नोएडा9 मिनट पहले
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योगी सरकार ने महिला कर्मचारियों की सेफ्टी के लिए ‘कारखाना अधिनियम 1948’ के कुछ नियम और शर्तों में बदलाव किए हैं। इसका उद्यमियों ने स्वागत किया है, लेकिन इन नियमों से कुछ लोग असंतुष्ट भी नजर आए। उनका कहना कि सरकार अपनी सुरक्षा नीति और पुलिस को मजबूत करने के बजाय सारा भार उद्यमियों पर डालना चाहती है।

IIA नोएडा के अध्यक्ष राहुल जैन।
इसके बारे में IIA नोएडा के अध्यक्ष राहुल जैन का कहना है, महिला कर्मचारियों की सेफ्टी के लिए रात शिफ्ट में काम करवाने के नियम जरूरी हैं, लेकिन सरकार अपनी सुरक्षा नीति और पुलिस को मजबूत करने के बजाय सारा भार उद्यमी पर ही डालना चाहती है। कुछ नियम जैसे रात शिफ्ट में फ्री परिवहन और भोजन एक छोटे कारखाने के लिए हर समय संभव नहीं है। जिसके तहत महिला रोजगार को हतोत्साहन मिलने की संभावना है।

उद्यमी शिखा निर्वाल।
IIA नोएडा के वुमेन विंग की अध्यक्षा शिखा निर्वाल एक उद्यमी भी हैं। उनका कहना है कि सरकार एक कारखाने के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो नियोजक पर लगा सकती है, लेकिन कारखाने के बाहर की सुरक्षा तो सरकार की ही जिम्मेदारी है। वो एक उद्यमी कैसे उठा सकता है?

महिला उद्यमी रेखा शर्मा।
IIA इंटरनेशनल अफेयर्स की अध्यक्ष और महिला उद्यमी रेखा शर्मा का कहना है कि यह कदम बिना पढ़ी-लिखी पर कुशल कारीगर महिलाओं के रोजगार में बाध्य रहेगा। उन्होंने कहा, मैं सरकार के इस कदम की सराहना करती हूं। यह उन महिलाओं के हित को सुरक्षित करती है, जो रात में काम करने में कंफर्टेबल नहीं हैं। महिलाओं को काम स्थल पर सुरक्षा की दिशा में एक अच्छा कदम है। इसके साथ ही मैं सरकार से इंडस्ट्रियल एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर और भी ध्यान देने की गुजारिश करूंगी।