Bank Employees Protest Against Privatization In Punjab – पंजाब में हड़ताल का पहला दिन: बैंक कर्मचारियों ने निजीकरण का किया विरोध, ट्रेड यूनियनों का मिला साथ, जानें- जिलों का हाल

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सार

ट्रेड यूनियन इंटक, सीटू व सीटीयू ने मोदी सरकार के खिलाफ भारत नगर चौक के पास डाकघर के सामने हड़ताल कर जोरदार हल्ला बोल प्रदर्शन किया। यूनियन नेताओं ने कहा कि विदेशियों को खुश करने के लिए मोदी सरकार सरकारी संपत्तियां बेच रही है।

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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने व इनका निजीकरण बंद करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के साथ-साथ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बैंक कर्मी सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। उन्होंने मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सोमवार से शुरू हुई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने कामकाज छोड़कर बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

पटियाला में निजीकरण का विरोध
पटियाला में पंजाब नेशनल बैंक की बारादरी बाग शाखा के सामने आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ के महासचिव और एआईबीईए के संयुक्त सचिव एसके गौतम ने बताया कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और फैसलों के कारण ट्रेड यूनियनें हड़ताल पर जाने को मजबूर हुई हैं।

उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों के निजीकरण को बंद करने, नए श्रम संहिताओं को वापस लेने, अनुबंध कर्मचारियों के लिए समान काम-समान वेतन की मांग करने के अलावा एनपीए की वसूली शुरू करने, बैंक जमा पर ब्याज दर बढ़ाने, ग्राहकों पर उच्च सेवा शुल्क का बोझ न डालने की मांगें प्रमुखता से उठाईं। नियमित नौकरियों की आउटसोर्सिंग का भी विरोध किया गया। पंजाब बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के सचिव यादविंदर गुप्ता ने कहा कि इन मुद्दों के अलावा अप्रैल 2010 के बाद की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का महत्वपूर्ण मुद्दा है।

विभिन्न विभागों के मुलाजिमों ने की रैली

उधर, विभिन्न विभागों के मजदूरों-मुलाजिमों ने कामकाज छोड़कर बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन के सामने रैली की। दोपहर दो बजे तक रैली करने के बाद बस स्टैंड के नजदीक मेन चौक पहुंच कर जाम लगाया। जाम की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब एटक के महासचिव निर्मल सिंह धालीवाल, इंटक पंजाब के उप प्रधान बलदेव राज बत्ता, सीटू नेता सुच्चा सिंह ने दावा किया कि केंद्र की मोदी सरकार की लोक, देश व उद्योग विरोधी नीतियों के खिलाफ आज देशभर में 25 करोड़ से अधिक मुलाजिम, मजदूर, किसान, विद्यार्थी, महिला संगठनों से जुड़े लोग हड़ताल पर हैं। बैंकों, टेलीफोन, पोस्टल, बीमा विभागों में पूर्ण तौर पर हड़ताल रही।

लुधियाना में भी ट्रेड यूनियनों का हल्ला बोल
ट्रेड यूनियन इंटक, सीटू व सीटीयू ने मोदी सरकार के खिलाफ भारत नगर चौक के पास डाकघर के सामने हड़ताल कर जोरदार हल्ला बोल प्रदर्शन किया। यूनियन नेताओं ने कहा कि विदेशियों को खुश करने के लिए मोदी सरकार सरकारी संपत्तियां बेच रही है। यूनियन नेताओं ने लोगों को और राजनीतिक दलों को एकजुट होकर केंद्र के खिलाफ संघर्ष करने को कहा। एटीसी की राष्ट्रीय महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों और बुनियादी ढांचे सहित इन सभी राष्ट्रीय संपत्तियों को मोदी सरकार स्थानीय और विदेशी कंपनियों के फायदे के लिए बेच रही हैं।

राष्ट्रीय संपत्ति बनाने वाले मजदूर वर्ग की आवाज को दबाने और ट्रेड यूनियनों को दबाने व कमजोर करने के लिए सरकार श्रम कानूनों में भारी बदलाव और श्रम विरोधी संहिताकरण में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर 12 फीसदी तक पहुंच गई है और सरकार के अपने आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारों में 25 साल से कम उम्र के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। विधानसभा चुनाव के बाद से पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम फिर से बढ़ रहे हैं।

पठानकोट: पावरकाम मुलाजिमों ने निकाली रोष रैली
पीएसपीसीएल ज्वाइंट फोरम पठानकोट की ओर से सब अर्बन और शहरी मंडल पठानकोट की ओर से केंद्र सरकार पर लोक विरोधी नीतियां और मजदूर विरोधी नीतियां लागू करने का आरोप लगाकर रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान समस्त कर्मचारियों की ओर से काले बिल्ले लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष रैली निकाली गई।

टेक्निकल सर्विसेज यूनियन के प्रधान दिनेश्वर सिंह और शहरी मंडल सचिव युवराज के नेतृत्व में कर्मचारियों की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किया गया बदलाव मजदूरों और कर्मचारियों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ठेकेदारी सिस्टम को पूरे देश में लागू करना चाहती है। इसका सभी कर्मचारी संगठन विरोध करेंगे।

