लखनऊ:-आईईटी के छात्र विवेक भारद्वाज को लंदन गूगल से मिली 1.37 करोड़ की सालाना नौकरी का पैकेज

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रिपोर्ट:- अंजलि सिंह राजपूत

लखनऊ के विवेक भारद्वाज ने सिर्फ लखनऊ का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है.क्योंकि उन्हें हाल ही में गूगल लंदन ने 1.37 करोड़ के सालाना पैकेज पर जॉब ऑफर की है.लखनऊ से इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से बीटेक कंप्यूटर साइंस फाइनल ईयर के छात्र विवेक भारद्वाज यूं तो रहने वाले बुलंदशहर के हैं लेकिन पढ़ाई करने के लिए लखनऊ में रहते हैं.उनकी मानें तो प्लेसमेंट के लिए वह पढ़ाई के साथ-साथ लंबे वक्त से ऑनलाइन कई जगहों पर आवेदन कर रहे थे.शुरुआत से ही वह विदेशों में ही नौकरी के लिए आवेदन कर रहे थे.एक दिन उनके पास गूगल लंदन से एक मैसेज आया और उसमें उन्होंने इंटरव्यू के लिए बात की.बस यही था विवेक भारद्वाज की जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट.आइए जानते हैं आखिर यह विवेक भारद्वाज का टर्निंग प्वाइंट क्यों बना.

4 राउंड में हुए इंटरव्यू
इस बारे में विवेक भारद्वाज खुद बताते हैं कि जब उनके पास लंदन गूगल से मैसेज आया तो वह इंटरव्यू के लिए तुरंत तैयार हो गए और करीब 4 राउंड के इंटरव्यू हुए.जिसमें उनसे कंप्यूटर साइंस के डाटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम से जुड़े हुए कुछ सवाल पूछे गए.करीब 5 इंटरव्यूवर उनके सामने थे.हर इंटरव्यू में अलग-अलग लोग हुआ करते थे.इसके बाद अंतिम इंटरव्यू भी हुआ था जिसमें उनसे जनरल बातें की गयीं और इसके बाद उन्हें इस नौकरी के लिए चुना गया.

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर का मिला है पद

विवेक भारद्वाज ने बताया कि उनको लंदन गूगल की ओर से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर का पद दिया गया है.उन्होंने बताया कि शुरुआत से उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी कि वह गूगल जैसी कंपनी में नौकरी करेंगे.शुरुआत में उनकी दिलचस्पी फिजिक्स में हुआ करती थी.वह बताते हैं कि उनका मन स्टार्ट- अप करने का भी करता है.लेकिन सबसे पहले उन्हें अनुभव हासिल करना है और यह अनुभव उन्हें गूगल के साथ जुड़कर मिलेगा.जिसमें वह अधिक से अधिक सीख सकेंगे.

यह यात्रा है लेकिन लक्ष्य नहीं

वह बताते हैं कि यह उनकी जिंदगी की यात्रा है लेकिन यह उनका अंतिम लक्ष्य नहीं है.विवेक भारद्वाज ने बताया कि उनके परिवार में उनके माता-पिता के अलावा उनकी एक छोटी बहन और छोटा भाई भी है.बहन हरियाणा से पढ़ाई कर रही है और छोटा भाई बुलंदशहर से ही दसवीं की पढ़ाई कर रहा है.उनके गुरु उनके पिता हैं.

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मिलिए लखनऊ की जांबाज वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अरुणिमा सिंह से जिन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन से बेजुबान जानवरों को बचाने

