ट इस प्रक्रिया में ब्रेन को छोड़कर शरीर के पूरे हिस्से को ठंडा कर उसमें रक्त प्रवाह को रोक दिया जाता है। इससे हार्ट की सम्पूर्ण आर्च को बदलकर उसमे आर्टिफिसियल ग्राफ्ट प्रत्यारोपित किया गया। यह बहुत ही जटिल प्रकिया थी। अस्पताल के चेयरमैन डॉ.राकेश गुप्ता के अनुसार इलाज की उन्नत तकनीक के सहारे ही हम मरीज को बेहतर इलाज दे रहे हैं।

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कानून मंत्री ने राज्यसभा में कहा- इस पर उठे सवालों की जांच अभी पूरी नहीं हुई | Kiren Rijiju On Uniform Civil Code; Rajya Sabha (Parliament) Budget Session Update

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नई दिल्ली43 मिनट पहले

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केंद्र सरकार ने अभी तक देश में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने पर कोई फैसला नहीं लिया है। यह जानकारी कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में दी। उन्होंने बताया- सरकार ने 21वें लॉ कमीशन को समान नागरिक संहिता को लेकर उठे सवालों की जांच का जिम्मा सौंपा था। सरकार ने कमीशन को जांच के बाद अपनी सिफारिशें सौंपने को भी कहा था। 21वें कमीशन का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को खत्म हो गया था। अब उनसे मिली सूचनाएं 22वें कमीशन को सौंपी जा सकती हैं।

UCC के फायदे
यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से सभी समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार दिए जाएंगे। समान नागरिक संहिता लागू होने से भारत की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा। कुछ समुदाय के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सीमित हैं। ऐसे में यदि UCC लागू होता है तो महिलाओं को भी समान अधिकार लेने का लाभ मिलेगा। महिलाओं का अपने पिता की संपत्ति पर अधिकार और गोद लेने से संबंधी सभी मामलों में एक सामान नियम लागू होंगे।

गोवा में पुर्तगाल सरकार के समय से लागू है UCC गोवा में पुर्तगाल सरकार के समय से ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया गया था। 1961 में गोवा सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही बनी थी। अब गुजरात और मध्यप्रदेश में सरकार UCC लागू करने की पूरी तैयारी में है। इसके लिए कमेटी गठित की गई हैं। हालांकि, उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू भी किया जा चुका है।

ब्रिटिश सरकार में उठा था यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा
1835 में ब्रिटिश सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें क्राइम, एविडेंस और कॉन्ट्रैक्ट्स को लेकर देशभर में एक सामान कानून बनाने की बात कही गई। 1840 में इसे लागू भी कर दिया गया, लेकिन धर्म के आधार पर हिंदुओं और मुसलमानों के पर्सनल लॉ को इससे अलग रखा गया। बस यहीं से यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग की जाने लगी।

1941 में बीएन राव कमेटी बनी। इसमें हिंदुओं के लिए कॉमन सिविल कोड बनाने की बात कही गई। आजादी के बाद 1948 में पहली बार संविधान सभा के सामने हिंदू कोड बिल पेश किया गया। इसका मकसद हिंदू महिलाओं को बाल विवाह, सती प्रथा, घूंघट प्रथा जैसे गलत रिवाजों से आजादी दिलाना था।

जनसंघ नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी, करपात्री महाराज समेत कई नेताओं ने इसका विरोध किया। उस वक्त इस पर कोई फैसला नहीं हुआ। 10 अगस्त 1951 को भीमराव अंबेडकर ने पत्र लिखकर नेहरू पर दबाव बनाया तो वो इसके लिए तैयार हो गए। हालांकि, राजेंद्र प्रसाद समेत पार्टी के आधे से ज्यादा सांसदों ने उनका विरोध कर दिया। आखिरकार नेहरू को झुकना पड़ा। इसके बाद 1955 और 1956 में नेहरू ने इस कानून को 4 हिस्सो में बांटकर संसद में पास करा दिया।

जो कानून बने वो इस तरह से हैं-

  • हिंदू मैरिज एक्ट 1955
  • हिंदू सक्शेसन एक्ट 1956
  • हिंदू एडोप्शन एंट मेंटेनेंस एक्ट 1956
  • हिंदू माइनॉरिटी एंड गार्जियनशिप एक्ट 1956

