पीलीभीत33 मिनट पहले
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सरकार की नीतियों के विरोध में चल रही सांसद वरुण गांधी की ट्विटर एक्सप्रेस थमने का नाम नहीं ले रही है। सांसद वरुण गांधी ने रविवार को एक बार फिर ट्वीट कर रेलवे द्वारा 10000 पदों को समाप्त करने की तैयारी को लेकर निशाना साधा है। इसके साथ ही सांसद वरुण गांधी ने लिखा कि यह वित्तीय प्रबंधन है या निजी करण की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम।
पद खत्म करने पर रेलवे पर उठाए सवाल
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि विगत 6 सालों में तृतीय चतुर्थ श्रेणी में 72000 पद समाप्त कर चुका रेलवे अब एनसीआर जोन के 10000 पदों को समाप्त करने जा रहा है। समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीद तोड़ रही है। यह वित्तीय प्रबंधन है या निजी करण की तरफ बढ़ाया जा रहा है कदम?
बीते कुछ दिनों से सरकार के विरोध बीजेपी सांसद वरुण गांधी एक के बाद एक ट्वीट कर हमलावर होते नजर आ रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर निजी करण के मुद्दे पर सांसद वरुण गांधी ने निशाना साधते हुए एनसीआर जोन में 10000 पदों को समाप्त करने की व्यवस्था को निजी करण बताया है। बीजेपी सांसद वरुण गांधी के ट्वीट को युवा रि ट्वीट कर अपने-अपने विचार रख रहे हैं।
ये हैं वरुण के सरकार पर पहले के ट्वीट वार
- कुछ दिन पहले वरुण ने सीएम योगी को संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर घेरा था। उन्होंने सीएम को एक पत्र लिखकर कहा था कि आपने संविदा कर्मियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया था। इसके ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- वरुण 19 दिसंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मियों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां उनके बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनी थीं।
- UPTET पेपर लीक मामले में वरुण ने सरकार से पूछा था कि आखिर रसूखदारों पर एक्शन कब होगा? उन्होंने कहा था कि ज्यादातर शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनीतिक रसूखदार हैं।
- कृषि कानून और किसानों के मुद्दे पर भी वरुण सरकार के लिए कई बार असहज स्थिति उत्पन्न कर चुके हैं। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार को कई बार लेटर लिखा था। इसमें किसानों की मांग को पूरा करने की बात कही थी।
- वरुण गांधी ने एक किसान के फसल जलाने पर भी BJP को घेरा था। उन्होंने लिखा था कि यूपी के किसान श्री समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी।
- वरुण ने केंद्र सरकार के बैंकों के निजीकरण का भी विरोध किया था। वहीं अमेजन, फ्लिपकार्ट पर भी हमला किया था। उन्होंने कहा था कि किसानों के हित में केवल वह खड़े हुए थे। इसका विरोध करने की बाकी किसी भी सांसद की हिम्मत नहीं हुई थी।
- गन्ना मूल्य को लेकर परोक्ष रूप से राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए वरुण ने कहा कि टिकट कटने के डर से पार्टी के नेता ऐसे मुद्दे नहीं उठाते। उन्हें इसका कोई डर नहीं है, क्योंकि उनके परिवार ने निर्दलीय भी चुनाव जीता है।
