14 साल पुराने केस में निर्मल यादव ने फिर मांगी डेट; वकील बोले-जवाब तैयार, साइन होने शेष | Punjab and Haryana high court judge Nirmal Yadav bribe case hearing in Chandigarh CBI court latest news

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चंडीगढ़9 मिनट पहले

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चंडीगढ़ के 15 लाख रुपए रिश्वत मामले में गुरुवार को भी चंडीगढ़ CBI कोर्ट में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जज, जस्टिस(रि) निर्मल यादव के बयान दर्ज नहीं हो सके। उनके काउंसिल इससे पहले कई बार तारीख मांग चुके हैं। आज फिर तारीख मांगी गई। इस पर CBI कोर्ट ने एक अंतिम मौका देते हुए 25 नवंबर को बयान दर्ज करवाने को कहा है। केस में बाकी तीनों आरोपियों के CBI कोर्ट बयान रिकार्ड कर चुकी है। जस्टिस यादव के CRPC 313 के तहत बयान दर्ज किए जाने हैं।

निर्मल यादव 14 साल पुराने भ्रष्टाचार मामले में आरोपी हैं। मामले में बाकी आरोपियों के बयान 313 के तहत दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें आरोपी बिजनेसमैन रविंदर सिंह भसीन, राजीव गुप्ता और निर्मल सिंह शामिल हैं। एक आरोपी संजीव बंसल की मौत हो चुकी है।

जवाब तैयार, दस्तखत बाकी

निर्मल यादव के वकील ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि CRPC 313 के तहत मामले में लिखित जवाब और CBI द्वारा पेश सबूतों जवाब तैयार हो चुका है। हालांकि इस पर आरोपी (जस्टिस निर्मल यादव) के दस्तखत होने बाकी हैं। ऐसे में यह जवाब दायर करने के लिए कुछ समय की मांग की गई। CBI जज ने 25 नवंबर के लिए यह जवाब पेश करने के आदेश दिए। वहीं कहा कि मामले में सभी आरोपी अपने बचाव पक्ष के गवाहों की सूची अगली सुनवाई पर पेश करें।

कोर्ट अपने ऑर्डर में कह चुका है कि यह मामला 10 साल से पुराने केसों की श्रेणी में आता है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेशों के तहत केस को इसी वर्ष दिसंबर तक डिसाइड किया जाना है। वर्ष 2008 में दर्ज इस केस में CBI कोर्ट के स्पेशल जज जगजीत सिंह साफ कर चुके हैं कि दिसंबर 2022 तक इस केस का ट्रायल पूरा किया जाएगा।

गलती से संजीव बंसल का मुंशी प्रकाश राम जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर रिश्वत ले गया था।

गलती से संजीव बंसल का मुंशी प्रकाश राम जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर रिश्वत ले गया था।

इन धाराओं में चल रहा है केस

रिटायर्ड जज निर्मल यादव पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 11 और बाकी 4 आरोपियों पर IPC की विभिन्न धाराओं समेत आपराधिक साजिश रचने की धारा के तहत केस दर्ज हुआ था। हरियाणा के पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल संजीव बंसल की ट्रायल के दौरान किसी बीमारी से मौत हो गई थी। जिसके बाद से जस्टिस यादव समेत हरियाणा-दिल्ली के होटलियर रविंदर सिंह भसीन, चंडीगढ़ के बिजनेसमैन राजीव गुप्ता और निर्मल सिंह पर मुकद्दमा चल रहा है।

गलत जज के घर ले आया था रिश्वत

हाईकोर्ट की जज रही जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर गलती से रिश्वत के 15 लाख रुपए पहुंच गए थे। CBI केस के मुताबिक, यह रकम जस्टिस निर्मल यादव के लिए थी। जस्टिस निर्मल जीत कौर के पीअन अमरीक सिंह ने 13 अगस्त 2008 को हुए इस प्रकरण की शिकायत दी थी। संजीव बंसल का मुंशी प्रकाश राम नामक व्यक्ति उनके घर प्लास्टिक बैग में यह रकम लेकर पहुंचा था। उसने पीअन अमरीक सिंह को कहा था कि दिल्ली से कुछ पेपर्स आए हैं, जो डिलीवर करने हैं। हालांकि बैग में मोटी रकम थी। केस की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ CBI को केस की जांच सौंपी गई थी।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

2011 में CBI ने दायर की थी चार्जशीट

CBI ने जांच के बाद कहा कि जस्टिस निर्मल यादव समेत अन्यों पर आपराधिक केस बनता है। जस्टिस निर्मल यादव के खिलाफ मार्च 2011 में जब CBI ने चार्जशीट दायर की थी तो वह उत्तराखंड हाईकोर्ट की जज थी। रिश्वतकांड के बाद वर्ष 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से उनका ट्रांसफर हो गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यादव की ट्रायल पर रोक लगाने की अर्जी को रद्द करते हुए ट्रायल में देरी पैदा करने के लिए उन्हें फटकार लगाई थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने उनकी यह मांग रद्द कर दी थी। जनवरी 2014 में आरोपियों के खिलाफ CBI कोर्ट ने आरोप तय किए थे। ट्रायल के दौरान संजीव बंसल की मौत हो गई थी।

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