विदेशों तक फैला है अमरोहा का ढोलक कारोबार, 300 करोड़ सलाना का है टर्न ओवर | Amroha’s dholak business has spread to foreign countries, there is an annual turnover of 300 crores

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अमरोहाकुछ ही क्षण पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को होने वाले मन की बात कार्यक्रम में अमरोहा के ढोलक कारोबारियों से संवाद करेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्यक्रम का प्रसारण लकड़ी हस्तकला एसोसिएशन के अध्यक्ष शक्ति कुमार अग्रवाल के कारखाने में होगा।

देश विदेश में है अमरोहा के ढोल की मांग।

देश विदेश में है अमरोहा के ढोल की मांग।

दैनिक भास्कर से लकड़ी हस्तकला एसोसिएशन के अध्यक्ष शक्ति कुमार अग्रवाल ने बात की। उन्होंने बताया कि अमरोहा की ढोलक देश दुनिया में पहचान बना चुकी है। ढोल का कारोबार महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। अपने पूर्वजों से काम सीख कर उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

लकड़ी खरीने में आती थी दिक्कत
शक्ति कुमार अग्रवाल ने बताया कि लकड़ी लाने में भारी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। कभी वन विभाग तो कभी अन्य अधिकारी उन्हें परेशान करते थे। 2017 में योगी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद में अमरोहा की ढोलक को रखा है। तब से इस कारोबार को नई उंचाइयां मिली है। ढोलक के करीब 300 कारखाने हैं। जिससे करीब चार हजार से अधिक मजदूर जुड़े हैं।

300 करोड़ रुपये का होता है सलाना टर्न ओवर।

300 करोड़ रुपये का होता है सलाना टर्न ओवर।

300 कारखानों में बनता है ढोलक
अध्यक्ष ने बताया कि अमरोहा में बनने वाले ढोलक और तबले सऊदी अरब, कनाडा, यूएसए, इंग्लैंड, ईरान सहित कई देशों में भेजे जाते हैं। इस कारोबार सालाना लगभग 300 करोड़ का टर्न ओवर है। एक जिला एक उत्पाद में आने के बाद ढोलक के कारोबार को रफ्तार मिली है। सरकार की ओर से कारोबारियों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

300 कारखानों में ढोल और नगाड़ों को तैयार किया जाता है।

300 कारखानों में ढोल और नगाड़ों को तैयार किया जाता है।

कारोबारियों का जानेंगे समस्या
ऐसे में अमरोहा की पहचान बनी ढोलक से जुड़े कारोबारी और कारीगरों से रविवार को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में संवाद करेंगे। कारोबार की स्थिति तो जानेंगे। साथ ही कारोबारियों की समस्याएं भी सुनेंगे।

लकड़ी हस्तकला एसोसिएशन के अध्यक्ष शक्ति कुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके पास कार्यक्रम से जुड़ी तकनीकी टीम का फोन आ था। टीम ने यहां पहुंचकर सेटअप तैयार कर दिया है। कार्यक्रम में ढोलक कारोबारी और कारीगरों को शामिल किया गया है। वहीं कार्यक्रम को लेकर पुलिस प्रशासनिक अधिकारी सतर्क हो गए हैं। अधिकारियों ने भी देर रात कार्यक्रम स्थल का मुआयना किया था।

महाभारत काल से ही ढोल बनाने का काम किया जा रहा है।

महाभारत काल से ही ढोल बनाने का काम किया जा रहा है।

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