फरीदाबाद16 घंटे पहले
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क्लर्क ने खोले हैं कई राज, अकाउंट ब्रांच में दहशत का माहौल, काम कराने के लिए निगम में 4 से 6 फीसदी तक कमीशन लेने की आ रही बात।
ठेकेदार से बिल पास करने के बदले 1.40 रुपए की रिश्वत लेने वाले नगर निगम के एसई रवि कुमार शर्मा व क्लर्क रवि शंकर शर्मा की गुरुवार को एक दिन की रिमांड अवधि पूरी हो गयी। विजिलेंस ने दोनों कर्मचारियों का मेडिकल करा कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
उधर क्लर्क के बयान के आधार पर विजिलेंस की टीम ने अकाउंट ब्रांच के दोनों बड़े अधिकारियों को तलब कर कई घंटे तक इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ की है। माना जा रहा है कि इसमें कई अधिकारियों व कर्मचाारियों के नाम भी उजागर हो सकते हैं। विजिलेंस की इस कार्रवाई से नगर निगम के अकाउंट और इंजीनियरिंग ब्रांच में दहशत का माहौल है। अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी अपनी सीट पर कम ही नजर आ रहे हैं।
बता दें कि स्टेट विजिलेंस की टीम ने दो दिन पहले एसई रवि कुमार शर्मा व अकाउंट ब्रांच के क्लर्क रवि शंकर शर्मा को 1.40 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। एसई के पास से 50 हजार और क्लर्क के पास से 90 हजार रुपए की बरामदगी हुई थी। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि पकड़े गए दोनों कर्मचारियांे का सुबह बीके अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद दोपहर में उन्हें स्पेशल कोर्ट एडिशनल सेशन जज नाजिर सिंह की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

रिश्वत लेने आरोप में पकड़े गए एसई रवि कुमार शर्मा
विजिलेंस ने दो अधिकारियों को किया तलब
नगर निगम सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को अकाउंट ब्रांच के दो बड़े अधिकारियों को विजिलेंस अपने कार्यालय में तलब किया। दोनों से पूछताछ की गई। हालांकि विजिलेंस के एडिशनल एसपी अनिल कुमार का कहना है कि इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों को नोटिस जारी कर बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आ पाए। जिन अधिकारियों को बुलाने की जरूरत होगी, उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ की जाएगी।
छह फीसदी तक कमीशन लेने की आ रही बात
निगम सूत्रों ने बताया कि बिल पास कराने के बदले ठेकेदारेां से 4 से 6 फीसदी तक कमीशन मांगे जाते हैं। नाम न छापने की शर्त पर ठेकेदार ने बताया कि बिना चढ़ावा चढ़ाए काेई बिल पास करने को राजी नहीं होता। हालांकि निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने काफी हद तक लगाम लगा रखी है बावजूद मौका मिलते ही अधिकारी व कर्मचारी अपना काम कर जाते हैं।