जयपुर42 मिनट पहले
दत्तात्रेय होस्बाले ने बुधवार को बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में ष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।
जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में दीनदयाल स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले मुख्य वक्ता के तौर पर मौजूद रहे। इस दौरान होस्बोले ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि भारत में 600 से अधिक जनजातियां कहती थीं कि हम अलग हैं। भारत विरोधी ताकतों ने उन्हें उकसाने का काम किया था। लेकिन गोलवलकर जी ने उन्हें कहा कि वह हिंदू है। उनके लिए दरवाजा बंद नहीं है। क्योंकि हम वसुदेव कुटुंबकम की अवधारणा पर काम करते है। किसी ने मजबूरी में गौ मांस ही क्यों ना खाया हो। लेकिन किसी कारण से वो गए। तो दरवाजा बंद नहीं कर सकते है। आज भी उसकी घर वापसी हो सकती है।
होस्बोले ने कहा कि भारत हिन्दू राष्ट्र है। क्योंकि इस देश को बनाने वाले भी हिन्दू हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वेद पुराण में हिन्दू नहीं है, लेकिन वेद पुराण में ऐसा भी नहीं कि इन्हें स्वीकार नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सत्य और उपयोगी बातों को स्वीकार करना चाहिए।
वे बोले- डॉ. हेडगेवार इस व्याख्या में नहीं पड़े कि हिन्दू कौन हैं। भारत भूमि को पितृ भूमि मानने वाले हिन्दू हैं। जिनके पूर्वज हिन्दू हैं, वे हिन्दू हैं। जो स्वयं को हिन्दू माने वो हिन्दू हैं। हम जिन्हें हिन्दू कहते हैं, वह हिन्दू हैं। होस्बोले ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी हिंदू है। क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे। उनकी पूजन पद्धति अलग हो सकती है। लेकिन उन सभी का डीएनए एक है।
जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान करते होस्बोले।
संघ सभी मतों और संप्रदाय को एक मानता है
कार्यक्रम में वे बोले- संघ न तो दक्षिणपंथी है, और न ही वामपंथी है। बल्कि राष्ट्रवादी है। संघ भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। ऐसे में सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का नेतृत्व करेगा।
संघ ने हर दर्द को सहा और कहा एन्जॉय द पेन। आज राष्ट्र जीवन के केंद्र बिंदु पर संघ है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण के कार्य करता रहेगा। समाज के लोगो को जोड़कर समाज के लिए काम करेगा। आज संघ के एक लाख सेवा कार्य चलते हैं। संघ एक जीवन पद्धति और कार्य पद्धति है। संघ एक जीवन शैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है। हिंदुत्व के सतत विकास के आविष्कार का नाम RSS है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कल, आज और कल विषय पर अपनी बात रखी।
संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बोले- संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए।केवल दिमाग से काम नहीं चलेगा, क्योंकि दिल और दिमाग बनाना ही संघ का काम है। यही वजह है कि आज संघ का प्रभाव भारत के राष्ट्रीय जीवन में है। देश में लोकतंत्र की स्थापना में RSS की भूमिका रही। ये बात विदेशी पत्रकारों ने लिखी थी।
तमिलनाडु में मतांतरण के विरुद्ध हिन्दू जागरण का शंखनाद हुआ था। उन्होंने संघ के संघर्ष काल को बताया कि किस तरह से संघर्ष के दौर से संघ गुजरा। उस दौर का किया जिक्र जब पत्रकार संघ के कहने से खबर तक नहीं छापते थे। लेकिन आज संघ छपता है। तो अखबार बिकता है। देश में संघ के सैंकड़ो लोगों की हत्याएं हुई। लेकिन संघ के कार्यकर्ता डरे नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निंबाराम और सह-कार्यवाहक दत्तात्रेय होस्बोले से बातचीत करती हुईं।
संघ सिर्फ राष्ट्र हित में काम करने वाला है, और हम नेशनलिस्ट हैं। इस दौरान राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत बड़ी संख्या में BJP और RSS के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ये खबर भी पढ़ृें…
बजट से राजस्थान के 1.45 करोड़ मजदूरों पर असर:आदिवासी इलाकों में खुलेंगे स्कूल, घर और पानी पर ज्यादा होगा खर्च

केंद्र सरकार की सहायता से राज्यों में चल रही स्कीम्स में बजट घटने-बढ़ने का असर राजस्थान के इसी माह आने वाले बजट पर भी पड़ेगा।
केंद्र ने गांवों में रोजगार की लाइफ लाइन मानी जाने वाली मनरेगा स्कीम के बजट में बड़ी कटौती की है। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को मिलने वाली स्कॉलरशिप स्कीम का भी बजट एक तिहाई घटा दिया है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भी 3 हजार करोड़ रुपए बजट कम किया है। योजनाओं में बजट घटाने से अन्य राज्यों के साथ राजस्थान को भी हिस्सा राशि कम मिलेगी।
हालांकि, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और भारत स्वच्छ मिशन का बजट पिछले साल के मुकाबले बढ़ाया गया है। बजट बढ़ने से राजस्थान को भी ज्यादा राशि मिलेगी। (यहां पढ़ें पूरी खबर)