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लखनऊ:-मिलिए ऐसी जांबाज वाइल्ड लाइफ एक्सपर्टअरुणिमा सिंहसे जो अपनी जान को खतरे में डालकर बेजुबान जानवरों की जान बचाती हैं.आलम यह है कि वन विभाग भी उनके बिना डॉल्फिन,घड़ियाल,मगरमच्छ और कछुओं के रेस्क्यू ऑपरेशंस पर नहीं जाता.तो आइए चलते हैं सबसे कम उम्र कीवाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में अहम योगदान दे रहीं अरुणिमा के पास.लोकल 18 की टीम से खास बातचीत में अरुणिमा सिंह ने बताया कि जब वह लखनऊ यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की पढ़ाई कर रही थीं तब वह कुकरैल घड़ियाल सेंटर पर पहली बार आई थीं.उनके मार्गदर्शक शैलेंद्र सिंह से उनकी यहां पर मुलाकात हुई तो उन्होंने घड़ियाल, डॉल्फिंस, मगरमच्छ और कछुआ की जानकारी दी तब उनकी दिलचस्पी जगी और उन्होंने इसे ही अपना जुनून बनाने का ठान लिया.यहीं पर उन्होंने इन जानवरों से जुड़ी सारी जानकारी हासिल की और उनके सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी जाना शुरू किया तो उन्हें अच्छा लगने लगा.

20 डॉल्फिन और 10 घड़ियाल की बचा चुकी हैं जान
अरुणिमा सिंह ने बताया कि अब तक उन्होंने 10 से ज्यादा घड़ियाल और मगरमच्छ का रेस्क्यू ऑपरेशन किया है.इसके अलावा 20 से ज्यादा डॉल्फिन की जान बचाई है.इतना ही नहीं अरुणिमा ने30 हजार से ज्यादा कछुओं की जान बचा उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचा कर एक मिसाल भी कायम कर चुकी हैं.जिसके लिए उन्हें रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंडने उनके कार्यों को देखते हुए‘नेटवेस्ट अर्थ हीरोज’ अवार्ड से सम्मानित भी किया था.

भोपाल का रेस्क्यू ऑपरेशन सबसे खतरनाक था

उन्होंने बताया कि भोपाल का रेस्क्यू ऑपरेशन जो कि घड़ियाल से जुड़ा हुआ था,वह सबसे ज्यादा खतरनाक था क्योंकि वन विभाग की टीम उन घड़ियाल का रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं कर पा रही थी.तब उन्होंने अरुणिमा सिंह की टीम को लखनऊ से बुलाया था.जब अरुणिमा वहां पहुंची तो देखा कि घड़ियाल बहुत बड़े क्षेत्र में फैले हुए थे और उनको वहां से रेस्क्यू करना बहुत ही मुश्किल था. इसके बावजूद उन्होंने अपनी जान पर खेलकर सभी घड़ियाल को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया.वह आगे बताती हैं कि उनको इस इस फील्ड में आगे अपना करियर बनाना है और बेजुबानों की जान बचाना ही उनकी जिंदगी का असली मकसद बन गया है.

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सबसे कम उम्र की वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट, बचाती हैं बेजुबान जानवरों की जान

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Wildlife expert Arunima Singh: लखनऊ. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अरुणिमा सिंह अपनी जान जोखिम में डालकर बेजुबान जानवरों को बचाती हैं. वन विभाग भी उनके बिना डॉल्फिन,घड़ियाल,मगरमच्छ और कछुओं के रेस्क्यू ऑपरेशंस पर नहीं जाता. सबसे कम उम्र की वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अरुणिमा से लोकल 18 की टीम ने खास बातचीत की आप भी पढिए अरुणिमा की कहानी उन्हीं की जुबानी.

अरुणिमा सिंह ने बताया कि जब वह लखनऊ यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की पढ़ाई कर रही थीं तब वह कुकरैल घड़ियाल सेंटर पर पहली बार आई थीं.उनके मार्गदर्शक शैलेंद्र सिंह से उनकी यहां पर मुलाकात हुई तो उन्होंने घड़ियाल, डॉल्फिंस, मगरमच्छ और कछुआ की जानकारी दी तब उनकी दिलचस्पी जगी और उन्होंने इसे ही अपना जुनून बनाने का ठान लिया.यहीं पर उन्होंने इन जानवरों से जुड़ी सारी जानकारी हासिल की और उनके सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन पर भी जाना शुरू किया तो उन्हें अच्छा लगने लगा.

