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- More Than 150 Astrologers Are Brainstorming On Planetary Conditions, Their Effects And Solutions, PG And Diploma Will Also Start Soon
उदयपुर3 घंटे पहले
सम्मेलन में चर्चा के बाद निशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर में सैंकड़ों लोग पहुंचे
उदयपुर की सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सम्मेलन में ज्योतिषविद् जीवन में ज्योतिष विज्ञान के महत्व पर मंथन कर रहे हैं। दूसरे दिन भी देश भर से आए 150 से ज्यादा ज्योतिषविद् मनुष्य जीवन पर ग्रहो की चाल के प्रभाव पर चर्चा कर रहे हैं। सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग और आखिल भारतीय शोध संस्थान के साझे में यह सम्मेलन आयोजित हो रहा है। वहीं अगले सत्र से अब ज्योतिष शास्त्र में पीजी और डिप्लोमा भी शुरू होगे।
संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नीरज शर्मा ने बताया कि भारतीय संस्कृति में ज्योतिष विद्या का प्रमाण वेदों में भी है। ग्रहों के प्रभाव को किसी के जीवन से नकारा नहीं जा सकता। इस सम्मेलन में पंजाब, गुजरात, दिल्ली उडीसा, जम्मू सहित कई राज्यों के ज्योतिषविद भाग ज्योतिष परंपरा और व्यावहारिक उपयोगिता पर मंथन कर रहे है। यह आयोजन सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के स्वर्ण जयंती अतिथि गृह में हो रहा है। इसमें संस्कृत विभाग से जुडे़ शोधार्थियों ने भी पत्र वाचन किए।
रविवार को तकनीकी सत्रों का आयोजन हो रहा है। शनिवार को भी सम्मेलन में चर्चा के बाद निशुल्क ज्योतिष परामर्श शिविर में सैंकड़ों लोग पहुंचे। ज्योतिषविदो में कुंडली देखकर उनके भविष्य की स्थितियां बताई और उपाए सुझाए। लोग अपनी ग्रह दशा, उनके प्रभावों और निराकरण से जुड़े प्रश्नो को लेकर सम्मलेन में आए थे। जयपुर से आई डॉ मेघा शर्मा और मनोज गुप्ता ने भी वास्तु के महत्व को लेकर अपने विचार रखे। मेघा शर्मा ने कहा कि वास्तु का संबंध सीधे तौर पर पंच तत्वों से है, ऐसे में वास्तु के अनुसार हमें मकान का निर्माण करवाना चाहिए। ये घर के सदस्यों के स्वास्थ्य के साथ ही सुख-समृद्वि का सीधा प्रभाव डालता है। प्राचीन काल से ऊर्जा के स्तर को सही रखने के लिए घर में चौक का स्थान खुला होना चाहिए। इसी से हम आकाश की ऊर्जा से कनेक्ट हो सकते है।