जालंधर में ट्रेड यूनियनों ने निकाला रोष मार्च

जालंधर में भारतीय जीवन बीमा में कार्यरत सभी श्रेणी 3 और 4 के कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में रोष मार्च निकाला। मंडल सचिव वेद कुमार ने बताया कि एलआईसी के सरप्लस (लाभ) को बांटने के पुराने फार्मूले, जो पॉलिसीधारक और सरकार में क्रमश: 95 फीसदी और 5 फीसदी था, को बदलकर आईपीओ के बाद 90 फीसदी और 10 फीसदी किया जा रहा है, जिससे आम पॉलिसीधारकों को नुकसान होगा। हम इसका विरोध करते हैं। 1956 में एलआईसी बनने के बाद सरकार ने 5 करोड़ का निवेश किया था, जिसकी बदौलत आज एलआईसी के पास 39 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हैं।

गुरदासपुर में भी रोष रैली निकाली
गुरुदासपुर में भी गुरु नानक पार्क में अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने रोष रैली की। जिसकी अध्यक्षता पूर्ण चंद, अश्वनी कुमार, जोगिंदर पाल सैनी, नरिंदर सिंह बाजवा ने की। इस मौके पर गुरमीत सिंह बख्तपुरा, जसवंत सिंह बुट्टर व मायाधारी ने संयुक्त तौर पर कहा कि लॉकडाउन के दौरान करोड़ों मजदूर बेरोजगार हो गए थे। अब पढ़े लिखे नौजवानों को रोजगार दिया जाना चाहिए। पिछले एक माह में कच्चे लोहे की कीमत 25 रुपये से 65 रुपये किलो व कच्चा कोयला 12 रुपये से 25 रुपये किलो तक पहुंच गया है। इस कारण छोटे उद्योग बंद होने के कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर विभाग का निजीकरण कर रही है। जो किसी भी तरह से वाजिब नहीं है। बड़े घरानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिहाड़ी 700 रुपये की जाए।

उधर, ज्वाइंट फोर्म पंजाब के आह्वान पर सोमवार को टेक्नीकल सर्विस यूनियन व एटक की ओर से संयुक्त तौर पर बहरामपुर में केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के खिलाफ व मुलाजिमों के हक में काले बिले लगा कर रोष रैली की गई। जिसकी अध्यक्षता इंजीनियर नरवीर सिंह प्रधान टीएसयू ने की। इस मौके पर संजीव सैनी व संजीव शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की मुलाजिम विरोधी नीतियों के विरुद्ध दो दिवसीय हड़ताल की जा रही है। जिसकी हिमायत में टेक्नीकल सर्विस यूनियन सहित अन्य संगठनों की ओर से काले बिल्ले लगाकर रोष रैली की गई।

कर्मचारियों की हड़ताल से थमा अमृतसर

कर्मचारियों की हड़ताल से सोमवार को अमृतसर थम सा गया। सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ कई स्थानों पर धरने लगाए गए और विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की गई। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और मुलाजिमों की राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर शुरू किए गए दो दिवसीय विरोध के पहले दिन अलग-अलग ट्रेड यूनियनों ने कई जगहों पर चक्का जाम किया। कर्मचारियों की हड़ताल से कई बैंकों में काम भी प्रभावित रहा।

केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ औद्योगिक मजदूरों, बैंक कर्मचारियों, सरकारी ट्रांसपोर्ट, टेलीकाम, एलआईसी, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट, बीआरटीएस और भट्ठा मजदूरों ने अलग-अलग स्थानों पर हड़ताल कर रोष प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में मजदूर कंपनी बाग में इकट्ठे हुए और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

उधर, गढ़शंकर में भी पंजाब-यूटी मुलाजिम एवं पेंशनर्स संयुक्त फ्रंट और पुरानी पेंशन बहाल संघर्ष कमेटी के नेताओं रामजी दास चौहान, हरपाल कौर, शाम सुंदर, मुकेश कुमार और सतपाल मिन्हास की अगुवाई में हड़ताल कर बस स्टैंड पर रोष रैली करने के बाद शहर में रोष मार्च निकाला गया। संगरूर में दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और आजाद फेडरेशनों के आह्वान पर स्कीम वर्करों, मिड-डे मील, आंगनबाड़ी यूनियन, आशा वर्करों, बैंक एलआईसी और बिजली, ट्रांसपोर्ट के अलावा प्राइवेट इंडस्ट्री वर्करों ने हड़ताल करने के बाद बस स्टैंड में जाम लगाकर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व सुखदेव शर्मा, मनदीप कुमारी, देवराज वर्मा ने किया।

विस्तार

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने व इनका निजीकरण बंद करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ और भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के साथ-साथ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बैंक कर्मी सोमवार से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। उन्होंने मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सोमवार से शुरू हुई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने कामकाज छोड़कर बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

पटियाला में निजीकरण का विरोध

पटियाला में पंजाब नेशनल बैंक की बारादरी बाग शाखा के सामने आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ के महासचिव और एआईबीईए के संयुक्त सचिव एसके गौतम ने बताया कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और फैसलों के कारण ट्रेड यूनियनें हड़ताल पर जाने को मजबूर हुई हैं।

उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों के निजीकरण को बंद करने, नए श्रम संहिताओं को वापस लेने, अनुबंध कर्मचारियों के लिए समान काम-समान वेतन की मांग करने के अलावा एनपीए की वसूली शुरू करने, बैंक जमा पर ब्याज दर बढ़ाने, ग्राहकों पर उच्च सेवा शुल्क का बोझ न डालने की मांगें प्रमुखता से उठाईं। नियमित नौकरियों की आउटसोर्सिंग का भी विरोध किया गया। पंजाब बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के सचिव यादविंदर गुप्ता ने कहा कि इन मुद्दों के अलावा अप्रैल 2010 के बाद की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का महत्वपूर्ण मुद्दा है।

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