देश के संविधान में यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में क्या कहा गया है?
संविधान के अनुच्छेद 44 के भाग- 4 में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा है। राज्य के नीति-निदेशक तत्व से संबंधित इस अनुच्छेद में कहा गया है कि ‘राज्य, देशभर में नागरिकों के लिए एक यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कराने का प्रयास करेगा।’ हमारे संविधान में नीति निदेशक तत्व सरकारों के लिए एक गाइड की तरह है। इनमें वे सिद्धांत या उद्देश्य बताए गए हैं, जिन्हें हासिल करने के लिए सरकारों को काम करना होता है।

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स्नैपचैट पर हुई थी दिल्ली के युवक से दोस्ती; अश्लील फोटो वायरल की | kaithal girl rape | spachat friendship | delhi youth | porn photo viral |

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कैथल2 घंटे पहले

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हरियाणा के कैथल में युवक ने स्नैपचैट पर एक युवती से दोस्ती की और फिर उसकी अश्लील फोटो ले ली। बाद में फोटो को वायरल करने की धमकी देकर युवती से कई बार दुष्कर्म किया गया। आरोप है कि बाद में अश्लील फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। महिला थाना पुलिस ने युवती की शिकायत पर युवक दीपक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अभी उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

कैथल के पूंडरी क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ महीने पहले स्नैपचैट पर उसकी दिल्ली निवासी युवक दीपक के साथ दोस्ती हुई थी। वह उससे मिलने के लिए भी आया और इस दौरान उसकी एक उसकी अश्लील फोटो ले ली।

3 महीने में कई बार दुष्कर्म

युवती का कहना है कि इसके बाद दीपक ने उसके साथ 30 अक्टूबर 2022 से 30 जनवरी तक कई बार दुष्कर्म किया। दुष्कर्म करने के बाद उसने उसके द्वारा ली गई अश्लील फोटो को वायरल कर दिया। युवती को इसका पता चला तो उसने परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद महिला थाना कैथल में शिकायत दर्ज कराई।

महिला पुलिस ने शुरू की जांच

महिला थाना प्रभारी डॉ. नन्हीं देवी ने बताया कि पूंडरी क्षेत्र की युवती ने शिकायत दी थी कि दिल्ली के एक युवक की उसकी साथ दोस्ती हुई थी। दोस्ती होने के बाद उसने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया और अश्लील फोटो वायरल की। आरोपी दीपक के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया है। आगामी जांच की जा रही है।

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होस्बोले ने कहा- जिन्हें हम हिंदू कहते हैं, वह हिंदू हैं | Hosbole said – those whom we call Hindus are Hindus , RSS

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जयपुर42 मिनट पहले

दत्तात्रेय होस्बाले ने बुधवार को बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में ष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।

जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में दीनदयाल स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे। इस दौरान होस्बोले ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा कि भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि हम अलग हैं। भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया था। लेकिन गोलवलकर जी ने उन्हें कहा कि वह हिंदू है। उनके लिए दरवाजा बंद नहीं है। क्योंकि हम वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा पर काम करते है। किसी ने मजबूरी में गौ मांस ही क्यों ना खाया हो। लेकिन किसी कारण से वो गए। तो दरवाजा बंद नहीं कर सकते है। आज भी उसकी घर वापसी हो सकती है।

होस्बोले ने कहा कि भारत हिन्दू राष्ट्र है। क्योंकि इस देश को बनाने वाले भी हिन्दू हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वेद पुराण में हिन्दू नहीं है, लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं कि इन्हें स्वीकार नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सत्य और उपयोगी बातों को स्वीकार करना चाहिए।

वे बोले- डॉ. हेडगेवार इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिन्दू कौन हैं। भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले हिन्दू हैं। जिनके पूर्वज हिन्दू हैं, वे हिन्दू हैं। जो स्वयं को हिन्दू माने वो हिन्दू हैं। हम जिन्हें हिन्दू कहते हैं, वह हिन्दू हैं। होस्बोले ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी हिंदू है। क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे। उनकी पूजन पद्धति अलग हो सकती है। लेकिन उन सभी का डीएनए एक है।

जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान करते होस्बोले।

जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान करते होस्बोले।

संघ सभी मतों और संप्रदाय को एक मानता है

कार्यक्रम में वे बोले- संघ न तो दक्षिणपंथी है, और न ही वामपंथी है। बल्कि राष्ट्रवादी है। संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। ऐसे में सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा।