20 डॉल्फिन और 10 घड़ियाल की बचा चुकी हैं जान
अरुणिमा सिंह ने बताया कि अब तक उन्होंने 10 से ज्यादा घड़ियाल और मगरमच्छ का रेस्क्यू ऑपरेशन किया है.इसके अलावा 20 से ज्यादा डॉल्फिन की जान बचाई है.इतना ही नहीं अरुणिमा ने30 हजार से ज्यादा कछुओं की जान बचा उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचा कर एक मिसाल भी कायम कर चुकी हैं.जिसके लिए उन्हें रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंडने उनके कार्यों को देखते हुए‘नेटवेस्ट अर्थ हीरोज’ अवार्ड से सम्मानित भी किया था.

भोपाल का रेस्क्यू ऑपरेशन सबसे खतरनाक था

उन्होंने बताया कि भोपाल का रेस्क्यू ऑपरेशन जो कि घड़ियाल से जुड़ा हुआ था,वह सबसे ज्यादा खतरनाक था क्योंकि वन विभाग की टीम उन घड़ियाल का रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं कर पा रही थी.तब उन्होंने अरुणिमा सिंह की टीम को लखनऊ से बुलाया था.जब अरुणिमा वहां पहुंची तो देखा कि घड़ियाल बहुत बड़े क्षेत्र में फैले हुए थे और उनको वहां से रेस्क्यू करना बहुत ही मुश्किल था. इसके बावजूद उन्होंने अपनी जान पर खेलकर सभी घड़ियाल को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया.वह आगे बताती हैं कि उनको इस इस फील्ड में आगे अपना करियर बनाना है और बेजुबानों की जान बचाना ही उनकी जिंदगी का असली मकसद बन गया है.

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लखनऊ:-जानिए कैसे एकेटीयू में शुरू होने वाले नए कोर्सेज की पढ़ाई से छात्र संवार सकते हैं अपना भविष्य,नौकरी के साथ भी क

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रिपोर्ट:-अंजलि सिंह राजपूत,लखनऊ

लखनऊ:-12वीं के बाद अक्सर छात्र-छात्राएं यह तय नहीं कर पाते हैं कि कौन सा कोर्स करें जिससे भविष्य संवर सके.कौन सा कोर्स रोजगारपरक है,किस कॉलेज में ऐडमिशन के लिए आवेदन करें और किस कॉलेज में कौन-कौन से कोर्स हैं,ये सभी सवाल उनको 12वीं के बाद परेशान करने लगते हैं.छात्र-छात्राओं की इसी समस्या का समाधान करने के लिए न्यूज़ 18 लोकल लखनऊ की टीम ने एकेटीयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर मनीष गौड़ से बातचीत कर छात्रों के लिए बेहतर भविष्य सवारने में मदद करने वाले कोर्सेस के बारे में विस्तार से चर्चा की.

नए कोर्स शुरू हो रहे
एकेटीयू के प्रो. वाइस चांसलर प्रो. मनीष गौड़ ने बताया कि कंप्यूटर साइंस में डाटा साइंस,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग कोर्स शुरू किए जा रहे हैं.मास्टर्स में साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम भी शुरू किए हैं.बी- टेक में एआई और मशीन लर्निंग का भी प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है.

पढ़ाई के साथ नौकरी का भी अवसर
उन्होंने बताया कि मल्टीपल इंट्री और मल्टीपल एग्जिट का भी विकल्प छात्र छात्राओं को दिया जाएगा.जिसमें आधा कोर्स पूरा करने पर उनको एक सर्टिफिकेट या डिप्लोमा दिया जाएगा.जिससे वे पढ़ाई को बीच में छोड़कर नौकरी कर सकते हैं और दोबारा आ कर कभी भी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं.

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पहले प्रकाशित : 11 मई 2022, 11:46 IST

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संघ लोक सेवा आयोग इन पदों पर दे रहा नौकरी का मौका, ऐसे करें आवेदन – News18 हिंदी

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UPSC Recruitment 2020: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने असिस्टेंट इंजीनियर, मेडिकल ऑफिसर समेत कई अन्य पदों के लिए 134 रिक्तियां निकाली हैं. इन पदों पर बीई/ बीटेक/ एमएससी/एमबीबीएस उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. इन पदों के लिए योग्यता, वेतनमान और अन्य जानकारी के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट https://www.upsc.gov.in/ जा सकते हैं.

