भोला पांडेय/फरीदाबाद4 घंटे पहले
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दलालों की सूची वायरल होने पर शहर में मचा हड़कंप, पुलिस अफसरों ने साधी चुप्पी।
- पुलिस द्वारा तैयार की गई दलालों की लिस्ट वायरल होने पर मचा हड़कंप, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था संदीप खिरवार ने तैयार कराई थी सूची
यहां के थानों और चौकियों में इन दिनों दलालों का कब्जा है। ये दलाल कोई और नहीं बल्कि राजनेताओं के रिश्तेदार और उनके चहेते व सरपंच हैं। पुलिस ऐसे 45 दलालों की सूची तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी है। दलालों की सूची वायरल होने पर हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस सूत्रों की मानें तो ये दलाल आए दिन थानों व चौकियों में जाकर आरोपी को छुड़वाने, धाराएं कम कराने और मारपीट आदि के मामले में समझौता कराने का काम करते हैं।

पुलिस द्वारा तैयार की गई दलालों की सूची।( इस सूची की पुष्टि दैनिक भास्कर नहीं करता)
ऐसे तैयार की गई सूची
प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था संदीप खिरवार ने पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा को 13 अक्टूबर को पत्र भेजकर कहा था कि आपके यहां थानों व चौकियों में अक्सर कुछ अवांछनीय तत्वों का आना जाना होता है। ये दलाली का काम करते हैं। इससे पुलिस विभाग की छवि खराब होती है। उन्होंने ऐसे लोगों की सूची तैयार कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

वायरल हो रही थानों में दलाली करने वालों की दूसरी लिस्ट
एसीपी क्राइम ने तैयार कराई सूची
एसीपी क्राइम सुरेंद्र श्यौराण ने सभी थाना, चौकी व क्राइम ब्रांच यूनिटों से ऐसे दलालों को चिन्हित करा एक सूची तैयार कराई। 28 अक्टूबर काे तैयार की गई सूची में जिन दलालों के नाम सामने आए उसमें एक राजनेता के रिश्तेदार समेत कई गांवों के पूर्व सरपंचों के नाम शामिल हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिन 45 दलालों की सूची बनाई गई है उनमें अधिकांश राजनेताओं के समर्थक बताए जा रहे हैं। फिलहाल इस बारे में पुलिस का कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक द्वारा पुलिस कमिश्नर को भेजा गया पत्र
दलाल थानों ये कराते हैं काम
पुलिस द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार सक्रिय दलाल थानों, चौकियों और क्राइम ब्रांच यूनिटाें में जाकर अवैध खनन, अवैध प्लाटिंग, कब्जा कराने, मारपीट के मामले में समझौता कराने, आरोपी के खिलाफ धाराएं कम कराने, लड़ाई झगड़े के मामले में फैसला कराने, महिला अपराधों के मामले में फैसला कराने आदि के नाम पर दबाव बनाकर समझौता कराते हैं। इसके बदले आरोपी से मोटी रकम भी वसूलते हैं।