संघ ने हर दर्द को सहा और कहा एन्जॉय द पेन। आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण के कार्य करता रहेगा। समाज के लोगो को जोड़कर समाज के लिए काम करेगा। आज संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है। संघ एक जीवन शैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है। हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम RSS है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।

संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बोले- संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए।केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है। यही वजह है कि आज संघ का प्रभाव भारत के राष्ट्रीय जीवन में है। देश में लोकतंत्र की स्थापना में RSS की भूमिका रही। ये बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी।

तमिलनाडु में मतांतरण के विरुद्ध हिन्दू जागरण का शंखनाद हुआ था। उन्होंने संघ के संघर्ष काल को बताया कि किस तरह से संघर्ष के दौर से संघ गुजरा। उस दौर का किया जिक्र जब पत्रकार संघ के कहने से खबर तक नहीं छापते थे। लेकिन आज संघ छपता है। तो अखबार बिकता है। देश में संघ के सैंकड़ो लोगों की हत्याएं हुई। लेकिन संघ के कार्यकर्ता डरे नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निंबाराम और सह-कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले से बातचीत करती हुईं।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निंबाराम और सह-कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले से बातचीत करती हुईं।

संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है, और हम नेशनलिस्ट हैं। इस दौरान राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत बड़ी संख्या में BJP और RSS के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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​​​​​​बजट से राजस्थान के 1.45 करोड़ मजदूरों पर असर:आदिवासी इलाकों में खुलेंगे स्कूल, घर और पानी पर ज्यादा होगा खर्च

केंद्र सरकार की सहायता से राज्यों में चल रही स्कीम्स में बजट घटने-बढ़ने का असर राजस्थान के इसी माह आने वाले बजट पर भी पड़ेगा।

केंद्र ने गांवों में रोजगार की लाइफ लाइन मानी जाने वाली मनरेगा स्कीम के बजट में बड़ी कटौती की है। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप स्कीम का भी बजट एक तिहाई घटा दिया है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भी 3 हजार करोड़ रुपए बजट कम किया है। योजनाओं में बजट घटाने से अन्य राज्यों के साथ राजस्थान को भी हिस्सा राशि कम मिलेगी।

हालांकि, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और भारत स्वच्छ मिशन का बजट पिछले साल के मुकाबले बढ़ाया गया है। बजट बढ़ने से राजस्थान को भी ज्यादा राशि मिलेगी। (यहां पढ़ें पूरी खबर)

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गरीबों को एक साल और मिलेगा मुफ्त अनाज; हथियार खरीद के लिए बजट घटा | Parliament Budget Session 2023 Update; Nirmala Sitharaman | Narendra Modi

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नई दिल्ली37 मिनट पहले

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां बजट पेश किया। इसमें भारत में बने इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन सस्ते किए गए हैं। कोरोना काल में शुरू हुई गरीबों को मुफ्त राशन बांटने की योजना एक साल के लिए और बढ़ाई गई। एजुकेशन और कृषि बजट बढ़ाया गया, तो सेना की हथियार खरीद का बजट घटा दिया गया। आइये जानते हैं बजट में किसको क्या मिला….

पहले जानते हैं बजट की 5 सबसे बड़ी बातें

  • मिडिल क्लास के लिए: 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं।
  • निचले तबके के लिए: गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त अनाज एक साल और मिलेगा।
  • युवाओं के लिए: स्टार्टअप फंड, और 3 साल तक भत्ता मिलेगा, इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स बनेंगे।
  • आदिवासी क्षेत्र के लिए: एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स अपॉइंट किए जाएंगे। आदिवासी गांवों के विकास के लिए 15 हजार करोड़।
  • महंगा-सस्ता: LED टीवी-मोबाइल सस्ते होंगे। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया। ये अब महंगी होगी।

8 साल बाद बदला टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में सबसे बड़ी बात इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की रही। उन्होंने 8 साल बाद स्लैब बदला और 7 लाख की आमदनी पर टैक्स छूट देने की घोषणा कर दी।

सीतारमण का ये 5वां और देश का 75वां बजट है। उन्होंने इस बार पहले की तुलना में कम समय लिया। इस बार का भाषण महज 1 घंटे 27 मिनट का था।

इस साल 9 राज्यों में और अगले साल देश का चुनाव है। इसका असर बजट भाषण में दिखा। सीतारमण ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना और युद्ध के चलते मंदी की राह पर है, तब भारत की ग्रोथ बाकी देशों के मुकाबले मजबूत है।

