यमुना में बीस साल बाद साफ पानी, डूबते सूरज को श्रद्धालुओं ने सूर्य को दिया अर्घ्य | Clean water in Yamuna after twenty years, devotees offered arghya to the setting sun

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नई दिल्ली9 घंटे पहले

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कृत्रिम तालाबों में डूबते सूरज को लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। - Dainik Bhaskar

कृत्रिम तालाबों में डूबते सूरज को लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।

यमुना में में बीस साल बाद साफ पानी, इसके बाद भी आज1100 कृत्रिम तालाबों में डूबते सूरज को लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। दिल्ली में आज कुदेशिया घाट, आईटीओ घाट पर श्रद्धालु यमुना में डुबकी लगाते दिखे।

भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के द्वारा चुनौती दिए जाने के बाद दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी संजय शर्मा ने रविवार को यमुना के पानी में केमिकल मिलाकर पानी से स्नान किया। स्नान के बाद यमुना का पानी साफ है। इसमें बेझिझक स्नान किया जा सकता है। यमुना के पानी का बीओडी12-13 है।

टीएसएस 20 के नीचे है, फास्फेट 0.1 और डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन 7.0 से ज्यादा है। नदी का पानी स्वच्छ है लोग बेझिझक होकर इसमें डुबकी लगा सकते हैं। ज्ञात हाे कि भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी को फटकार लगाते हुए यमुना में नहाने की चुनौती दी थी। साथ ही आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार यमुना में जहरीले केमिकल का छिड़काव कर यमुना में झाग खत्म करने का प्रयास कर रही है।

अधिकारी के द्वारा चुनौती का सामना करने के बाद वर्मा अपना पक्ष नहीं रखा, वहीं सांसद मनोज तिवारी ने आज फिर एक साल बाद वजीरा वाद पहुंचकर कहा कि आज भी नजफगढ़ से आने वाली नाला यमुना को प्रदूषित कर रही है, यमुना के प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई है।

देरी से मंजूरी देने के कारण घाटों पर लगे नार्मल शामियाना

सेंट्रल डिस्ट्रिक के कुदेशिया घाट पर मॉडर्न टैंट फर्नीचर के देवेन्द्र गुप्ता ने बताया कि यहां पर पुलिस सुरक्षा के लिए दो 12 फूट ऊंचे मचान बनाए गए है। छठ पूजा में पांडाल के साथ कनात, पर्दे, कुर्सी, टेबल, कारपेट की व्यवस्था उन्होंने की है।

देवेन्द्र ने बताया कि उसे गुरुवार को घाटों की सूची देकर काम करने को कहा गया था। वो गुप्ता जी टैंट कंपनी के वेंडर है और कई सालों से कुदेशिया घाट पर टैंट लगाने का काम कर रहे हैं इसलिए अपने अनुभव से शुक्रवार और 90 फीसदी काम पूरा कर लिया।

देवेंद्र ने बताया कि इस बार ठेकेदार के पास जब तक आर्डर आया हम कालीन, शामियाना लगा चुके थे। आईटीओ घाट पर भी इस बार पूर्व सालों के अपेक्षा बेहतर टैंट, कुर्सी, श्रद्धालुओं के लिए कालीन, पीने की पानी, एलईडी की व्यवस्था की गई है। कटारिया टैंट के सुपरवाइजर कामेश्वर से बताया कि इस घाट पर कई सालों से हमारी टैंट लग रही है।

आरोप : पुराने टैंट कंपनियों के इशारे पर काम कर रहे अधिकारी

कई टैंट मालिकों ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस बार पहले के अपेक्षा बेहतर काम हो रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने छठ पूजा के लिए 25करोड़ रुपए की राशि बहुत पहले स्वीकृत कर दिया था। पर डिस्ट्रिक्ट्स के अधिकारियों ने जानबूझ टेंडर में देरी की, और उन्हें मंगलवार को छठ घाटों की सूची देकर कहा कि पिछले साल के तरह छठ घाट बना दो, जबकि इस बार टेंडर में सभी डिस्ट्रिक ने वाटर प्रूफ पांडाल जानबूझ कर डाल दिया कभी भी वाटर प्रूफ पांडाल का इस्तेमाल नहीं हुआ था।

सभी डिस्ट्रिक टैंट मालिकों ने बताया कि हमें गुरुवार देर रात और शुक्रवार दो पहर तक वाटसअप एप्रुवल दी गई।तब तक हम काम पूरा करने के लिए पिछले सालों के तरह अनुभव के आधार पर साधारण शामियान, कनाते और कालीन के साथ अन्य काम 90 प्रतिशत पुरा कर दिया था।

बाद में पता चला है कि पुराने ठेकेदारों के राजस्व विभाग के सभी डिस्ट्रिक के अधिकारी मिलकर सीएम केजरीवाल के आदेश को धत्ता बताते हुए लगाई गई शामियाना, कनातें, कालीन 50 फीसदी क्वांटिटी कम करके एसेसमेंट कर भेज दिया है। टैंट मालिकों में हताशा और नाराजगी है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों के कारण नए कॉन्ट्रेक्टरों का घाटा होगा।

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