महत्वपूर्ण तिथियां

ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत- 25 जनवरी 2020.

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि- 13 फरवरी 2020.

यूपीएससी सहायक अभियंता रिक्ति 2020 विवरण (Assistant Engineer Vacancy 2020 Details)

पदों का विवरण                                                         पदों की संख्या                                स्तर

चिकित्सा अधिकारी / अनुसंधान अधिकारी (आयुर्वेद)           44                                             स्तर 10

मानवविज्ञानी (सांस्कृतिक नृविज्ञान विभाग)                         01                                             स्तर 10

सहायक पुस्तकालय                                                         01                                             स्तर 07

सहायक अभियंता                                                            66                                             स्तर 07

वैज्ञानिक ‘बी’                                                                   08                                             स्तर 10

वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी                                        10                                              स्तर 12

विशेषज्ञ ग्रेड III (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी)                                     04                                   15600 39100 /
कुल                                                                                                                                     134

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इन पदों पर बीई/ बीटेक/ एमएससी/एमबीबीएस उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं.

UPSC सहायक अभियंता पात्रता मानदंड
सभी पदों के लिए अलग-अलग पात्रता और मानदंड को निर्धारित किया गया है. उम्मीदवार इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए इस डायरेक्ट लिंक पर जा सकते हैं…

पात्रता इस लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं

यूपीएससी सहायक अभियंता आवेदन शुल्क

जनरल / ओबीसी / ईडब्ल्यूएस के लिए- 25 रुपये/

एससी / एसटी / पीएच / महिला उम्मीदवारों के लिए- कोई फीस नहीं

फीस जमा करने का तरीका

उम्मीदवार एसबीआई के डेबिट / क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग या चालान के माध्यम से परीक्षा शुल्क का भुगतान कर सकते हैं. उम्मीदवारों की सुविधा को ध्यान रखते हुए ऑनलाइन आवेदन के लिए हम आपको डायरेक्ट लिंक दे रहे हैं.

ऑनलाइन आवेदन के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

ये भी पढ़ें- IAS Interview 2020: आईएएस इंटरव्‍यू में पूछे जाते हैं ऐसे टेढ़े-मेढ़े सवाल, क्‍या आप दे पाएंगे जवाब

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CBSE की सलाह: किसी भी वायरल मैसेज पर न करें भरोसा, 15 फरवरी से शुरू हो रही हैं परीक्षाएं

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CBSE Board Exam 2020: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर स्टूडेंट्स (Students) और उनके परिजनों को सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रहे मैसेज पर भरोसा न करने के लिए कहा है. सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से कई मैसेज तेजी से वायरल हो रहे हैं. बोर्ड का कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व छात्रों, अभिभावकों, स्कूलों और आम जनता के बीच इस मैसेज के द्वारा भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. यह मैसेज न्यूज़ प्लेटफॉर्म/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर आदि पर फर्जी वीडियो/संदेशों के जरिए फैलाया जा रहै है. इस मैसेज में परीक्षा की तारीखों और बोर्ड के नियमों को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है.

सीबीएसई ने एक नोटिफिकेशन जारी कर स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों से अपील की है कि सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऐसे किसी भी मैसेज पर अपील न करें जो सीबीएसई परीक्षा से जुड़ा हो, क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व ऐसा करके माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं.  सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि सीबीएई की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं फरवरी के तीसरे सप्ताह से शुरू हो रही हैं. सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा की तिथियों की घोषणा कर दी है. आगामी 15 फरवरी 2020 से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी.

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सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है.

समाचार पत्रों और चैनलों पर करें भरोसा
सीबीएसई ने कहा कि परीक्षा से जुड़ी जानकारी के लिए समाचार पत्र और समाचार चैनल में खबरों को देखें और विश्वास करें. साथ ही बोर्ड ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे उनके खिलाफ बोर्ड कानूनी कार्रवाई करेगा. बोर्ड ने कहा कि ऐसा इस तरह के मैसेज करने वालों के बारे में उस तक कोई सूचना पहुंचाना चाहेंतो पहुंचा सकता है. उसकी पहचान को गुप्त रखा जाएगा. बोर्ड आम जनता से 2020 की परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए अपील की.