बजट के बाद 3 बड़े मुद्दों पर सीतारमण के बयान

  • महंगाई: आपने देखा कि महंगाई नीचे आई है। हमने कदम उठाए हैं। हमारा ध्यान उस पर है। गेंहू को मार्केट में रिलीज करने का फैसला लिया गया है। इससे गेहूं के दाम कम होंगे। रसोई में महंगाई कम होगी। ये एक्शन तो पहले ही हो गया है। महिलाएं परिवार का हिस्सा हैं, इनकम टैक्स में छूट का फायदा उन्हें भी होगा।
  • रोजगार: 10 लाख करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट किया गया है। प्रोजेक्ट्स चल रहे है, पैसा इनके लिए दिया जा रहा है। ये प्रोजेक्ट्स बिना रोजगार के कैसे पूरे हो सकते हैं।
  • बजट का मकसद: बजट में महिला सशक्तिकरण, पर्यटन के लिए एक्शन प्लान, विश्वकर्मा के लिए योजनाओं और ग्रीन ग्रोथ पर फोकस है।

जानिए बजट में आपके लिए क्या-क्या ऐलान किए गए…

1. इनकम टैक्स: 8 साल बाद छूट की सीमा बढ़ी
अब सालाना 7 लाख रुपए तक की कमाई होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत मिलेगी। अभी भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के 2 ऑप्शन बने रहेंगे। अभी तक 2.5 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री थी। आखिरी बार 2014-15 बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था। (एक्सपर्ट से समझिए इस इनकम टैक्स छूट के बारे में, क्लिक करें…)

2. क्या सस्ता, क्या महंगा
टीवी सस्ते होंगे। वजह पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% कर दी गई है। मोबाइल फोन भी सस्ते होंगे, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई। हीरों की कीमतें कम होंगी। मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले सीड पर ड्यूटी कम की गई है। सिगरेट पर टैक्स 16% बढ़ाया गया, ये महंगी होगी। चांदी से बने आइटम्स महंगे होंगे क्योंकि कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है। (एक्सपर्ट बता रहे कि क्या सस्ता, क्या महंगा…जानने के लिए क्लिक करें)

आगे बढ़ने से पहले देखिए बजट स्पीच का सबसे दिलचस्प मोमेंट…

बजट के दौरान गंभीर मुद्दों पर ऐलान के बीच मजेदार लम्हा भी आया। सीतारमण स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर रही थीं। इस दौरान वे ओल्ड पॉल्यूटेड व्हीकल को ओल्ड पॉलिटिकल व्हीकल कह गईं। फिर बोलीं- सॉरी…सॉरी, ओल्ड पॉल्यूटेड व्हीकल्स को हटाएंगे। (बजट के मोमेंट्स देखने के लिए क्लिक करें…)

3. रोजगार
इस साल फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया। पीएम कौशल विकास योजना​​​​​​ का ही 4.0 वर्जन लॉन्च करने की बात कही। बोलीं- युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे। नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम के तहत 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए 3 साल तक भत्ता दिया जाएगा। (एक्सपर्ट से समझें रोजगार सेक्टर को क्या मिला)

4. किसान
सरकार ने कृषि क्रेडिट कार्ड (KCC) 20 लाख करोड़ बढ़ाने की घोषणा की। यह पिछले साल 18.5 लाख करोड़ रुपए था। इसके अलावा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर से किसानों को खाद बीज से लेकर मार्केट और स्टार्टअप्स तक की जानकारी मिल सकेगी। एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड के जरिए गांवों में युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने का मौका मिलेगा। (कृषि के लिए बजट में क्या, जानने के लिए क्लिक करें…)

कार्टूनिस्ट मंसूर नकवी की नजर से देखिए बजट

5. इंडस्ट्री-स्टार्टअप
देश के 6 करोड़ से ज्यादा छोटे-मझोले उद्योग हैं और 84 हजार से ज्यादा स्टार्टअप। इनके लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी। इसमें छोटे-मझोले उद्यमों को बिना गारंटी के 2 लाख करोड़ रुपए तक का क्रेडिट दिया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान पैकेज लॉन्च किया जाएगा, जिसमें MSME’s का प्रोडक्शन बढ़ाने और मार्केट तक पहुंचाने में मदद करेगा। (इस सेक्टर्स के लिए बजट के ऐलानों को एक्सपर्ट्स से समझें, क्लिक करें…)

