हरियाणा के कृषि मंत्री बोले- पंजाब से हमने SYL का पानी मांगा था, धुआं नहीं | Agriculture Minister said – Kejriwal ji, we had asked for water from SYL, there is no stubble smoke, learn management from us

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चंडीगढ़8 घंटे पहले

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हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल। - Dainik Bhaskar

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल।

पराली जलाए जाने को लेकर हरियाणा ने पंजाब और दिल्ली पर फिर से हमला किया है। हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि केजरीवाल जी हमने SYL का पानी मांगा था, लेकिन आपने लोगों को पराली का धुआं दे दिया। पराली प्रबंधन के लिए आपको हरियाणा से गुर सीखने चाहिए।

हरियाणा में जीरो बर्निंग
हरियाणा के कृषि मंत्री ने दावा किया कि राज्य में जीरो बर्निंग पर काम हो रहा है। जबकि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो चुकी है। हरियाणा लगातार किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रयास कर रहा है। यही कारण है कि साल दर साल सूबे में पराली जलाने की घटनाएं कम हो रही हैं।

हरियाणा सरकार के द्वारा पंजाब में पराली जलाने को लेकर नासा का जारी किया गया मैप।

हरियाणा सरकार के द्वारा पंजाब में पराली जलाने को लेकर नासा का जारी किया गया मैप।

पंजाब के मुकाबले 10 % घटनाएं
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि पंजाब के मुकाबले हरियाणा में 10% ही पराली जलाने की घटनाएं हैं। इसके बाद भी हरियाणा पर दोषारोपण हो रहा है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है और उससे किसान भी आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रबंधन में कमियां हैं, लेकिन वो सिर्फ हर बात का आरोप भाजपा और नरेंद्र मोदी पर लगाते हैं।

पंजाब में नहीं मिल रहीं किसानों को सुविधाएं
कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब में किसानों को सुविधा नहीं मिल रही हैं, यदि किसानों को सुविधाएं मिलतीं तो वह भी पराली नहीं जलाते। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से कृषि मंत्री ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की जो समस्या है उनका समाधान करें, हरियाणा को आरोपित न करें।

खेत में पराली जलाता किसान।

खेत में पराली जलाता किसान।

2021 के मुकाबले 31 फीसदी की कमी
पराली जलाने के आंकड़े बताते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में अब तक पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 31 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इस वर्ष 3 नवंबर तक 1601 चालान करते हुए 37.85 लाख रुपए का जुर्माना हरियाणा ने किसानों पर लगाया है।

हरियाणा का पराली प्रबंधन

– फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी पर अनुदान, पंजाब में नहीं।

– वर्ष 2018 से 2021 तक 72777 मशीन 584 करोड़ अनुदान पर दी जिसमें 1261 बेलर शामिल।

– 2022 में 7146 मशीनों पर 100 करोड़ अनुदान पर जिसमें 600 बेलर सम्मिलित हैं।

– पराली की MSP पर खरीद के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन।

– 25 लाख एकड़ भूमि के प्रबंधन के लिए निशुल्क डी कंपोजर किट किसानों को दी।

– 1000 रुपए प्रति एकड़ की दर से किसानों को मुआवजा।

– 2021 में 25 करोड़ रुपए किसानों को इस स्कीम के तहत हरियाणा ने दिए।

– इंडियन ऑयल के 2 जी इथेनॉल प्लांट में पराली की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़ की किसानों को प्रोत्साहन राशि वार्षिक 2 लाख टन पराली की खपत।

– धान की पराली की खपत करने पर गोशालाओं को अधिकतम 15000 रुपए की प्रोत्साहन राशि

– वर्ष 2021 में 4 लाख टन फसल अवशेषों का उद्योगों में प्रयोग ।

– 2022 में 13 लाख टन फसल अवशेषों की इथेनॉल सीबीजी कार्ड बोर्ड एवं बायोमास प्लाटों द्वारा संभावित खपत।

– पंचायत भूमि पर धान की पराली की बेलों की भंडारण की व्यवस्था।

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