15 फरवरी से शुरू हो रही हैं परीक्षाएं

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की डेटशीट जारी कर चुका है. सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं इस साल 15 फरवरी 2020 से शुरू होने जा रही हैं. कक्षा 10वीं की मुख्‍य विषयों की परीक्षा 26 फरवरी से शुरू होगी और 18 मार्च तक चलेगी. वहीं 12वीं की परीक्षा 22 फरवरी से 30 मार्च तक चलेगी. CBSE बोर्ड के 10वीं कक्षा के छात्रों के साथ ही 12वीं आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स के छात्र भी यहां एग्‍जाम डेटशीट चेक कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- CBSE Exam 2020: सीबीएससी ने इन स्टूडेंट्स को दी खास छूट, परीक्षा हाल में मिलेगी ये बड़ी सुविधा

Tags: Cbse, CBSE Board Exam Datesheet, Social media



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गणतंत्र दिवस परेड की 20 शानदार फोटो

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Republic Day 2020: आज देश भर में गणतंत्र दिवस की धूम है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली. परेड में देश की बढ़ती सैन्य शक्ति, बहुमूल्य सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-आर्थिक प्रगति का भव्य प्रदर्शन देखने को मिला. भारत के गणतंत्र के रूप में स्थापित होने की वर्षगांठ पर आयोजित नब्बे मिनट के समारोह में ब्राजील के राष्ट्रपति जायेर बोलसोनारो मुख्य अतिथि रहे. परेड में भारतीय सेना ने शक्ति प्रदर्शन किया. आज हम आपको गणतंत्र दिवस परेड की 20 शानदार फोटो दिखा रहे हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी तिरंगे को सलामी देते हुए.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तिरंगे को सलामी देते हुए.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आने के पहले परेड ग्राउड का नजारा.
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राष्ट्रपति को सलामी देते जवान.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी देते सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट जवान.
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राजपथ की परेड में नौसेना पीतल ब्रांड का प्रदर्शन करते हुए.
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भारतीय सेना का युद्धक टैंक, टी -90 भीष्म, की कमान राजपथ पर 86 आर्मर्ड रेजिमेंट के कैप्टन सनी चाहर के हाथों में.
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आईटीबीपी के जवान लद्दाख में 17,000 फीट की दूरी पर गणतंत्र दिवस मनाते हैं
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आईटीबीपी के जवान लद्दाख में 17,000 फीट की दूरी पर गणतंत्र दिवस मनाते हुए.
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राजपथ का परेड के दौराम एरियल व्यू.

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देश में नागरिक के कर्तव्य यानी नागरिकता के व्यावहारिक पक्ष की व्यापक शिक्षा की जरूरत है- प्रो. गिरीश्वर मिश्र, शिक्षाविद

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भारत ने जिन परिस्थितियों में स्वतंत्रता अर्जित की वह सामाजिक , भौगोलिक और राजनैतिक दृष्टि से विश्व इतिहास में एक चमत्कारिक प्रयोग था. अंग्रेजी हुकूमत को लक्ष्य कर स्वतंत्रता की पुकार जितनी ही स्पष्ट थी पूरे देश की रियासतों को एक नए ढांचे में बांधना और देश की जनता को उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक सूत्र में पिरोना उतनी ही जटिल चुनौती थी.

इस काम को पटेल , नेहरु, अम्बेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे समर्पित नेताओं ने अंजाम दिया. कहना न होगा कि इस प्रयास को ठोस वैधानिक आकार देने के में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में डॉक्टर अम्बेडकर के संयोजन और गहन प्रयास से जो ‘ भारतीय संविधान ‘ निर्मित हुआ उसकी दूरगामी और निर्णायक भूमिका बनी.