6. एजुकेशन
बजट की सात प्राथमिकताओं को सप्त ऋषि बजट कहा गया, इसमें एजुकेशन पर फोकस नहीं है, हालांकि यूथ पावर जरूर शामिल है। 157 नर्सिंग कॉलेज और टीचर्स ट्रेनिंग के लिए एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट खोलने का ऐलान किया गया तो एकलव्य स्कूलों में 38,800 टीचर्स और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती करने की बात कही गई। (एजुकेशन बजट के ऐलानों को एक्सपर्ट से समझें, क्लिक करें…)

कुछ और बड़े ऐलान

  • रेलवे: 2.40 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। 2014 के मुकाबले ये रेल बजट 9 गुना ज्यादा है।
  • सीनियर सिटीजन्स: सेविंग्स अकाउंट में रखी जाने वाली रकम की लिमिट 4.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 9 लाख रुपए की जाएगी।
  • महिला: सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख रुपए की बचत पर सालाना 7.5% ब्याज मिलेगा।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर: PM आवास योजना के बजट में 66% बढ़ोतरी हुई है। सेक्टर अब 79 हजार करोड़ रुपए का हो गया है। 2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड और वाटर एयरो ड्रोन सेंटर्स बनेंगे। सभी शहरों में सीवेज की सफाई मशीनों से की जाएगी।
  • 5G सर्विस: इस सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी।
  • पर्यावरण: फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करने के लिए ग्रीन हाईड्रोडन मिशन। एनर्जी ट्रांजीशन के लिए 35 हजार करोड़। एनवॉरोन्मेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नया ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम।
  • डिजिटल इंडिया: बिजनेस और चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए डिजिलॉकर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए बड़े संस्थानों में 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे।

बजट के सप्तर्षि, वित्त मंत्री ने बताया क्या है सप्तर्षि
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र।

वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस ‘जनभागीदारी’ के लिए ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ अनिवार्य है।

बजट से पहले ली राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी…

बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी ली।

बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी ली।

सीतारमण के 4 बजट, हर बार कुछ ना कुछ नया

1. 2019 पहला बजट: ब्रीफकेस बजट की जगह बहीखाता
सीतारमण ने पहले बजट के साथ ही परंपराओं को तोड़ना शुरू किया। 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं यानी बहीखाता। रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया। इससे पहले सबसे लंबी स्पीच जसवंत सिंह ने दी थी। 2003 में वे 2 घंटे 15 मिनट तक बोले थे।

1 फरवरी 2019 की यह तस्वीर इतिहास बन गई, जब सीतारमण ब्रीफकेस में बजट की जगह बहीखाता लेकर संसद पहुंचीं।

1 फरवरी 2019 की यह तस्वीर इतिहास बन गई, जब सीतारमण ब्रीफकेस में बजट की जगह बहीखाता लेकर संसद पहुंचीं।

2. 2020 दूसरा बजट: इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण
सीतारमण ने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया। ये भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था। तबीयत बिगड़ी तो आखिरी दो पन्ने पढ़े ही नहीं। पीठ से कह दिया कि इन दो पन्नों को पढ़ा हुआ मान लिया जाए।

3. 2021 तीसरा बजट: पहली बार पेपरलेस बजट
सीतारमण लाल रंग के टैबलेट में बजट लेकर पहुंचीं। इतिहास बना। देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया गया। देश के 3 राज्यों हिमाचल (2015), ओडिशा (2020) और हरियाणा (2020) में पहले ही पेपरलेस बजट पेश किया जा चुका था।

4. 2022 चौथा बजट: हलवा रस्म नहीं हुई, सबसे छोटा बजट भाषण
सीतारमण ने अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया। 1 घंटे 30 मिनट का। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा। ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है। यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं। ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है।

2022 में हलवा रस्म नहीं हुई थी। 2023 में 26 जनवरी को सीतारमण ने खुद प्रिंटिंग से जुड़े साथियों को हलवा बांटा और लॉक-इन प्रॉसेस शुरू की।

2022 में हलवा रस्म नहीं हुई थी। 2023 में 26 जनवरी को सीतारमण ने खुद प्रिंटिंग से जुड़े साथियों को हलवा बांटा और लॉक-इन प्रॉसेस शुरू की।

देखिए कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स…

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

1. निर्मला की 10 से 2000 के नोट जैसी साड़ियां:साड़ी को शान मानतीं वित्तमंत्री संबलपुरी, इकत, कांजीवरम की शौकीन; काले रंग से परहेज

