फरीदाबाद9 घंटे पहले
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शिकायकर्ता का आरोप, पार्क की जमीन पर कब्जा कर बनाई रामलीला कमेटी, दुकानें बनाकर करते थे मोटी कमाई।
- तोड़फोड़ के दौरान कमेटी के लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन, प्रधान समेत दो लोग लिए गए हिरासत में
- वर्ष 2015 में हाईकोर्ट पहुंचा था अवैध कब्जे का केस, पुर्नावास विभाग की जमीन पर चिन्हित किया गया था पार्क
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने सोमवार को एनआईटी एक स्थित विजय रामलीला कमेटी पर बड़ी कार्रवाई की। करीब 66 साल पुरानी रामलीला कमेटी के धर्मशाला और दुकानों पर बुल्डोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया। तोड़फोड़ के दौरान कमेटी के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। जेसीबी के आगे लेट गए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाकर हिरासत में ले लिया।
सुबह 11 बजे शुरू हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई दोपहर बाद करीब 4 बजे तक चली। इस दौरान दो मंजिला बनी धर्मशाला समेत करीब 20 दुकानों को तोड़कर जमींदोज कर दिया गया। निगम प्रशासन का कहना है कमेटी द्वारा धर्मशाला का निर्माण पार्क की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया था।
ये है पूरा मामला
एनआईटी एक स्थित विजय रामलीला कमेटी का दो मंजिला धर्मशाला बना हुआ था। इसमें करीब 18-20 दुकानें बनीं थी जबकि नीचे बड़ा हॉल बनाया गया था। ये जमीन पुर्नवास विभाग की थी। बाद में इस पर मालिकाना हक निगम के पास आ गया था। करीब दो हजार वर्गगज जमीन पार्क के लिए चिन्हित की गई थी। वर्ष 2015 से सूरजभान बनाम स्टेट आफ हरियाणा का ये केस पंजाब एंड हाईकोर्ट में चल रहा है। जनवरी 2019 में हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को तोड़कर स्टेट्स रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।

एनआईटी एक नंबर स्थित विजय रामलीला कमेटी की धर्मशाला को तोड़ता निगम का दस्ता
कोविड के कारण नहीं हो सकी थी कार्रवाई
निगम अधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद कमेटी प्रबंधन को कई बार नोटिस जारी कर अवैध निर्माण खाली करने को कहा गया था। लेकिन प्रबंधन ने अवैध कब्जा नहीं छोड़ा। इसी बीच कोराेना आने के कारण कार्रवाई नहीं हो पायी। पिछले दिनों भी कमेटी प्रबंधन को नोटिस देकर कब्जा हटाने को कहा था लेकिन फिर भी लोगों ने कब्जा नहीं हटाया।
पांच घंटे में पूरी धर्मशाला कर दी जमींदोज
तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ सुमेर सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह करीब 11 बजे दो जेसीबी व एक पोकलेन से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की गई। दोपहर चार बजे अभियान खत्म कर दिया गया। इस दौरान दो मंजिला धर्मशाला पर बनाए गए करीब 20 दुकानों और पूरी धर्मशाला को तोड़ दिया गया। नगर निगम के एडवोकेट सतीश आचार्य ने बताया कि जल्द ही हाईकोर्ट को स्टेट्स रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
66 साल पहले बनी थी कमेटी
विजय रामलीला कमेटी के चेयरमैन सुनील कपूर ने बताया कि ये रामलीला कमेटी शहर की सबसे पुरानी रामलीला कमेटी है। इसे वर्ष 1957 में बुजुर्गोां ने शुरू किया था। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसकी ओपनिंग की थी और दान में 101 रुपए भी प्रदान किए थे। उनका कहना है कि नगर निगम और शिकायकर्ता ने हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचायी है। ईश्वर इन्हें कभी माफ नहीं करेगा। उधर तोड़फोड़ कर विराेध करने पर पुलिस ने सुनील कपूर और कमेटी के सदस्य नितिन शर्मा को हिरासत में ले लिया था। समाचार लिखे जाने तक उन्हें छोड़ा नहीं गया था।