इस दस्तावेज को एक संप्रभु देश ने शासन-प्रशासन के मुख्य आधार के रूप में सहर्ष अपनाया. संसदीय शासन प्रणाली के अंतर्गत बने और स्वीकृत प्रावधानों के अनुरूप यह संविधान स्वाधीनता और स्वायत्तता के मूल्यों को स्पष्टत: केन्द्रीय महत्व देता है. परंतु इस तरह के मूल्य व्यवहार की दृष्टि से कभी भी निरपेक्ष नहीं कहे जा सकते. इन्हें निरपेक्ष मानने की स्थिति में तो केवल निरंकुश अराजकता ही पैदा होगी.

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एक नागरिक के रूप आधिकारिक रूप से प्रत्येक भारतीय बहुत सारी सुविधाओं, स्वतंत्रताओं और जन – जीवन में भागीदारी के अवसर स्वाभाविक रूप से प्राप्त करता है.

समानता और बन्धुत्व जैसे उददेश्यों को समर्पित और पारस्परिक सौहार्द और सर्व – धर्म – समभाव की भावना के साथ प्रतिश्रुत यह संविधान देश के सभी नागरिकों को बिना किसी तरह के भेद-भाव के एक जैसे बर्ताव का अधिकारी बनाता है. परन्तु सिर्फ अधिकारों की ही बात करना निरर्थक है क्योंकि जीवन चलाने में कर्तव्य की भी अहम भूमिका होती है. कर्तव्य के बिना अधिकार न केवल अधूरे रहते हैं बल्कि उनकी मांग करने वाले की कोई पात्रता ही नहीं बनती है.

वस्तुत: हम कर्तव्यों के सहारे ही अपने लिए अधिकारों को पाने की पात्रता अर्जित करते हैं. एक नागरिक के रूप आधिकारिक रूप से प्रत्येक भारतीय बहुत सारी सुविधाओं, स्वतंत्रताओं और जन – जीवन में भागीदारी के अवसर स्वाभाविक रूप से प्राप्त करता है. आज इस अधिकार – भावना की चेतना बड़ी तेजी से परवान चढ़ रही है.

दुर्भाग्य से कई राजनैतिक दल भी इनको हवा देते हैं. अधिकार का यह पाठ पढ़ते हुए आम आदमी भी देश और सरकार से सब कुछ पाने की अर्थात असीमित लोभ की ही इच्छा पालता है. दूसरी ओर कर्तव्य की भावना और देश को अपनाने की और उसके लिए कुछ करने की ललक घटती जा रही है.

संभवत: इसी स्थिति का विकृत रूप आज समाज में भ्रष्टाचार, अत्याचार और व्यभिचार के विविध रूपों में तेजी से पनप रहा है. नाटकीय स्थिति तो तब उपस्थित होती है जब नागरिक के दायित्व का निर्वहन न करना या बाधित करना नागरिक के दायित्व का पालन कह कर किया जाता है. साथ ही उपद्रव के जरिये देश की हानि की जाती है.

यह परिस्थिति देश और समाज के हित में नहीं है. विवेकहीन होकर जीना किसी के भी हित में नहीं होगा. अत: आज देश में नागरिक के कर्तव्य यानी नागरिकता के व्यावहारिक पक्ष की व्यापक शिक्षा की जरूरत है क्योंकि नागरिकता के कर्तव्यों का पालन करके ही नागरिक, देश और उसके संविधान की रक्षा संभव है.
                                                                                                         – प्रो. गिरीश्वर मिश्र, शिक्षाविद

Tags: Opinion polls, Republic day, Republic Day Celebration

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26 जनवरी को देश 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. इसी दिन 1950 को  भारत के संविधान को उसका अस्तित्व मिला था.

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26 जनवरी को देश 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. इसी दिन 1950 को  भारत के संविधान को उसका अस्तित्व मिला था. भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े और पुराने  लिखित संविधानों में सुमार है. भारतीय संविधान विविधताओं से भरा दुनिया का अपनी तरह का अलग संविधान है.

इसे अपने अस्तित्व में आने में पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, जिसके बाद यह संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरे देश के लिए लागू हो गया था. इस दिन देश भर के लोग खुशी मनाते हैं और एक- दूसरे को गणतंत्र की शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में न्यूज18 इंडिया देशवाशियों को कुछ वॉलपेपर्स के जरिए शुभकामनाएं दे रहा है.