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास साड़ियों का खूबसूरत कलेक्शन है। उनकी साड़ियों के रंग अक्सर देश की करेंसी से मेल खाते दिखते हैं। वह कई मौकों पर 10 रुपए से लेकर 2,000 रुपए के नोट के रंग की मैचिंग साड़ी में नजर आती हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

2. हथियार खरीद के लिए 3 साल में सबसे कम बजट, पैसा बचाने के लिए अग्निपथ लाए​​​​

चीन से तनातनी के बीच डिफेंस बजट में हथियारों की खरीद के लिए पिछले तीन साल में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है। इस बार कैपिटल बजट महज 10 हजार करोड़ रुपए ही बढ़ा है। जो 2021 के मुकाबले करीब 12% कम है। पूरी खबर पढ़ें…

3. 7 लाख तक इनकम टैक्स फ्री, सीधे नौकरियों का ऐलान नहीं; 47 लाख युवाओं को स्टायपेंड

ये निर्मला सीतारमण का पांचवां और मोदी सरकार का दसवां बजट है। एक घंटे 27 मिनट का भाषण। थोड़ा मुश्किल है आपके लिए इतना समय देना। तो 23 पॉइंट्स में 2023 का बजट यहां पढ़िए। इनमें कुछ आंकड़े हैं और कुछ जरूरी पॉलिसी डिसीजन, जिनका आप पर इम्पैक्ट पड़ सकता है। पूरी खबर पढ़ें…

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यूजर्स बोले- इनकम टैक्स में छूट, मिडिल क्लास की दुआ कुबूल | Budget 2023 Funny Memes; Nirmala Sitharaman Income Tax Vs Middle Class

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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सोर्स- ट्विटर - Dainik Bhaskar

सोर्स- ट्विटर

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट 2023-24 पेश किया। वित्त मंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं कीं, जैसे अब 7 लाख तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। बजट आने के बाद ही सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन्स आना शुरू हो गए। इसके चलते मीम्स की बाढ़ आ गई। ट्विटर पर #Budget2023 ट्रेंड कर रहा है। देखिए मजेदार पोस्ट…

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गरीब 2 बार कहा और टैक्स 59 बार; अस्पताल और अल्पसंख्यक गायब | Nirmala Sitharaman | Finance Minister Sitharaman Budget 2023 Speech Analysis ( Middle Class Income Tax)

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4 घंटे पहले

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को देश का बजट पेश किया। उन्होंने 38 पेज का भाषण 1 घंटे 27 मिनट में पढ़ा। उनके भाषण में इंडिया, नेशन और नेशनल का जिक्र 85 बार किया गया है। गरीब और मिडिल क्लास दो-दो बार बोला। एससी-एसटी 7 बार, ओबीसी 3 बार जबकि अल्पसंख्यक का कोई जिक्र नहीं है। नीचे स्लाइड में देखिए किन चर्चित शब्दों का इस्तेमाल कितनी बार हुआ…

बजट 2023-24 की अहम घोषणाएं और एक्सपर्ट एनालिसिस पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए…

1. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स को राहत तो दी, लेकिन उनको… जो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में नया इनकम टैक्स सिस्टम चुनेंगे। पुराना टैक्स सिस्टम लेने वाले टैक्स पेयर्स पहले जैसे ही टैक्स देते रहेंगे। टैक्सपेयर्स बजट, बता रही हैं स्वाति कुमारी

2. आने वाले दिनों में मोबाइल फोन खरीदना सस्ता हो सकता है, वहीं सोना-चांदी खरीदना महंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है और सोना-चांदी पर ड्यूटी में इजाफा किया है। क्या सस्ता क्या महंगा बता रहे हैं विवेक बिंद्रा

3. ये निर्मला सीतारमण का पांचवां और मोदी सरकार का दसवां बजट है। एक घंटे 27 मिनट का भाषण। थोड़ा मुश्किल है आपके लिए इतना समय देना। 23 पॉइंट्स में पढ़िए 2023 का बजट

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पुराना टैक्स सिस्टम ज्यादा फायदेमंद, उसमें 10 लाख रुपए तक की सालाना कमाई को भी कर सकते हैं टैक्स फ्री | Budget 2023 Income Tax Slabs Explained; Nirmala Sitharaman (Tax Rebate, Income Tax System)

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नई दिल्ली5 घंटे पहले

बजट में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए 5 बड़ी घोषणाएं कीं। अब आप सोच रहे होंगे कि नया टैक्स सिस्टम फायदेमंद है या पुराना। अगर आपकी सैलरी सालाना 10 लाख तक है और इन्वेस्टमेंट करने को तैयार हैं तो पुराना टैक्स सिस्टम आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। कैसे, चलिए जानते हैं….

