यूपी से दिल्ली तक के निजी अस्पतालों ने नाॅर्मल डिलीवरी से कर दिया था इंकार, सरकारी अस्पताल में बेटे को दिया जन्म | Private hospitals from UP to Delhi refused normal delivery, gave birth to a son in a government hospital

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भोला पांडेय/फरीदाबाद3 घंटे पहले

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यूपी के अंबेडकर नगर में जन्मी अरुणिमा फरीदाबाद की हैं बहू, इनके पति है नेशनल शूटर।मां बनने की खुशी के साथ अगला लक्ष्य नार्थ व साउथ पोल को करना है फतह  ।  - Dainik Bhaskar

यूपी के अंबेडकर नगर में जन्मी अरुणिमा फरीदाबाद की हैं बहू, इनके पति है नेशनल शूटर।मां बनने की खुशी के साथ अगला लक्ष्य नार्थ व साउथ पोल को करना है फतह  । 

  • वर्ष 2011 में बदमाशों ने अरुणिमा काे चलती ट्रेन से फेंक दिया था, बांया पैर कट गया, रात भर पड़ी रही रेलवे ट्रैक पर
  • कटे पैर के ऊपर से 48 ट्रेनें गुजरी थी, चार महीने तक एम्स में चल इलाज, 21 मई 2013 में किया था माउंट एवरेस्ट फतह

विश्व की पहली दिव्यांग माउंटेनर पद्मश्री डॉ. अरुणिमा सिन्हा मां बनी हैं। यूपी की बेटी और फरीदाबाद की बहू ने सोमवार की रात करीब दस बजे बेटे को जन्म दिया है। खास बात ये है कि यूपी से लेकर दिल्ली और फरीदाबाद के बड़े अस्पतालों ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी केस बताकर नाॅर्मल डिलीवरी कराने से इंकार कर दिया था। बादशाह खान अस्पताल की सीनियर गाइनोलाॅजिस्ट डॉ. पूर्निता अहलावत और डॉ. अरुणा ने माउंटेनर अरुणिमा सिन्हा की नॉर्मल डिलीवरी कराई। मां-बेटे दोनों स्वस्थ्य हैं।

डॉक्टरों के मुताबिक अरुणिमा को सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि वह बीके अस्पताल में 24 अक्टूबर से ही ऑर्ब्जरवेशन में थीं। मां बनकर अरुणिमा बेहद खुश हैं। जल्द ही वह अपने नए मिशन नार्थ व साउथ पोल फतह करने की तैयारी में जुटेंगी।

चार साल पहले हुई थी शादी

दैनिक भास्कर से बात करते हुए माउंटेनर अरुणिमा ने बताया कि उनकी शादी जून 2018 में हुई थी। इनके पति गौरव सिंह नेशनल शूटर हैं। मूलरूप से तिगांव विधानसभा क्षेत्र के गांव ताजूपुर के रहने वाले हैं। दोनों की मुलाकात पंचकूला में फरवरी 2018 में हुई थी। वहीं से गौरव ने डॉ. अरुणिमा को जीवनसाथी बनाने का फैसला लिया था।

माउंटेनर के साथ ये हुई थी घटना

अरुणिमा ने बताया कि वह पहले बॉलीबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी थी। 11 अप्रैल 2011 को वह लखनऊ से दिल्ली पदमावत एक्सप्रेस से सशस्त्र बल में भर्ती के लिए परीक्षा देने आ रही थी। जनरल कोच में बैठी थी। रात में बरेली के पास कुछ बदमाश सवार हुए और लूटपाट शुरू कर दी। अरुणिमा ने सोने की चैन पहन रखी थी। बदमाशों ने लूटने का प्रयास किया तो इन्होंने विरोध किया। बदमाशों ने इन्हें चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। लंबे संघर्षों के बाद उन्हांेने 21 मई 2013 को वह माउंट एवरेस्ट फतह करने में कामयाब हो गई।

मां बनने पर अरुणिमा को बधाई देते परिवार के लोग

मां बनने पर अरुणिमा को बधाई देते परिवार के लोग

निजी अस्पतालों का नॉर्मल डिलीवरी कराने से इंकार

अरुणिमा के पति नेशनल शूटर गौरव सिंह ने बताया कि प्रेगनेंसी के बाद अरुणिमा चाहती थी कि नार्मल डिलीवरी हो ताकि आगे खेल में कोई बाधा न उत्पन्न हो। उन्होंने बताया कि वह अरुणिमा को लखनऊ से लेकर दिल्ली तक। यहां तक कि फरीदाबाद के सभी बड़े अस्पतालों में नाॅर्मल डिलीवरी कराने के लिए बड़े बड़े डॉक्टरों को दिखाया। लेकिन सभी ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी लिखकर नॉर्मल डिलीवरी कराने से इंकार कर दिया था।

बीके अस्पताल के डॉक्टरों ने लिया इनिशिएटिव

गौरव सिंह ने बताया कि उन्हाेंने नाॅर्मल डिलीवरी के लिए सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता से मिले। उन्होंने नाॅर्मल डिलीवरी कराने का भरोसा दिया। केस को हैंडल करने के लिए सीनियर गाइनी डॉ. पूर्निता अहलावत और डॉ. अरुणा से विचार विमर्श किया। दोनों डॉक्टरों ने इनिशिएटिव लिया। 24 अक्टूबर से नियमित जांच शुरू की। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे का गले में नॉट फंस हुई थी। सोमवार की सुबह अरुणिमा को भर्ती किया और रात दस बजे नाॅर्मल बच्चे का जन्म हुआ।

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