आखिर अगस्ता बिका: 12 बार प्रयास हुए, अब बेस प्राइस से तीन गुना कीमत मिली

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जयपुर14 मिनट पहले

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राज्य सरकार के हेलिकाॅप्टर अगस्ता व दाे प्लेन रिजर्व प्राइस से अधिक कीमत पर बिक गए हैं। - Dainik Bhaskar

राज्य सरकार के हेलिकाॅप्टर अगस्ता व दाे प्लेन रिजर्व प्राइस से अधिक कीमत पर बिक गए हैं।

  • 10 साल पहले गहलोत दुर्घटना से बाल-बाल बचे थे

राज्य सरकार के हेलिकाॅप्टर अगस्ता व दाे प्लेन रिजर्व प्राइस से अधिक कीमत पर बिक गए हैं। अगस्ता की रिजर्व प्राइस ढाई कराेड़ रु. रखी गई थी, जिसकी नीलामी 7.55 कराेड़ रुपए में हुई है। बी-200 की रिजर्व प्राइस करीब 9 कराेड़ रुपए थी जाे कि 18.50 कराेड़ में बिका है। सी-90 प्लेन की कीमत सवा तीन कराेड़ रुपए थी जाे 7.60 कराेड़ रुपए में बिका है।

सी-90 राज्य सरकार ने 2.74 कराेड़ में खरीदा था। करीब 10 साल पहले जिस अगस्ता ​हेलिकॉप्टर से सीएम अशोक गहलोत बाल-बाल बचे थे उसको लंबे समय से खरीददार नहीं मिल रहा था। राजस्थान सरकार अगस्ता हेलिकॉप्टर को बेचने के लिए 12 बार प्रयास कर चुकी थी। हालांकि इसकी रिजर्व प्राइस घटने के बाद नीलामी में अधिक तवज्जो मिली है। इससे पहले इसकी रिजर्व प्राइस 4.5 करोड़ रुपए तक रखी जा चुकी थी।

2005 में 30 करोड़ में खरीदा था अगस्ता, 2011 से स्टेट हैंगर पर खड़ा है
राजस्थान सरकार ने बीजेपी राज में 2005 में इसे 30 करोड़ में खरीदा था। दिसंबर 2011 से यह हेलिकॉप्टर स्टेट हैंगर पर खड़ा है और इसकी कीमत घटती ही जा रही है। अगस्ता कंपनी ने इसके बदले कुछ और पैसा लेकर नया हेलिकॉप्टर देने की भी पेशकश की थी, लेकिन यह प्रस्ताव भी खारिज हाे चुका है। खरीदने के दो साल के भीतर ही इसके इंजन में खराबी आ गई थी। वारंटी पीरियड में होने के कारण अगस्ता वेस्टलेंड कंपनी ने इंजन बदल दिए। इंजन में खराबी का कारण राजस्थान की गर्म जलवायु और धूलभरा वातावरण बताया था।

15 दिन जंगल में खड़ा रहा था हेलिकॉप्टर
20 नवंबर 2011 को गहलोत चूरू जिले के न्यांगल बड़ी गांव में महिला सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे थे। रास्ते में हेलिकॉप्टर की रोटर ब्लैड पंखुड़ी टूट गई, जिससे यह हवा में लहराने लगा था। पायलट ने चांदकोठी गांव के चारागाह में आपात लैंडिंग करवाई। जहां करीब 15 दिन तक यह खड़ा रहा। इसकी मरम्मत के लिए इटली से पार्ट्स मंगवाए गए। बाद में इसे जयपुर लाया गया। तब से इस हेलिकॉप्टर में वीआईपी उड़ानें बंद कर दी गईं। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन की जांच में यह सामने आया था कि रोटर ब्लेड टूटने का कारण मेंटेनेंस नहीं होना था।

अब सरकार के पास खुद का हेलिकॉप्टर नहीं
राजस्थान सरकार के पास खुद का कोई हेलिकॉप्टर नहीं है। सीएम और राज्यपाल की यात्राओं के लिए किराए पर मंगवाते हैं। बीजेपी सरकार के समय नया प्लेन खरीदने को टेंडर जारी किया था, लेकिन खरीद नहीं हो सकी थी। गहलोत सरकार ने 10 सीटर जेट प्लेन खरीदने को नवंबर 2019 में ग्लोबल टेंडर निकाला था, लेकिन कोरोना आने से प्रक्रिया अटक गई।

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