पुराने टैक्स सिस्टम से टैक्स कैलकुलेशन को बाद में जानेंगे, बजट में जारी नए टैक्स सिस्टम से जुड़ी घोषणाओं और कितना टैक्स देना होगा इसके बारे में पहले जानते हैं

वित्त मंत्री ने 7 लाख की कमाई पर पूरी तरह टैक्स छूट दे दी है। टैक्स स्लैब में बदलाव कर दिया है। 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया है। ज्यादा आमदनी वालों का हायर सरचार्ज रेट कम कर दिया है और रिटायरमेंट पर मिलने वाले लीव इनकैशमेंट की टैक्स लिमिट बढ़ा दी है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें

अब आप जानिए कि नए टैक्स सिस्टम में आपकी सैलरी पर कितना टैक्स लगेगा?

7.50 लाख तक की सैलरी कैसे टैक्स फ्री होगी
CA कार्तिक गुप्ता बताते हैं कि नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया है। यानी 7.5 लाख रुपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसको ऐसे समझें… 7.5 लाख रुपए सैलरी पर पहले 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन घटा लें। बचे 7 लाख रुपए। 7 लाख रुपए होते ही आप रिबेट के दायरे में आ जाएंगे और पूरी टैक्स छूट मिल जाएगी।

अगर आपकी सैलरी 10, 15 या 20 लाख रुपए है तो आपको सिर्फ 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। हम ग्राफिक्स में जानिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा लेने के बाद आपको कितना टैक्स देना होगा

ये तो बात हुई नए टैक्स सिस्टम की…अब जान लेते हैं कि पुराने टैक्स सिस्टम में आपको कितना टैक्स देना होगा…

पुराने सिस्टम में भी 7 लाख तक की सालाना इनकम पर 0 टैक्स
अगर आपकी सालाना सैलरी 7 लाख है। अब इसमें 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन, सेक्शन 80C की अधिकतम छूट 1.5 लाख ले सकते हैं, कुल 2 लाख रुपए। यानी बची 5 लाख की इनकम। सेक्शन 87(A) के तहत 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स माफ है। यानी 7 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं।

पुराने टैक्स ऑप्शन में भी 10 लाख तक की इनकम कर सकते हैं टैक्स फ्री
इस बार के बजट में पुराने टैक्स ऑप्शन में भी इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं मिली। सालाना 2.5 लाख रुपए से ज्यादा कमाई होने पर इनकम टैक्स देना होगा। अगर आपकी सालाना इनकम 5 लाख से 10 लाख के बीच है तो आपको 20% तक टैक्स चुकाना होगा। इनकम टैक्स कानून में ऐसे कई प्रावधान हैं, जिनसे आप इनकम टैक्स फ्री कर सकते हैं। इसका पूरा गणित समझें…

अब समझें कैसे बचेगा पूरा टैक्स?
इनकम टैक्स के सेक्शन 87A का फायदा उठाते हुए 10 लाख रुपए की कमाई में से 5 लाख रुपए को घटा दें, तो आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए रह जाएगी। स्टैंडर्ड डिडक्शन में 50 हजार रुपए तक की छूट मिलती है। 5 लाख रुपए में से इस राशि को भी घटा दें, तो टैक्सेबल इनकम होगी 4.5 लाख।

80C के तहत 1.5 लाख तक की टैक्स बचत कर सकते हैं। इसके लिए EPF, PPF, इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्स स्‍कीम, म्‍यूचुअल फंड, सुकन्‍या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग्स सर्टिफ‍िकेट, 5 साल की FD, नेशनल पेंशन सिस्‍टम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम में निवेश करना होता है। इनमें से किसी एक में या कई प्लान्स में मिलाकर अधिकतम 1.5 लाख तक का निवेश करना होता है। अगर आपने ये किया है तो अब 4.5 लाख रुपए में से 1.50 लाख रुपए और घटा दें। अब टैक्स के दायरे में आने वाली इनकम 3 लाख रुपए रह जाएगी।