भारत में गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है इसके दो कारण हैं. संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को स्वीकार किया था, जबकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूरे देश में लागू हुआ था.

इसी के उपलक्ष में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1929 को अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास किया था.

26 जनवरी को भारत गणतंत्र देश बना था इसलिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. गणतंत्र दिवस के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था,.

स्वतंत्रता दिवस 15 1947 को देश आजाद हुआ था. इसलिए हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.

भारत ने पहला गणतंत्र दिवस 1950 में मनाया थाभारत ने पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 में मनाया था.

इस हिसाब से 2020 में हम 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं. इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था.

इस दिन भारत में सभी सरकारी और निजी संस्थानों की छुट्टी होती है. भारत में सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है.

गणतंत्र दिवस की टिकट कहां से मिलती है. इस साल यानी कि 2020 में गणतंत्र दिवस परेड की टिकट आप सेना भवन, नॉर्थ ब्लॉक, लाल किला, पार्लियामेंट हाउस, जंतर-मंतर, शास्त्री भवन आदि से प्राप्त कर सकते हैं.

देश में राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड (Republic Day Parade) आयोजित होती है. यह परेड आठ किलोमीटर की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है. उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किले पर समाप्‍त होती है.

26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड, राजपथ के बजाय तत्‍कालीन इर्विन स्‍टेडियम (अब नेशनल स्‍टेडियम) में हुई थी. उस वक्‍त इर्विन स्‍टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी और उसके पीछे लाल किला साफ नजर आता था.

26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था. पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए भारत के संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया था.

राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है. 21 तोपों की ये सलामी राष्ट्रगान की शुरूआत से शुरू होती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है.

हर साल गणतंत्र दिवस पर राज्यों की झाकियां निकलती हैं, जिसका टीवी पर लाइव प्रसारण भी किया जाता है. गणतंत्र दिवस के मौके पर खासतौर पर झाकियां देखने के लिए कई लोग इंडिया गेट भी जाते हैं.

इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता पुरस्कार भी दिए जाते हैं.

26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया था.

15 अगस्त 1947 को वास्तविक स्वतंत्रा प्राप्त करने के बाद इस दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा. भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरू किया.

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CTET के लिए कल से 24 फरवरी तक करें आवेदन, जानें कब तक भर सकते हैं फीस

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पटना. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (CTET) के 14वें संस्करण के लिए शुक्रवार यानी 24 जनवरी से आवेदन स्वीकार करेगा. ऑनलाइन आवेदन 24 फरवरी तक भरे जा सकेंगे, जबकि आवेदन शुल्क 27 फरवरी तक जमा किए जा सकेंगे. इसके लिए परीक्षा का आयोजन 5 जुलाई को होगा.

आवेदन के लिए शुक्रवार से वेबसाइट पर लिंक उपलब्ध रहेगा. परीक्षा के लिए देश के 112 शहरों में केंद्र बनाए जाएंगे और 20 भाषाओं में परीक्षा आयोजित की जाएगी. परीक्षा, भाषा, पाठ्यक्रम, योग्यता मानदंड, परीक्षा शुल्क, केंद्र और महत्वपूर्ण तिथियों से संबंधित बुलेटिन शुक्रवार को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा.

ऑनलाइन आवेदन 24 फरवरी तक स्वीकार किए जाएंगे. 27 फरवरी को दोपहर 3:30 बजे तक ऑनलाइन शुल्क स्वीकार किए जाएंगे. सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को एक पेपर की परीक्षा में शामिल होने के लिए 1000 तथा एससी, एसटी व दिव्यांग अभ्यर्थियों को 500 रुपये शुल्क जमा करना होगा.

वहीं, पेपर वन और टू दोनों की परीक्षा में शामिल होने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 1200 रुपये और एससी, एसटी व दिव्यांग अभ्यर्थियों को 600 रुपये शुल्क जमा करना होगा.

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Tags: Bihar News, CTET exam, PATNA NEWS



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