अगर आपने होम लोन ले रखा है तो इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत 2 लाख के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है। इसे भी अपनी टैक्सेबल इनकम में से घटा दें। यानी अब 1 लाख रुपए की इनकम टैक्स के दायरे में आएगी।

अगर आप अलग से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में सालाना 50,000 रुपए तक निवेश करते हैं, तो सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आपको अतिरिक्त 50 हजार रुपए की छूट मिल जाएगी।

80D के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर आप 25 हजार रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं। इस हेल्थ इंश्योरेंस में आपका, आपकी पत्नी और बच्चों का नाम होना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं तो फिर उनके नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदकर 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त छूट हासिल कर सकते हैं। इस तरह आप 10 लाख रुपए की इनकम पर पूरा टैक्स बचा सकते हैं।

15 लाख इनकम है तो भी सिर्फ 10 लाख पर टैक्स
अगर आपकी सालाना इनकम 15 लाख है तो आपको 1 लाख 87 हजार 500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। हालांकि 87A को छोड़कर आप ऊपर दिए गए प्रावधानों को अपनाकर 5 लाख की कमाई टैक्स फ्री कर सकते हैं। इसके बाद आपको सिर्फ 10 लाख की इनकम पर ही टैक्स देना होगा।

20 लाख इनकम है तो भी सिर्फ 15 लाख पर टैक्स
अगर आपकी सालाना इनकम 15 लाख है तो आपको 3 लाख 37 हजार 500 रुपए टैक्स चुकाना होगा। इसमें भी 87A को छोड़कर आप ऊपर दिए गए प्रावधानों को अपनाकर 5 लाख की कमाई टैक्स फ्री कर सकते हैं। इसके बाद आपको सिर्फ 15 लाख की इनकम पर ही टैक्स देना होगा।

नोट: टैक्स का कैलकुलेशन अनुमानित है।

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बर्फ के घर का एक रात का टैरिफ 11 हजार रुपए, इसमें लंच-डिनर और ब्रेकफास्ट शामिल | Snow houses made for tourists Manali|11 thousand rupees paid for one night adventure in igloo house;

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मनालीएक घंटा पहले

हिमाचल के मनाली में बर्फ से बने इग्लू टूरिस्ट्स के आकर्षण का केंद्र बने हैं। मनाली के हामटा और सेथन 2 गांवों की पहचान इग्लू विलेज के रूप में बनती जा रही है। इन दोनों ही गांवों में टूरिस्टों के लिए ऐसे कई इग्लू हाउस तैयार किए गए हैं।

यह इग्लू हाउस ठोस बर्फ के ब्लॉक्स बनाकर उसकी दीवारें खड़ी कर बनाई जाती है। इसमें किसी तरह का कोई कैमिकल इस्तेमाल नही किया जाता। इनमें बेड भी बर्फ से ही तैयार किए जाते हैं।

इन इग्लू हाउस को लेकर सैलानियों में खासा क्रेज नजर आता है।

इग्लू हाउस का फाइल फोटो।

इग्लू हाउस का फाइल फोटो।

एक रात का रेंट 11000 रुपए
बर्फ से बने इन घरों को टूरिस्ट खूब पसंद करते हैं। इग्लू हाउस संचालक इनका एक रात का टैरिफ 11 हजार रुपए चार्ज करते हैं। इसमें लंच, डिनर और ब्रेकफास्ट शामिल रहता है। इसके अलावा इग्लू हाउस में रहने वाले टूरिस्ट स्कीइंग व विंटर गेम्स में भी पार्टिसिपेशन कर सकते हैं।

2012 में बना पहला इग्लू
लाहुल स्पीति के ताशी दोरजे और मनाली के हामटा गांव के 2 युवकों ने पहली बार वर्ष 2012 में अपने लिए इग्लू हाउस बनाया था। यहीं से दोनों को इसे विंटर टूरिज्म से जोड़ने का आइडिया आया। इसके बाद लगभग 4 साल की स्टडी के बाद दोनों टूरिस्ट के लिए इग्लू हाउस बनाने लगे। इन दोनों को हर साल विंटर टूरिज्म के दौरान इग्लू हाउस से अच्छी इनकम हो जाती है।

भारत के अलावा फिनलैंड ,स्विटजरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और कनाडा में इग्लू हाउस का कांसेप्ट बहुत पहले से है। वहां के विंटर टूरिज्म में इनका बड़ा योगदान रहता है। विदेश की तर्ज पर मनाली में बने ये इग्लू हाउस भी खूब चल रहे हैं।

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